Parrot Fortune Teller Detained in Tamil Nadu: लोकसभा चुनाव के लिए 19 अप्रैल से वोटिंग शुरू होगी। नतीजे 4 जून को आएंगे। लेकिन प्रत्याशी 4 जून का इंतजार नहीं करना चाहते हैं। इसलिए कई तरह के टोने-टोटके और भविष्यवक्ता का सहारा लिया जा रहा है। ऐसा ही एक मामला तमिलनाडु से सामने आया है। यहां कुड्डालोर जिले में वन विभाग की पुलिस ने एक तोता मालिक और उसके भाई को हिरासत में ले लिया। हालांकि बाद में हिदायत देकर छोड़ दिया।
जानिए क्या है पूरा मामला?
दरअसल, फिल्म डायरेक्टर थंकर बचन पट्टाली मक्कल काची पार्टी से कुड्डालोर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। थंकर बचन रविवार को अपने क्षेत्र में प्रचार कर रहे थे। इस दौरान वे एक मंदिर के पास से गुजरे। मंदिर के बाहर एक ज्योतिषी सेल्वराज बैठा था। सेल्वराज के पास भविष्य बताने वाला तोता पिंजरे में था। वह लोगों को कार्ड चुनकर उनके भविष्य बता रहा थ। थंकर बचन भी अपना भविष्य जानने के लिए उसके पास पहुंच गए।
भविष्यवक्ता तोते ने पिंजरे से बाहर आकर एक कार्ड चुना। जिस पर उस मंदिर के मुख्य देवता अजगुमुथु अय्यनार की तस्वीर थी। तोते के अनुसार, बचन को चुनाव में सफलता मिलेगी। ज्योतिषी से मिलने से कुछ मिनट पहले बचन ने पास के मंदिर के प्रमुख देवता भगवान अय्यनार का आशीर्वाद लिया। खुश होकर बचन ने तोते को केला खिलाया। इस दौरान उनके कार्यकर्ताओं ने वीडियो बनाया और उसे वायरल कर दिया।
இவனுங்க தான் சொல்றானுங்க பாசிச பாஜக !!
— மனதின் குரல் 🇮🇳(Mann Ki Batt) (@Namo3Namo) April 9, 2024
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वायरल वीडियो वन विभाग तक पहुंचा
कुड्डालोर जिले के वन रेंजर जे रमेश ने कहा कि तोते को वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत अनुसूचित II प्रजातियों के तहत वर्गीकृत किया गया है और पक्षी को कैद में रखना एक अपराध है। सेल्वराज और उनके भाई श्रीनिवासन को तोते को पिंजरे में कैद करने के लिए हिरासत में लिया गया था। बाद में उन्हें चेतावनी के साथ रिहा कर दिया गया।
पीएमके अध्यक्ष ने डीएमके पर साधा निशाना
पीएमके अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद अंबुमणि रामदास ने पीएमके उम्मीदवार के चुनाव जीतने की घोषणा करने वाले भविष्यवक्ता को गिरफ्तार करने के लिए द्रमुक सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि द्रमुक सरकार की मूर्खतापूर्ण कार्रवाई से पता चला कि वह यह पचा नहीं पा रही थी कि पीएमके उम्मीदवार कुड्डालोर संसदीय क्षेत्र जीतेंगे। यह कृत्य फासीवाद की पराकाष्ठा है और इसकी निंदा की जानी चाहिए। इस कार्रवाई से द्रमुक की हार के डर का पता चला। डीएमके एक तर्कसंगत पार्टी होने का दावा करती है, ज्योतिषी की भविष्यवाणी को भी सहन नहीं कर सकती है। कार्रवाई से यह भी उजागर हुआ कि पार्टी कितनी मूर्खता और अंधविश्वास में डूबी हुई है।