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Rahul Gandhi Independence Day Seat Controversy: स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह में कांग्रेस नेता और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को पीछे की पंक्ति में बैठाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस ने इसे लेकर मोदी सरकार पर निशाना साध रही है।

Rahul Gandhi Independence Day Seat Controversy: स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लालकिले पर आयोजित समारोह में कांग्रेस नेता और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को पीछे की पंक्ति में बैठाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस और इंडी गठबंधन के नेताओं ने इसे लेकर मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है, जबकि सरकार अपनी सफाई दे रही है। कांग्रेस का कहना है कि राहुल गांधी, जो इस समय नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी पर हैं, उन्हें प्रोटोकॉल के तहत आगे की पंक्ति में बैठाया जाना चाहिए था। कांग्रेस इसे सरकार की कुंठा और असहिष्णुता का प्रतीक मान रही है।

राहुल गांधी को पांचवी पंक्ति में बैठाने पर भड़की कांग्रेस
सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी ने स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में अपनी निर्धारित सीट पर ही बैठने का फैसला किया था। वे पांचवीं पंक्ति में बैठाए गए थे, जबकि सरकार के अन्य कैबिनेट मंत्री आगे की पंक्तियों में बैठे थे। कांग्रेस का कहना है कि नेता प्रतिपक्ष का दर्जा एक संवैधानिक पद है और इसका प्रोटोकॉल कैबिनेट मंत्री के समान होता है। राहुल गांधी को इस पंक्ति में बैठाने के निर्णय को कांग्रेस ने अपमानजनक बताया है। मल्लिकार्जुन खड़गे की सीट भी पांचवीं पंक्ति में थी, लेकिन वे कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए।

सरकार ने बताई राहुल गांधी को क्यों मिली पांचवी पंक्ति में सीट
मोदी सरकार की ओर से दी गई सफाई में कहा गया है कि इस बार बैठने की सभी व्यवस्थाएं के अनुसार की गईं थीं। इस साल का विशेष निर्णय यह था कि पेरिस ओलंपिक के पदक विजेताओं को विशेष अतिथि के रूप में सम्मानित किया जाएगा। इसलिए बैठने की व्यवस्था उसी के अनुसार की गई।

सुप्रिया श्रीनेत ने मोदी सरकार पर साधा निशाना
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने इस घटना पर तीखा बयान देते हुए कहा, “नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को पांचवीं पंक्ति में बैठाकर मोदी सरकार ने अपनी कुंठा को दिखाया है। यह सरकार के छोटे मन और लोकतांत्रिक परंपराओं के प्रति असम्मान को दर्शाता है। हालांकि, इससे राहुल गांधी के मनोबल पर कोई असर नहीं पड़ेगा।”

सचिन पायलट और कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने भी जताया विरोध
इस घटना पर सचिन पायलट और कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी नाराजगी दर्ज कराई। उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। सचिन पायलट ने ट्वीट किया" दिल्ली के लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस समारोह में नेता प्रतिपक्ष लोकसभा @RahulGandhi जी को 5वीं पंक्ति में स्थान दिया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। नेता प्रतिपक्ष का दर्जा कैबिनेट मंत्री का होता है लेकिन सरकार का इस तरह पक्षपातपूर्ण व्यवहार संकुचित व संकीर्ण मानसिकता का परिचायक है। सरकार ने राहुल जी का नहीं बल्कि जनता की आवाज का अपमान किया है, जिस आवाज को संसद में प्रतिपक्ष के नेता के रूप में वो बुलंदी से उठाते हैं।"

कांग्रेस और सरकार के बीच टकराव
यह विवाद अब सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है, जहां कांग्रेस और सरकार के बीच टकराव और गहरा गया है। कांग्रेस इसे लोकतांत्रिक मूल्यों का अपमान मान रही है, जबकि सरकार इसे प्रोटोकॉल के अनुसार लिया गया निर्णय बता रही है।

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