Pune Zika virus: महाराष्ट्र के पुणे में जीका वायरस के नए मामलों ने हड़कंप मचा दिया है। अब तक शहर में 6 केस सामने आ चुके हैं, जिनमें दो गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी फिलहाल मरीजों की निगरानी कर रहे हैं और प्रभावित इलाकों में फॉगिंग और फ्यूमिगेशन जैसी एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं।
गर्भवती महिलाओं में संक्रमण
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, पुणे के एरंडवाने इलाके की 28 साल की गर्भवती महिला में जीका वायरस का संक्रमण पाया गया है। इसके अलावा एक और 12 सप्ताह की गर्भवती महिला भी जीका वायरस से संक्रमित हो गई है। फिलहाल, दोनों महिलाओं की हालत स्थिर है। गर्भवती महिलाओं में जीका वायरस का संक्रमण भ्रूण माइक्रोसेफेली का शिकार हो सकता है। ऐसा होने पर नवजात के पैदा होने पर उसके सिर का आकार सामान्य से छोटा रहता है। इसके साथ ही प्रग्नेंट महिलाओं के जीका वायरस के शिकार होने पर भ्रूण को सेरेब्रल पाल्सी जैसी बीमारी हो सकती है। इस बीमार में ब्रेन और शरीर के दूसरे अंगों के बीच समन्वय प्रभावित होता है।ञ
डॉक्टर और उनकी बेटी भी संक्रमित (Pune Zika virus cases)
पुणे में जीका वायरस संक्रमण का पहला मामला एरंडवाने इलाके में 46 साल के डॉक्टर में पाया गया था। डॉक्टर के बाद उनकी 15 साल की बेटी भी संक्रमित हो गई। इसके अलावा मुंधवा इलाके में दो और मामले सामने आए, जिनमें एक 47 साल की महिला और 22 साल का युवक शामिल हैं। सभी संक्रमित मरीजों को फिलहाल डॉक्टरों की देखरेख में रखा गया है।
फॉगिंग और फ्यूमिगेशन का सहारा (Pune Municipal Corporation measures)
पुणे नगर निगम का स्वास्थ्य विभाग सभी मरीजों की निगरानी कर रहा है। फॉगिंग और फ्यूमिगेशन किया जा रहा है। इसके साथ ही नगर निगम के कर्मचारियों के मच्छारों के पनपने वाले जगहों की साफ सफाई भी कर रहे हैं।
जीका वायरस का इतिहास (History of Zika virus)
जीका वायरस संक्रमित एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। इस मच्छर को डेंगू और चिकनगुनिया जैसे वायरस फैलाने के लिए भी जाना जाता है। जीका वायरस की पहचान सबसे पहले 1947 में युगांडा में हुई थी। जीका वायरस का पहला मामला 1947 में युगांडा में बंदरों में पाया गया था। इसके बाद दुनिया के कई अलग अलग देशों में इसके मामले सामने आए हैं।
भारत में जीका वायरस का पहला मामला
भारत में जीका वायरस का पहला मामला 2021 में केरल राज्य में सामने आया था। जीका वायरस संक्रमित एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। जीक वायरस से संक्रमित होने के लक्षणों में बुखार, शरीर पर चकत्ते और बुरी तरह से सिर दर्द शामिल हैं। इसके साथ ही संक्रमित लोगों के जोड़ों में दर्द की शिकायत भी हो सकती है। कई मामलों में जीका वायरस के लक्षण बहुत हल्के होते हैं। ऐसे में संक्रमित व्यक्ति को पता ही नहीं चलता कि वह जीका वायरस से संक्रमित है। यही वजह है कि यह एक साइलेंट किलर भी माना जाता है।
बंदरों से है जीका वायरस का संबंध
बंदरों में जीका वायरस का पहला संक्रमण मिलने के बाद, यह वायरस एडीज मच्छरों के माध्यम से मनुष्यों में फैलता है। जीका वायरस संक्रमित एडीज मच्छर के काटने से ही यह वायरस मनुष्यों में पहुंचता है। इस प्रकार, जीका वायरस का मूल स्रोत बंदर हैं, लेकिन यह वायरस मनुष्यों में एडीज मच्छरों के काटने से ही फैलता है। बंदरों से सीधे मनुष्यों में नहीं फैलता।