Pakistan Expose: जम्मू-कश्मीर के एक राजनीतिक कार्यकर्ता जावेद बेग ने जिनेवा प्रेस क्लब में एक कार्यक्रम के दौरान पाकिस्तान में धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों के हो रहे उत्पीड़न पर चिंता जताई। बेग ने इन दुर्व्यवहारों का ऐतिहासिक संदर्भ भी प्रदान किया। बेग ने कहा कि इन समुदायों को धार्मिक चरमपंथी समूहों के हाथों अत्याचार का सामना करना पड़ रहा है और पाकिस्तानी या तो चुप है या इन उल्लंघनों में शामिल है।
इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों द्वारा सामना किए जा रहे मानवाधिकार उल्लंघनों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हिंदू और सिख विशेष रूप से जबरन धर्मांतरण, अपहरण और लक्षित हत्याओं का सामना कर रहे हैं।
पाकिस्तान मानवाधिकार उल्लंघनों के लिए जिम्मेदार
जिनेवा प्रेस क्लब में एक कार्यक्रम के दौरान धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों पर हो रहे उत्पीड़न पर पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान बेनकाब हुआ है। कश्मीर के राजनीतिक कार्यकर्ता जावेद बेग ने कहा कि इन समुदायों को धार्मिक चरमपंथी समूहों के हाथों अत्याचार का सामना करना पड़ रहा है। जावेद बेग ने इन दुर्व्यवहारों का ऐतिहासिक संदर्भ भी प्रदान किया।
जावेद बेग ने निकाला निष्कर्ष
राजनीतिक कार्यकर्ता जावेद बेग ने निष्कर्ष निकाला कि दुनिया को यह सुनिश्चित करने के लिए एक स्टैंड लेबा चाहिए कि पकिस्तान को उसके मानवाधिकार उल्लंघनों के लिए जिम्मेदार ठहराया जाए। यह न केवल मानव गरिमा की रक्षा करने के बारे में है बल्कि यह सुनिश्चित करने के बारे में भी है कि सहिष्णुता और बहुलवाद के मूल्य वैश्विक स्तर पर सम्मानित हो। उनका संबोधन ऐसे समय में आया है जब पाकिस्तान के मानवाधिकार रिकॉर्ड, विशेष रूप से अल्पसंख्यक समुदायों के प्रति उसके व्यवहार पर अंतर्राष्ट्रीय जांच बढ़ रही है।
हिंदू लड़कियों से जबरन करते हैं शादी
जावेद ने बताया कि इन समुदायों की युवा लड़कियों की अवसर जबरन शादी कर दी जाती है और उनका मतांतरण कर दिया जाता है। उनके परिवारों को पलायन करने के लिए भारी दबाव का सामना करना पड़ता है और वे अक्सर भारत में शरण मांगते हैं। ऐसे मामले अक्सर दिखाई और सुनाई देते हैं। कई बार यहां तक भी खबर आती है कि इनकी कोई शिकायत भी नहीं सुनी जाती है लोग परेशान रहते हैं।
हिंदू आबादी में आई बड़ी गिरावट
बेग ने हिंदू मंदिरों के अपवित्रीकरण पर भी प्रकाश डाला और कहा कि 1947 के बाद से हजारों को नष्ट कर दिया गया है, लेकिन जिम्मेदार लोगों के लिए कोई जवाबदेही नहीं है। पाकिस्तान में हिंदू आबादी में बड़ी गिरावट पर भी उन्होंने प्रकाश डाला, जो विभाजन के समय 15 प्रतिशत से घटकर आज दो प्रतिशत से भी कम रह गई है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर इतनी बड़ी हिंदुओं की आबादी गई कहां। इस मामले पर विचार तो दुनिया को करना ही चाहिए।