PM Modi accuses Congress for Katchatheevu: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कांग्रेस को तमिलनाडु के रामेश्वरम समुद्री तट के पास स्थिति कच्चातीवू द्वीप को गंवाने का आरोप लगाया। पीएम मोदी ने अपने X पर पोस्ट कर कहा कि कांग्रेस ने इस द्वीप को श्रीलंका को साैंप दिया। पीएम मोदी ने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि कच्चातीवू द्वीप को लेकर सामने आई नई जानकारी आंखों खोलने वाली है।
1975 में संवेदना के आधार पर श्रीलंका को दे दिया गया द्वीप
पीएम मोदी ने लिखा है कि ऐसा पता चला है कि कांग्रेस ने 1975 में इस द्वीप को श्रीलंका को दे दिया। इससे हर भारतीय की जेहन में नाराजगी है। हम कभी भी कांग्रेस पर विश्वास नहीं कर सकते। बीते 75 सालों से भारत की एकता और अखंडता को कमजोर करना कांग्रेस की कार्यशैली रही है। दरअसल पीएम मोदी ने जो मीडिया रिपोर्ट साझा की है वह एक आरटीआई(RTI) पीटिशन के जवाब पर बेस्ड है। यह आरटीआई पिटिशन तमिलनाडु के बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष के अन्नामलै ने लगाई थी। इसमें कच्चातीवू को लेकर नई जानकारियां सामने आईं हैं।
Eye opening and startling!
— Narendra Modi (@narendramodi) March 31, 2024
New facts reveal how Congress callously gave away #Katchatheevu.
This has angered every Indian and reaffirmed in people’s minds- we can’t ever trust Congress!
Weakening India’s unity, integrity and interests has been Congress’ way of working for…
सुधांशु त्रिवेदी ने भी साधा निशाना
इस बीच बीजेपी के प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने भी इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस को घेरा। त्रिवेदी ने कहा कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार के फैसलों का ही नतीजा है कि आज तमिलनाडु के मछुआरों को श्रीलंका की नौसेना गिरफ्तार कर जेल में डाल देती है। मौजूदा समय में स्थिति यह है कि तमिलनाडु के मछुआरे अगर समुद्र तट से महज 25 मील की दूरी तक ही जाते हैं तो श्रीलंकाई नौसेना उन्हें पकड़ लेती है।
1975 तक भारत के पास था कच्चातीवू
सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि रामेश्वरम के पास स्थित कच्चातीवू द्वीप साल 1975 तक भारत के पास था। तमिलनाडु के मछुआरे वहां पर मछली पकड़ने के लिए जाया करते थे। हालांकि भारत सरकार के समझौते की वजह से अब तमिलनाडु के मछुआरे कच्चातीवू द्वीप तक मछली पकड़ने नहीं जा सकते। हालांकि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ना तो कांग्रेस और ना ही तमिलनाडु में उसकी सहयोगी पार्टी डीएमके (DMK) ही इस मु़द्दे को उठा रही है। बल्कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह मुद्दा उठा रहे हैं क्योंकि वह देश और इसके लोगों के प्रति प्रतिबद्ध हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस मुद्दे पर क्यों चुप हैं। उन्हें बताना चाहिए कि उनकी पार्टी और उनका परिवार इसके लिए जिम्मेदार है।
इंदिरा गांधी सरकार ने किया था समझौता
बता दें कि साल 1974 में इंदिरा गांधी की अगुवाई वाली तत्कालीन केंद्र सरकार ने कच्चातीवू द्वीप को लेकर श्रीलंका को सौंपने के एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। बीजेपी तमिनलनाडु के प्रेसिडेंट के अन्नामलै ने इस समझौते को लेकर जानकारी मांगी थी। इस समझौते को लेकर भारत और श्रीलंका के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है। तमिलनाडु सरकार कई बार केंद्र सरकार को इस मुद्दे का स्थायी समाधान ढूंढने के लिए पत्र लिख चुकी है। हाल के कुछ साल में कच्चातीवू द्वीप के पास से मछुआरों की गिरफ्तारी बढ़ गई है। बीते एक साल में सैंकड़ों मछुआराें को गिरफ्तार किया जा चुका है। बाद में केंद्र सरकार के दखल के बाद इनकी रिहाई हो पाती है।