Pakistani grooming gangs: यूके में ग्रूमिंग गैंग्स विवाद एक बार फिर सुर्खियां बटोर रहा है। यह विवाद उत्तरी इंग्लैंड के कई कस्बों में दशकों से हो रहे यौन शोषण के मामलों से जुड़ा है। इन मामलों में ज्यादातर आरोपी पाकिस्तानी मूल के पुरुष थे। राजसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि इस समस्या के लिए पूरे एशिया को जिम्मेदार ठहराना गलत है। शिवसेना नेता ने ग्रूमिंग गैंग्स के लिए सीधे तौर पर पाकिस्तान को दोषी ठहराया है। चतुर्वेदी का यह बयान अंतरराष्ट्रीय मंचों पर चर्चा का विषय बन गया है।
एलन मस्क ने किया चतुर्वेदी का समर्थन
टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क ने प्रियंका चतुर्वेदी के बयान का समर्थन किया है। मस्क ने कहा कि प्रियंका चतुर्वेदी का बयान सच है। मस्क ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर प्रियंका चतुर्वेदी का समर्थन किया। मस्क का यह समर्थन ऐसे समय पर आया है, जब ब्रिटेन में ग्रूमिंग गैंग्स को लेकर बहस तेज है। यूके के विपक्षी नेताओं ने इस मुद्दे पर एक नई राष्ट्रीय जांच शुरू करने की मांग की है।
Repeat after me, they aren’t ASIAN Grooming Gangs but PAKISTANI grooming gangs.
— Priyanka Chaturvedi🇮🇳 (@priyankac19) January 8, 2025
Why should Asians take the fall for one absolute rogue nation?
कीर स्टार्मर की भूमिका पर सवाल उठे
इस विवाद को लेकर यूके की लेबर पार्टी के नेता और प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं। स्टार्मर ने अपने कार्यकाल के दौरान एशियाई ग्रूमिंग गैंग्स पर पहली बार कार्रवाई की थी। लेकिन अब उन्होंने नई जांच की मांग को खारिज कर दिया है। स्टार्मर का कहना है कि पिछले सात सालों की जांच के सुझावों को लागू करना ही प्राथमिकता होनी चाहिए। हालांकि, उनके इस बयान पर आलोचना हो रही है, और उनकी भूमिका पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
सारा शरीफ का मामला फिर चर्चा में
ग्रूमिंग गैंग्स विवाद के बीच सारा शरीफ का मामला फिर से सुर्खियों में है। 10 साल की ब्रिटिश-पाकिस्तानी लड़की सारा शरीफ की पिछले साल अगस्त में दर्दनाक मौत हुई थी। उसके पिता और सौतेली मां को हाल ही में दोषी ठहराया गया और आजीवन कारावास की सजा दी गई। सारा शरीफ के मामले ने यूके में कमजोर बच्चों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस घटना ने चिल्ड्रेन्स बिल जैसे कानून की जरूरत को और स्पष्ट किया है।
चिल्ड्रेन्स बिल पर यूके संसद में चर्चा
संसद ने बच्चों की सुरक्षा के लिए चिल्ड्रेन्स वेलबीइंग और स्कूल्स बिल को अगले चरण में भेज दिया है। यह बिल बच्चों का रिकॉर्ड रखने की बात करता है, जो स्कूलों में नामांकित नहीं हैं। इसका उद्देश्य कमजोर और जोखिमग्रस्त बच्चों की सुरक्षा करना है। यह कानून सारा शरीफ जैसे मामलों को रोकने के लिए लाया गया है। यूके में बच्चों की भलाई के लिए यह बिल एक अहम कदम माना जा रहा है।