NIA big success:राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने गुरुवार को लंदन में भारतीय उच्चयोग (High Commission of India in London) पर हमले के मामले में बड़ी कामयाबी हाथ लगी। जांच एजेंसी ने इस हमले के मुख्य आरोपी इंदरपाल सिंह गाबा को गिरफ्तार कर लिया। एनआईए ने कहा कि इंदरपाल सिंह गाबा को लंदन में बीते साल 22 मार्च को हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान गैर कानूनी गतिविधियों में शामिल था। यह विरोध प्रदर्शन लंदन स्थित इंडियन हाई कमीशन की बिल्डिंग पर खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारियों की ओर से किए गए हमले के तीन तीन बाद किए गए थे।
जांच में हुआ अहम खुलासा
एनआईए की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि लंदन में इंडियन हाई कमीशन में बीते साल 19 मार्च और 22 मार्च को इंडियन मिशन और इसके अधिकारियों पर हमले की घटना किसी बड़े हमले के साजिश के तहत की गई थी। ऐसा पाया गया पंजाब पुलिस द्वारा खालिस्तानी अलगाववादी अमृतपाल सिंह के खिलाफ लिए गए एक्शन का बदला लेने के लिए इस हमले को अंजाम दिया गया था। खालिस्तानी समर्थकों ने इंडियन हाई कमीशन पर लगे तिरंगे को नीचे खींच दिया था। दिल्ली पुलिस से इस मामले की जांच NIA ने अपने हाथों में ली थी। इसके बाद गृह मंत्रालय ने इस मुद्दे पर ब्रिटेन के गृह मंत्रालय के अफसरों से मुलाकात की थी।
हमले के मास्टरमाइंड की हो चुकी है मौत
ऐसा बताया जा रहा है कि 19 मार्च को लंदन में इंडियन मिशन पर हुए हमले का मास्टरमाइंड अवतार सिंह खंडा उर्फ आजाद ऊर्फ रंजोध सिंह था। वह खुद को खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (KLF) का मुखिया बताता था। बीते हफ्ते ब्रिमिंघम के एक अस्पताल में उसकी मौत हो गई। खंडा कथित तौर पर वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह का हैंडलर था। खंडा की मौत से खालिस्तानी आतंकियों के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। इंटेलिजेंस एजेंसियों का यह मानना है कि खंडा की हत्या निज्जर और पम्मा ने की इसलिए कर दी थी। दरअसल इंडियन हाई कमीशन पर हमला मामले में नाम आने के बाद खंडा खालिस्तानी आतंकियों पर बोझ बनता जा रहा था।
ब्रिटेन में भारतीय नागरिकों ने किया था प्रदर्शन
बता दें कि बीते साल इंडियन हाई कमीशन की बिल्डिंग पर लगे भारत के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने के खिलाफ ब्रिटेन में रहे भारतीयों ने प्रदर्शन किया था। भारतीयों ने हाई कमीशन के सामने एकजुट हुए थे। भारतीय प्रदर्शनकारियों ने लंदन के मेयर और ब्रिटेन सरकार से भारत के झंडे का अपमान करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने की मांग की थी। इसके बाद विदेश मंत्रालय ने ब्रिटेन के सीनियर डिप्लोमैट को दिल्ली में तलब किया था। एक बयान जारी कर लंदन स्थित इंडियन हाई कमीशन पर सुरक्षा का अभाव होने के बारे में जवाब देने की मांग की थी। भारत ने साफ तौर पर कहा था कि यूके सरकार की ओर से भारतीय डिप्लोमैट्स और कर्मचारियों के खिलाफ किया गया भेदभाव मंजूर नहीं है।