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NEET Paper Leak Supreme Court Hearing: सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को NEET-UG परीक्षा में हुई गड़बड़ी से जुड़ी 38 याचिकाओं पर अहम सुनवाई हुई।

NEET Paper Leak Supreme Court Hearing: सुप्रीम कोर्ट में आज गुरुवार 16 जुलाई को  NEET परीक्षा में हुई गड़बड़ी से जुड़ी 38 याचिकाओं पर सुनवाई हो हुई। मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच मामले की सुनवाई की। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मामले की सुनवाई कल करने की मांग की, लेकिन CJI ने कहा कि आज ही इस मुद्दे पर चर्चा की जाएगी।

सिलेबस के मुद्दे पर हुई बहस
NEET पेपर लीक (NEET paper leak) मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सिलेबस और सुरक्षा पर बहस हुई। कोर्ट ने NTA से टॉप 100 छात्रों की जानकारी मांगी है। याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि पेपर की डिलीवरी में 9 दिनों का समय लगा। सॉलिसिटर जनरल ने 7-लेयर सेफ्टी सिस्टम का जिक्र किया। कोर्ट ने नए रजिस्ट्रेशन और करेक्शन विंडो पर भी सवाल उठाए। इस मुद्दे पर सिलेबस की बढ़ोतरी और छात्रों की भलाई पर भी चर्चा हुई।

क्वेश्चन पेपर की डिलीवरी पर उठा सवाल
NEET परीक्षा के क्वेश्चन पेपर की डिलीवरी को लेकर सवाल उठे हैं। याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि पेपर 24 अप्रैल को एक निजी कूरियर कंपनी द्वारा भेजे गए और 3 मई को एसबीआई और केनरा बैंक की 571 शाखाओं में पहुंचे। चीफ जस्टिस ने कहा कि यह लगभग 9 दिनों का समय अंतराल है। सॉलिसिटर जनरल ने बताया कि सीबीआई ने पूरी प्रक्रिया की जांच की है, जिसमें 7-लेयर सेफ्टी सिस्टम शामिल है।

सिलेबस में इजाफा का मुद्दा उठाया गया
याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि NEET के सिलेबस में हुए इजाफे को लेकर कोई नोटिफिकेशन पांच महीने पहले जारी किया गया था। वकील ने कहा कि एनटीए ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया है। सॉलिसिटर जनरल ने बताया कि पिछले तीन सालों में 6 लाख से अधिक छात्र परीक्षा में बैठे हैं। चीफ जस्टिस ने पूछा कि क्या यह पेपर लीक की ओर इशारा करता है, वकील ने कहा कि हां, यह खतरे को दिखाता है।

नए रजिस्ट्रेशन के लिए विंडो खोलने पर कोर्ट ने मांगा जवाब
सॉलिसिटर जनरल ने बताया कि लगभग 15,000 नए रजिस्ट्रेशन मिले थे, जिनमें से केवल 44 छात्रों को दाखिला मिलेगा। उन्होंने कहा कि नए रजिस्ट्रेशन का उद्देश्य छात्रों की भलाई था, न कि किसी विशेष व्यक्ति की मदद करना। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि नए रजिस्ट्रेशन में से 12,000 से अधिक छात्र फेल हो गए हैं।

करेक्शन विंडो पर एनटीए से कोर्ट ने पूछे सवाल
सीजेआई ने एनटीए के वकील से पूछा कि राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश के आधार पर करेक्शन विंडो क्यों खोली गई थी। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि कई आवेदन मिले थे, इसलिए छात्रों की भलाई के लिए यह कदम उठाया गया। सीजेआई ने कहा कि आदेश केवल एक छात्र के लिए था, जिसने फीस नहीं भरी थी।

आईआईटी रिपोर्ट को झूठा कहने पर सीजेआई नाराज
सुनवाई के दौरान, वरिष्ठ वकील मैथ्यूज नेदुम्परा ने आईआईटी रिपोर्ट को झूठा कहा। इस पर सीजेआई नाराज हो गए और कहा कि आप संस्थान के लिए ऐसे शब्द इस्तेमाल नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि अपनी बात साबित करने के लिए तथ्य रखें।

छात्रों के पास सेंटर चुनने का विकल्प नहीं
एनटीए के वकील ने बताया कि छात्रों के पास शहर चुनने का विकल्प होता है, लेकिन वे सेंटर का चुनाव नहीं कर सकते हैं। चीफ जस्टिस ने पूछा कि क्या उम्मीदवारों को एप्लिकेशन फॉर्म भरते समय शहर या केंद्र का विकल्प मिलता है। एनटीए के वकील ने हां में जवाब दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने मांगी टॉपर्स की जानकारी 
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार और NTA से टॉप 100 छात्रों के शहर, जिले और सेंटर की जानकारी मांगी है। सॉलिसिटर जनरल ने बताया कि बेंगलुरु से पांच छात्र हैं और कई छात्र विभिन्न प्रदेशों से हैं। टॉप 100 छात्र 12 राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश से आते हैं।

NTA ने सिस्टेमेटिक फेलियर से किया इनकार
परीक्षा कराने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने सुनवाई शुरू होने पर अपनी सफाई पेश की। एनटीए ने कहा कि परीक्षा कराने में कोई सिस्टेमेटिक फेलियर नहीं हुई है। NTA ने कहा कि याचिकाकर्ताओं का आरोप हैं कि कुछ कैंडिडेट्स ने बहुत ज्यादा मार्क्स प्राप्त किए हैं। यह बात गलत है, NTA ने कहा कि परीक्षा की निष्पक्षता पर अनवेरिफाइड सोर्स के आधार पर आरोप लगाए जा रहे हैं। कोर्ट को अप्रमाणित और भ्रामक मीडिया रिपोर्ट्स पर ध्यान नहीं देना चाहिए। 

IIT मद्रास और NTA की रिपोर्ट
केंद्र सरकार ने पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल किया, जिसमें NEET-UG 2024 परीक्षा प्रक्रिया के निष्पक्ष होने का दावा किया गया था। केंद्र ने बताया कि IIT मद्रास की रिपोर्ट में ग्रुप्स में चीटिंग कराने या किसी एक स्टूडेंट ग्रुप को फायदा पहुंचाने या नकल कराने की जानकारी नहीं मिली है। NTA ने भी एक अलग हलफनामा दाखिल किया, जिसमें कहा गया कि मार्क्स सही ढंग से दिए गए हैं और मार्क्स देने में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं हुई है।

पहली सुनवाई में पेपर लीक होने की बात मानी गई
8 जुलाई को हुई पहली सुनवाई में बेंच ने माना कि पेपर लीक हुआ था। पुन: परीक्षा का निर्णय तभी लिया जा सकता है जब पता चले कि यह कितनी व्यापक है। इसके बाद कोर्ट ने NEET से जुड़े चार पक्षकारों - NTA, केंद्र सरकार, CBI और पुन: परीक्षा की मांग करने वाले याचिकाकर्ताओं को 10 जुलाई तक हलफनामा दाखिल करने का समय दिया था।

सीबीआई ने की हलफनामा दाखिल करने में देरी
NEET पर दूसरी सुनवाई 11 जुलाई को हुई। इसके बाद कोर्ट ने मामले को 18 जुलाई तक स्थगित कर दिया। CJI की बेंच ने कहा कि NTA और केंद्र सरकार के हलफनामे सबको नहीं मिले हैं। इसी कारण सुनवाई की तारीख बढ़ाई गई। 17 जुलाई को NTA ने लिखित में कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ताओं का यह दावा कि परीक्षा में व्यवस्थित धांधली हुई है, बिल्कुल गलत है।

सीबीआई ने चार मेडिकल स्टूडेंट्स को हिरासत में लिया
CBI ने NEET मामले में पटना AIIMS के चार छात्रों को हिरासत में लिया है। इन छात्रों में चंदन कुमार, राहुल कुमार, करण जैन (2021 बैच) और कुमार शानू (2022 बैच) शामिल हैं। उनके कमरे सील कर दिए गए हैं और उनके लैपटॉप व मोबाइल जब्त कर लिए गए हैं।

सुप्रीम कोर्ट में 38 याचिकाओं पर सुनवाई
NEET-UG में अनियमितताओं पर सुप्रीम कोर्ट में 38 याचिकाएं दायर की गई हैं। इनमें से 34 याचिकाएं छात्रों, शिक्षकों और कोचिंग संस्थानों द्वारा दायर की गई हैं, जबकि 4 याचिकाएं राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) द्वारा दायर की गई हैं। NEET उम्मीदवार शिवांगी मिश्रा ने 13 मई को सुप्रीम कोर्ट में पेपर लीक की जांच के लिए याचिका दायर की थी। इसके बाद NTA ने 4 जून को परीक्षा का परिणाम घोषित किया, जो तय तारीख से 10 दिन पहले था।

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