Jammu Kashmir: नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद फारूक अब्दुल्ला ने मंगलवार को भारत और पाकिस्तान के बीच शांतिपूर्ण संबंधों को बढ़ावा देने के लिए राजनयिक बातचीत के महत्व पर जोर दिया। अब्दुल्ला ने पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की उन बातों का जिक्र किया, जिसमें वे कहते थे कि हम दोस्त बदल सकते हैं, लेकिन पड़ोसी नहीं। पूर्व सीएम अब्दुल्ला ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना करते हुए यदि भारत-पाकिस्तान के बीच वार्ता नहीं शुरू हुई तो हमारा भी गाजा-फिलिस्तीन जैसा ही हश्र होगा। जिन पर इजराइल बमबारी कर रहा है।
क्या कारण हम बात करने को तैयार नहीं?
फारूक अब्दुल्ला श्रीनगर के सांसद हैं। उन्होंने कहा, 'पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी कहते थे कि हम अपने दोस्त बदल सकते हैं लेकिन अपने पड़ोसी नहीं। प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि युद्ध अब कोई विकल्प नहीं है और मामलों को बातचीत के जरिए हल किया जाना चाहिए। लेकिन बातचीत कहां है? नवाज शरीफ पाकिस्तान में प्रधानमंत्री बनने वाले हैं और वे कह रहे हैं कि हम बातचीत के लिए तैयार हैं। लेकिन क्या कारण है कि हम बात करने के लिए तैयार नहीं हैं?
उन्होंने कहा कि अगर हम बातचीत के माध्यम से समाधान नहीं ढूंढते हैं, तो हमारा भी गाजा और फिलिस्तीन जैसा ही हश्र होगा, जिन पर इजराइल बमबारी कर रहा है।
#WATCH | National Conference MP Farooq Abdullah says, "Atal Bihari Vajpayee had said that we can change our friends but not our neighbours. If we remain friendly with our neighbours, both will progress. PM Modi also said that war is not an option now and the matters should be… pic.twitter.com/EcPx9B70jJ
— ANI (@ANI) December 26, 2023
पुंछ में चार सैनिक हुए शहीद, बारामूला में रिटायर्ड SSP को मारी गई गोली
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने ये बातें बीते दिनों जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमलों को लेकर कही। बीते गुरुवार को पुंछ में घात लगाकर किए गए हमले में चार सैनिक शहीद हुए। उधर, बारामूला की एक मस्जिद के अंदर एक रिटायर्ड एसएसपी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इसके अलावा पूछताछ के लिए सैनिकों द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद तीन नागरिकों की मौत हो गई।
जब तक हम प्रयास नहीं करेंगे तब तक खत्म नहीं होगा
इससे पहले फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाने को लेकर केंद्र की आलोचना की थी। उन्होंने सरकार के उन दावों को भी खारिज कर दिया था कि आर्टिकल 370 हटने के बाद केंद्र शासित प्रदेश में आतंकी घटनाएं कम हुई हैं। फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि सरकार दावा कर रही थी कि 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के साथ आतंकवाद खत्म हो गया है। लेकिन चार साल बाद आतंकवाद अभी भी है और जब तक हम प्रयास नहीं करेंगे तब तक खत्म नहीं होगा। इसके मूल कारण को समझना होगा।