बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को डीएमके नेता एमके स्टालिन से माफी मांगी है। नीतीश कुमार ने स्टालिन को हिंदी सीखने की सलाह दी थी। इसी वजह से नीतीश कुमार को स्टालिन से माफी मांगनी पड़ी है। 19 दिसंबर को इंडिया अलायंस की एक बैठक के दौरान नीतीश कुमार ने हिंदी में भाषण दिया था। बैठक में मौजूद डीएमके सांसद टीआर बालू ने कहा था कि उन्हें भाषण समझने में कठिनाई हो रही है। साथ ही बालू ने राजद सांसद मनोज झा से हिंदी भाषण का अनुवाद करने का अनुरोध किया था। हालांकि नीतीश कुमार ने मनोज झा को ऐसा करने से रोक दिया था। नीतीश ने कहा था कि हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है, सभी को इसे सीखना चाहिए।
कांग्रेस की मध्यस्थता और नीतीश की माफी
जब नीतीश कुमार को इंडिया गठबंधन का संयोजक नियुक्त करने पर चर्चा हुई थी तो कई पार्टियों ने इस पर आपत्ति जताई थी। इन पार्टियों में डीएमके के साथ ही टीएमसी और शिवसेना जैसी पार्टियां शामिल थीं। उस समय कांग्रेस ने मध्यस्थता की थी। इसके बाद जब 4 जनवरी को इंडिया गठबंधन की दोबारा बैठक हुई तो नीतीश कुमार ने हिंदी सीखने को लेकर की गई अपनी टिप्पणी पर खेद जताया। डीएमके नेता स्टालिन ने माफी स्वीकार करते हुए सभी से आगे बढ़ने का आग्रह किया। अब यह नीतीश कुमार के गठबंधन से अलग होने के बाद यह पूरा मामला सामने आया है।
नीतीश को इंडिया गठबंधन में हुई रोकने की कोशिश:
नीतीश के एनडीए में शामिल होने के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि इस बात का पहले ही पता चल गया था कि नीतीश पाला बदलने वाले हैं। इसके बाद भी उन्हें रोकने के लिए ईमानदार प्रयास किया गया। 13 जनवरी को हुई इंडिया गठबंधन की आखिरी वर्चुअल मीटिंग में सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने नीतीश कुमार को संयोजक बनाने का प्रस्ताव रखा था। इस प्रस्ताव का गठबंधन में शामिल सभी पार्टियों ने समर्थन किया था। हालांकि, नीतीश कुमार ने खुद ही अपने नाम की जगह राहुल गांधी के नाम का प्रस्ताव रखा। इस पर राहुल गांधी ने मल्लिकार्जुन खरगे को वरिष्ठ बताते हुए संयोजक की जिम्मेदारी खरगे को देने का सुझाव दिया था।
अब नए सिरे से होगी सीट बंटवारे पर चर्चा
नीतीश कुमार के इंडिया गठबंधन से अलग होने के बाद अब राजद, कांग्रेस और वामपंथी दल के बीच लोकसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे पर नए सिरे से बातचीत होगी। बता दें कि नीतीश कुमार ने इंडिया गठबंधन छोड़कर एनडीए में शामिल होने के बाद इंडिया गठबंधन पर सीटों के बंटवारे में आनकानी करने का आरोप लगाया था। नीतीश कुमार ने कहा था कि वह लंबे समय से इंडिया गठबंधन की बैठकों में सीटों के बंटवारे का मुद्दा उठा रहे थे। हालांकि, उनके सुझाव को गंभीरता से नहीं लिया गया। साथ ही जेडीयू नेता केसी त्यागी ने दावा किया था कि कांग्रेस की वजह से ही नीतीश कुमार को इंडिया गठबंधन से अलग होना पड़ा।