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Indian Villages News: भारत की 68.8 फीसदी आबादी गांवों में रहती है। हर गांव का अपना अलग कल्चर और रहन सहन है, इनमें से कुछ गांव अपने नवाचारों और रहस्यों के लिए देश-दुनिया में विख्यात हैं। वैज्ञानिक वहां रिसर्च करने आते हैं।  

Indian Villages News: भारत गांवों का देश है। यहां की 68.8 फीसदी आज भी आबादी गांवों में रहती है। हर गांव का अपना अलग कल्चर और रहन सहन देखने को मिलता है। आज हम देश के कुछ ऐसे गांवों के बारे में बताएंगे, जो अपने रहस्यों और नवाचारों के लिए देश-दुनिया में चर्चित हैं। इनके रहस्य समझने के लिए कुछ वैज्ञानिक रिसर्च कर रहे हैं। पढ़ें वीरेंद्र कुशवाहा की विस्तृत रिपोर्ट...। 
 
कोडिन्ही (Kodinhi) केरल 

कोडिन्ही केरल का ऐसा गांव है, जहां हर घर में आपको जुड़वा बच्चे मिल जाएंगे। जुड़वा बच्चे पैदा होने की यह कहानी वर्षों से अबूझ बनी हुई है। तमाम रिसर्च के बाद वैज्ञानिक भी इसका कारण नहीं तलाश पाए। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, मलप्पुरम के कोडिन्ही गांव में 2000 परिवार रहते हैं। जबकि, जुड़वा बच्चों की संख्या 4000 है। जुड़वां बच्चों का राष्ट्रीय औसत 1000 डिलीवरी में 9 है, लेकिन  कोडिन्ही में यह आंकड़ा 1000 में 45 से अधिक है। दुनियाभर के वैज्ञानिक यहां रिसर्च करने के लिए आते हैं, लेकिन वह आज तक वह इस रहस्या कारण नहीं खोज पाए।  

शनि शिंगणापुर (Shani Shingnapur) महाराष्ट्र 
महाराष्ट्र का शनि शिंगणापुर गांव अपनी ईमानदारी के लिए देश-दुनिया में विख्यात है। यहां रहने वाले लोग अपने घर का दरवाजा कभी नहीं बंद करते। यहां तक कि बैंक, पोस्ट ऑफिस सहित अन्य कार्यालयों के दरवाजे खुले रहते हैं। गांव में शनिदेव का प्राचीन मंदिर है, जो लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र है। ग्रामीण मानते हैं कि उनकी और घर परिवार की रक्षा शनिदेव करते हैं। यही कारण है कि रात में भी वह बिना दरवाजा लॉक किए आराम से सोते रहते हैं। कुछ जगह तो शौचालयों में तक में दरवाजा नहीं है। प्राइवेसी के लिए चादर लगा लेते हैं। 

हिवरे बाज़ार (Hiware Bazar) महाराष्ट्र 
महाराष्ट्र का हीवरे बाजार देश का सबसे संपन्न गांव है। 305 घरों वाले इस गांव में 80 से ज्यादा करोड़पति रहते हैं। 30 साल पहले तक यहां के लोग गरीबी और सूखे की समस्या से जूझ रहे थे, अपनी सूझबूझ और तकनीक की मदद से 1990 के दशक में न सिर्फ गरीबी से बाहर निकले, बल्कि उन्नति के शिखर पर पहुंचकर देशभर में गांव का नाम रोशन कर लिया। गांव की उन्नति में यहां के प्राग्रेसिव किसानों का बड़ा योगदान है। हीवरे बाजार को लोग करोड़पतियों का गांव कहते हैं। 1995 में यहां प्रति व्यक्ति आय 830 रुपए थी, जो बढ़कर 30,000 से अधिक हो गई है।

Hiware Bazar Mahastra
महाराष्ट्र का हिवरे बाजार, जहां हर परिवार करोड़पति।

शेतपाल गांव (Shetpal Village) महाराष्ट्र 
महाराष्ट्र में शेतपाल गांव खतरनाक सांपों के लिए चर्चित है। इसे सांपों का घर भी कहते हैं। ग्रामीण सांपों से इस कदर घुल-मिल गए हैं, सर्प यहां पालतू जानवारों की तरह घूमते हैं। कोबरा से लेकर अन्य खतरनाक सर्प यहां घरों के आसपास देखने को मिल जाएंगे। छोटे-छोटे बच्चे इन्हें हाथों में पकड़ लेते हैं। 2600 आबादी वाले शेतपाल गांव में लोग प्रतिदिन सर्पों की पूजा करते हैं। परिवार का सदस्य मानकर किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाते। न ही उनसे किसी तरह डरते हैं।   

बरवां कला (Barwan Kala) बिहार 
बिहार के बरवां कला गांव की अनूठी कहानी है। कैमूर जिले में स्थित यह गांव राजधानी पटना से 300 किमी दूर है। बरवां कला को कुवारों का गांव भी कहते हैं। गांव में सड़क, बिजली और पानी सहित तमाम समस्याएं हैं, जिस कारण लोग अपनी बेटियों का यहां विवाह नहीं करना चाहते। शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधा के अलावा यहां बेरोजगारी बड़ी समस्या है। यहां के युवाओं की आजीविका खेती-किसानी और पशुपालन पर ही पूरी तरह से आश्रित है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गांव में 150 से ज्यादा पुरुष अविवाहित हैं। 2017 में यहां पहली शादी हुई थी, जिसे लेकर पूरे गांव में उत्सव का उत्सव का महौल देखने मिला।  

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