Sharmistha Mukherjee Criticizes Congress Ideology: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कांग्रेस की विचारधारा पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि मेरे पिता प्रणव मुखर्जी को नेहरू-गांधी ने कोई खैरात में पद नहीं दिया था। मेरे पापा ने अपना मुकाम खुद हासिल किया था, वे इसके हकदार थे। क्या गांधीजी उन सामंतों की तरह हैं, जिनसे उम्मीद की जाती है कि उन्हें 4 पीढ़ियों तक श्रद्धांजलि दी जाएगी? वैसे वर्तमान कांग्रेस पार्टी की विचारधारा क्या है? चुनाव से ठीक पहले शिवभक्त बन रहे?
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने यह बातें एक सवाल के जवाब में दिया। अजय शुक्ला नाम के पत्रकार ने शर्मिष्ठा को टैग करते हुए लिखा था कि आपके पापा और आपके पूरे परिवार के पास आज जो कुछ भी है वह केवल कांग्रेस और गांधी नेहरू परिवार के आशीर्वाद के कारण है। आपका भाई अपने पिता का नाम लेकर खुद चुनाव नहीं जीत सका. पद और सत्ता की खातिर आप विचारधारा से दूर होते गये। यह सत्य है।
Congress or Gandhi-Nehru family didn’t give any position to my ‘papa’ out of charity. He earned it & deserved it. Are the Gandhis like feudal lords expected 2 b paid homage 4 generations? What is d current Congress party’s ideology btw? Becoming Shiv-bhakts just before elections? https://t.co/3CwbQNoWwC
— Sharmistha Mukherjee (@Sharmistha_GK) February 6, 2024
राहुल गांधी को परिभाषित करना मेरा काम नहीं
यह पहली बार नहीं, जब शर्मिष्ठा ने कांग्रेस पर सीधा हमला किया। सोमवार को 17वें जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल से इतर उन्होंने कहा कि कांग्रेस अभी भी मुख्य विपक्षी पार्टी है। कांग्रेस को कैसे मजबूत करना है? यह एक अहम सवाल है। लेकिन इस पर विचार करना कांग्रेस नेताओं का काम है। कांग्रेस में लोकतंत्र की बहाली, सदस्यता अभियान, पार्टी के भीतर संगठनात्मक चुनाव और नीतिगत फैसलों की प्रक्रिया में हर स्तर पर जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को शामिल करने की जरूरत है। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी अपनी डायरी में इन्हीं बातों को लिखा है।
शर्मिष्ठा ने कहा कि कोई जादू की छड़ी नहीं है, जिससे अचानक पार्टी मजबूत हो जाए। ये कांग्रेस को देखना है कि वे पार्टी को मजबूत किस तरह करते हैं। राहुल गांधी को परिभाषित करना मेरा काम नहीं है। किसी भी व्यक्ति को परिभाषित करना संभव नहीं है। अगर कोई मुझसे मेरे पिता को परिभाषित करने के लिए कहता है, तो मैं अपने पिता को भी नहीं समझा सकती। लेकिन एक कांग्रेस समर्थक और एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में, मैं पार्टी के बारे में चिंतित हूं। मौजूदा समय में पार्टी नेतृत्व के लिए नेहरू-गांधी परिवार से बाहर देखने का समय आ गया है।
कांग्रेस को आत्ममंथन करने की जरूरत
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहाकि कांग्रेस को आत्मनिरीक्षण करना चाहिए कि क्या वह आज सचमुच अपनी विचारधारा को आगे बढ़ा रही है। क्या बहुलवाद, धर्मनिरपेक्षता, सहिष्णुता, समावेशिता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, जो कांग्रेस के मूल में रहे हैं, का व्यवहार में पालन किया जा रहा है?
विपक्षी गठबंधन का इंडी अलायंस
विपक्षी इंडिया गुट पर बोलते हुए शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि वह इसे इंडी अलायंस कहना ज्यादा पसंद करती हैं। उन्होंने कहा कि जब यह बना था, तो मैंने एक्स पर पोस्ट किया था कि अगर यह विफल हो गया, तो क्या सुर्खियां होंगी? 'इंडिया ब्रेक्स'. किसी भी राजनीतिक दल को देश का पर्याय नहीं बनना चाहिए। यह विचार मेरे मन में आया था।
2014 में कांग्रेस में हुईं थी शामिल
शर्मिष्ठा मुखर्जी 2014 में कांग्रेस में शामिल हुई थीं। उन्होंने 2015 में ग्रेटर कैलाश सीट से दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन हार का सामना करना पड़ा था। शर्मिष्ठा मुखर्जी ने सितंबर 2021 में कहा था कि उन्होंने राजनीति छोड़ दी है।