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NIA Raids:​​​​​​​ इस छापेमारी का लिंक 1 मार्च को बेंगलुरु के द रामेश्वरम कैफे में हुए विस्फोट से भी है। गृह मंत्रालय ने विस्फोट की जांच एनआईए को सौंपी है। एजेंसी ने मामले को फिर से दर्ज करके इसकी जांच शुरू की।

NIA Raids: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने मंगलवार को लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी द्वारा कैदियों को कट्टरपंथी बनाने के मामले में बड़ी कार्रवाई की है। एजेंसी ने संदिग्धों से जुड़े कर्नाटक, तमिलनाडु और पांच अन्य राज्यों में 17 स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया है। इस साल 12 जनवरी को एजेंसी ने 8 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। 

आरोपियों में केरल के कन्नूर जिले का रहने वाला टी नसीर शामिल है। वह 2013 से बेंगलुरु की सेंट्रल जेल में उम्र कैद की सजा काट रहा है। जबकि जुनैद अहमद उर्फ जेडी और सलमान खान के विदेश भाग जाने का संदेह है। अन्य की पहचान सैयद सुहैल खान उर्फ सुहैल, मोहम्मद उमर उर्फ उमर, जाहिद तबरेज उर्फ जाहिद, सैयद मुदस्सिर पाशा और मोहम्मद फैसल रब्बानी उर्फ सदथ के रूप में हुई है। 

बीते साल मिला था हथियारों का जखीरा
दरअसल, बेंगलुरु सिटी पुलिस ने 18 जुलाई, 2023 को सात आरोपियों के कब्जे से सात पिस्तौल, चार हथगोले, एक मैगजीन और 45 लाइव राउंड और चार वॉकी-टॉकी सहित हथियारों और गोला-बारूद की जब्ती के बाद मामला दर्ज किया था। बरामदगी तब की गई जब सातों लोग एक आरोपी के घर में इकट्ठा हुए थे। शुरू में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद पूछताछ हुई तो एक और गिरफ्तारी हुई। इस मामले में अब तक 6 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

अक्टूबर 2023 से जांच कर रही एनआईए
अक्टूबर 2023 में एनआईए ने जांच शुरू की थी। पता चला था कि 2017 में लश्कर-ए-तैयबा का संचालक और सरगना टी नसीर ने बेंगलुरु की केंद्रीय जेल में पांच लोगों को कट्टरपंथी बनाया। सलाम POCSO मामले में जेल में था, बाकी लोग हत्या के मामले में शामिल थे। जुनैद फरार है। माना जाता है कि जेल से छूटने के बाद जुनैद कुछ और अपराध करने के बाद विदेश भाग गया था।

विदेश से फंडिंग कर रहा जुनैद
एनआईए की जांच के अनुसार, जुनैद ने जेल के भीतर और बाहर लश्कर की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए विदेश से फंडिंग शुरू की। उसने फिदायीन हमले को अंजाम देने और नसीर को अदालत के रास्ते में पुलिस हिरासत से भागने में मदद करने की साजिश के तहत सलमान के साथ दूसरों को हथियार, गोला-बारूद, हथगोले और वॉकी-टॉकी पहुंचाने की भी साजिश रची। जुनैद ने अपने साथियों को पुलिस कैप चुराने और सरकारी बसों में आगजनी करने का भी निर्देश दिया। पिछले साल जुलाई में हथियार आदि की बरामदगी के साथ साजिश को नाकाम कर दिया गया था।

क्या रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट से भी लिंक?
इस छापेमारी का लिंक 1 मार्च को बेंगलुरु के द रामेश्वरम कैफे में हुए विस्फोट से भी है। गृह मंत्रालय ने विस्फोट की जांच एनआईए को सौंपी है। एजेंसी ने मामले को फिर से दर्ज करके इसकी जांच शुरू की। इस विस्फोट में 9 लोग घायल हुए थे। संदिग्ध का फुटेज भी सामने आया है। हालांकि वह फरार है। 

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