indian overseas congress Leader sam pitroda 2024 elections concern: इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के चेयरमैन सैम पित्रोदा ने न्यूज एजेंसी ANI के एक इंटरव्यू में देश के मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य पर चिंता जताई। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत गलत रास्ते पर जा रहा है। सैम पित्रोदा ने कहा कि उन्हें यह बात परेशान करती है कि देश की मौजूदा राजनीति में राम मंदिर और दीप जलाना राष्ट्रीय मुद्दा है। 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर का भव्य उद्घाटन होना है। जिसके लिए बड़े पैमाने पर तैयारी चल रही है।
मंदिर के गर्भगृह में भगवान राम की मूर्ति स्थापित करने के लिए पीएम मोदी को आमंत्रित किया गया है। सैम पित्रोदा ने कहा कि 2024 का चुनाव देश की नियति तय करने जा रहा है। यह तय करेगा कि भारत भविष्य में क्या रास्ता अपनाएगा। और मैं इसे लेकर चिंतित हूं।
#WATCH | On hopes for Congress & INDIA alliance for upcoming 2024 polls, Chairman of Indian Overseas Congress, Sam Pitroda says, "I am very hopeful that people of India will respond to the need of the hour for the nation. I am very hopeful that the people of India will think that… pic.twitter.com/e3Z4nvj9hu
— ANI (@ANI) December 26, 2023
धर्म को महत्व दिया जा रहा, इसलिए चिंतिंत हूं
पित्रोदा ने कहा, 'मैं इसके बारे में चिंतित हूं क्योंकि धर्म को बहुत अधिक महत्व दिया जाता है। मैं देख रहा हूं कि लोकतंत्र को कमजोर किया जा रहा है। उन्होंने निराशा व्यक्त की कि शिक्षा, रोजगार, आर्थिक विकास, मुद्रास्फीति, स्वास्थ्य और पर्यावरण संबंधी चिंताओं जैसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दों पर धार्मिक और प्रतीकात्मक इशारों का प्रभाव पड़ रहा है। पित्रोदा का मानना है कि देश गलत दिशा में जा रहा है, उन्होंने नागरिकों की आजीविका को प्रभावित करने वाले व्यापक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
कांग्रेस नेता ने कहा कि इजरायल या पाकिस्तान जैसे धर्म पर आधारित राष्ट्र अमेरिका जैसे लोकतंत्र, स्वतंत्रता, मानवाधिकारों पर बने देशों से बहुत अलग हैं।
राहुल गांधी को समझना मुश्किल, क्योंकि...
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की हालिया छवि बदलाव को लेकर पित्रोदा ने कहा कि भारतीय राजनीतिक संस्कृति अक्सर हेरफेर को महत्व देती है, जिससे ईमानदार राजनेताओं के लिए आगे बढ़ना मुश्किल हो जाता है। राहुल गांधी को समझना मुश्किल है, क्योंकि भारत में एक राजनेता से झूठ बोलना और चालाकी करना माना जाता है। राहुल गांधी राजनीतिक डीएनए वाले एक युवा, शिक्षित नेता हैं। वह बहुत बुद्धिमान हैं। लेकिन भारत में, एक राजनेता को तब अच्छा माना जाता है जब वह जोड़-तोड़ करता है। भारत में एक ईमानदार राजनेता को भोला माना जाता है। मेरे अनुसार, राहुल गांधी बहुत अच्छे हैं, योग्य हैं। उनकी एक अलग शैली हो सकती है जो हम सभी के पास है।