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PM Modi US Visit: क्वाड शिखर सम्मेलन के इतर पीएम मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन, जापानी पीएम किशिदा और ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस के साथ द्विपक्षीय बातचीत भी करेंगे।

PM Modi US Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार (21 सितंबर) से अपनी तीन दिवसीय अमेरिका यात्रा की शुरुआत करेंगे। पहले दिन वे डेलावेयर के विलमिंगटन में होने वाले क्वाड शिखर सम्मेलन (QUAD Summit) में शिरकत करेंगे। इसके बाद अगले दो दिन में एक कम्युनिटी इवेंट को संबोधित करेंगे। इस दौरे में सबसे अहम मुलाकात अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ होनी है। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय वार्ता भी रखी गई है।  

मोदी QUAD Group में अगली रणनीति का करेंगे ऐलान

  • मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि अगले महीने वियंतियान में होने वाले आसियान शिखर सम्मेलन (ASEAN Summit) से पहले प्रधानमंत्री मोदी क्वाड समूह (QUAD Group) में अपनी अगली रणनीति का ऐलान करेंगे। इस बार उनका फोकस सप्लाई चेन को मजबूत बनाने, अहम बुनियादी ढांचे की सिक्योरिटी, समुद्री क्षेत्र जागरूकता और साइबर सुरक्षा पर केंद्रित रहेगा।
  • इसके अलावा क्वाड शिखर सम्मेलन में इंडो-पैसिफिक और चीन की PLA नेवी की आक्रामकता पर चर्चा होगी। साथ ही, वैश्विक मुद्दों जैसे- गाजा और यूक्रेन युद्ध से ध्यान भटकने से बचने की कोशिश की जाएगी, क्योंकि यह अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के कार्यकाल का आखिरी शिखर सम्मेलन भी हो सकता है।

इन नेताओं के साथ भी द्विपक्षीय वार्ता करेंगे PM मोदी
क्वाड शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के अलावा पीएम मोदी प्रेसिडेंट बाइडेन, जापानी पीएम किशिदा और ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज़ के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। हालांकि, समय की कमी के चलते फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों या इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी से मुलाकात की संभावना कम है। अब तक अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन कैंडिडेट डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात पर भी कोई निर्णय नहीं हुआ है। दो दिन पहले ही ट्रम्प ने नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की थी।

समुद्री जहाजों की सुरक्षा से जुड़े खास प्लान पर चर्चा
बता दें कि इस बार क्वाड का बड़ा फोकस अहम बुनियादी ढांचे को साइबर हमलों से बचाने पर रहेगा। हाल ही में चीन की फिलीपींस के खिलाफ आक्रामकता और ईरान समर्थित हैती मिसाइल अटैक के कारण इंडो-पैसिफिक रीजन में तनाव बढ़ा है। क्वाड देशों ने पहले ही अमेरिकी सॉफ्टवेयर HawkEye 360 को अपनाने का फैसला लिया है, जो इस इलाके में समुद्री गतिविधियों की निगरानी करेगा, खासकर उन जहाजों की, जो जानबूझकर अपने ट्रांसपोंडर्स बंद कर देते हैं।

इंडो-पैसिफिक में अहम भूमिका निभा रहा है भारत 
भले ही ऑस्ट्रेलिया और जापान अमेरिका के गठबंधन साझेदार हैं, लेकिन भारत इंडो-पैसिफिक में एक अहम भूमिका निभा रहा है। भारतीय नौसेना के पास दो कैरियर टास्क फोर्स हैं, जो इस क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय कानून को लागू करने में मदद करते हैं। इंडो-पैसिफिक समुद्री क्षेत्र जागरूकता कार्यक्रम मई 2022 में क्वाड द्वारा शुरू किया गया था, क्योंकि यह दुनिया का सबसे व्यस्त क्षेत्र है जहां जहाजों की असीमित गतिविधि, समुद्री डकैती, मादक पदार्थों की तस्करी, हथियारों की तस्करी और अवैध मछली पकड़ने जैसी समस्याएं मौजूद हैं।

आपदा राहत देने वाला अग्रणी देश रहा है भारत 
2006 की सुनामी के बाद से भारत इस क्षेत्र में आपदा राहत देने वाला अग्रणी देश रहा है। कोविड-19 महामारी के दौरान भी भारत ने इलाके में बिना किसी शर्त के मुफ्त वैक्सीन वितरित की थी। चीन और उसके समर्थक मानते हैं कि क्वाड का मकसद चीन को चुनौती देना है, लेकिन हकीकत यह है कि क्वाड का उद्देश्य वैश्विक स्थिरता बनाए रखना है, जहां चारों प्रमुख शक्तियां लगातार संपर्क में रहती हैं और सामूहिक रूप से चुनौतियों का सामना करती हैं।

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