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NEET Paper Leak: जांच एजेंसी ने कहा है कि उसने सबूत जुटाने के लिए एडवांस फॉरेंसिक टेक्नोलॉजी, AI, सीसीटीवी फुटेज, (मोबाइल) टावर लोकेशन एनालिसिस का इस्तेमाल किया।

NEET Paper Leak: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार को नीट-यूजी पेपर लीक केस में पहली चार्जशीट दायर की, जिसमें 13 आरोपियों के नाम शामिल हैं। एजेंसी ने बताया कि मामले की जांच जारी है। सीबीआई ने बयान में कहा कि उसने आरोपियों के खिलाफ सबूत जुटाने के लिए एडवांस फॉरेंसिक तकनीक, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, सीसीटीवी फुटेज, टावर लोकेशन विश्लेषण आदि का उपयोग किया। अब तक एजेंसी ने इस मामले में 40 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। जिसमें एक कथित मास्टरमाइंड, कई एमबीबीएस छात्र जो सॉल्वर के रूप में काम करते थे और फेसीलीटेटर शामिल हैं।

चार्जशीट में इन आरोपियों के नाम शामिल? 
सीबीआई की चार्जशीट में नीतीश कुमार, अमित आनंद, सिकंदर यादवेंदु, आशुतोष कुमार-1, रोशन कुमार, मनीष प्रकाश, आशुतोष कुमार-2, अखिलेश कुमार, अवधेश कुमार, अनुराग यादव, अभिषेक कुमार, शिवनंदन कुमार, और आयुष राज के नाम शामिल हैं।
 
सीबीआई ने इस लीक के मामले में बड़ी साजिश की जांच शुरू की थी, जिसमें केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय से मिले एक संदर्भ के आधार पर कार्रवाई की गई थी। मंत्रालय ने बताया कि परीक्षा में अनियमितताओं, धोखाधड़ी, छद्मवेश और अन्य कदाचार की घटनाएं थीं। जांच एजेंसी ने अलग-अलग राज्यों में पेपर लीक की जांच के लिए स्पेशल टीमें बनाईं और पिछले 39 दिन में 58 ठिकानों पर छापे मारे।

सीबीआई के प्रवक्ता ने गुरुवार को कहा- "सीबीआई ने आरोपियों के खिलाफ साक्ष्य जुटाने के लिए एडवांस फॉरेंसिक टेक्नोलॉजी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), सीसीटीवी फुटेज, टावर लोकेशन विश्लेषण आदि का उपयोग किया है। एजेंसी अन्य आरोपियों/संदिग्धों और मामले के अन्य पहलुओं पर आगे की जांच जारी रख रही है। जैसे ही इनके खिलाफ जांच पूरी होगी, सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की जाएगी।"

केंद्र ने गोपनीयता में बड़ी गड़बड़ी से किया है इनकार

  • पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) और केंद्र सरकार को रिपोर्ट पेश करने के लिए हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था और सीबीआई से स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी। सुप्रीम कोर्ट ने नीट-यूजी एग्जाम में पेपर लीक के कारण समझौते को स्वीकार करते हुए एनटीए को लीक के लाभार्थियों की पहचान करने के लिए उठाए गए कदमों का विवरण देने का निर्देश दिया।
  • अपने हलफनामे में, केंद्र सरकार ने कहा कि पैन-इंडिया परीक्षा में गोपनीयता में बड़ी गड़बड़ी से इनकार किया है। दोबारा परीक्षा कराने का विरोध किया, यह तर्क देते हुए कि इस कदम से शैक्षणिक कैलेंडर में बाधा आएगी और व्यापक सबूतों की कमी के कारण यह गैर-जरूरी है।

5 मई को 4,750 केंद्रों पर हुई थी परीक्षा
2024 की नीट-यूजी परीक्षा, जो कि एनटीए द्वारा एमबीबीएस, बीडीएस और अन्य कोर्स में प्रवेश के लिए आयोजित की जाती है। पेपर लीक, अंकों की बढ़ोतरी और मनमाने ढंग से ग्रेस मार्क्स देने के आरोपों के चलते विवादों में रही है। इस साल की परीक्षा 5 मई को 571 शहरों के 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी, जिसमें 14 विदेशों के केंद्र भी शामिल थे और इसमें 2.3 मिलियन उम्मीदवार शामिल हुए थे। 4 जून को आए नतीजों में जब 67 उम्मीदवारों ने 720 का पूर्ण स्कोर हासिल किया, तब संदेह और बढ़ गया। इनमें से कई उम्मीदवार एक ही परीक्षा केंद्र से थे। इस विवाद के बाद केंद्र सरकार ने एनटीए के प्रमुख को भी बदल दिया है।

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