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Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश में कांग्रेस समाजवादी पार्टी (एसपी) के साथ गठबंधन में है। सीट-बंटवारे के समझौते के तहत उत्तर प्रदेश में कांग्रेस 17 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है कांग्रेस ने अमेठी और रायबरेली को छोड़कर सभी सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की है।

Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश में अमेठी और रायबरेली लोकसभा सीट को आखिरकार कांग्रेस ने निर्णय ले ही लिया। आज, शुक्रवार (3 मई) को नामांकन के आखिरी दिन कांग्रेस ने दोनों सीटों के लिए ऑफिशियली उम्मीदवार उतार दिए हैं। राहुल गांधी रायबरेली से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। जबकि अमेठी में गांधी परिवार के मिस्टर भरोसेमंद केएल शर्मा (किशोरी लाल शर्मा) को उतारा गया है। केएल शर्मा गुरुवार को ही अमेठी पहुंच गए थे। उनका मुकाबला स्मृति ईरानी से होगा। अमेठी और रायबरेली सीट पर लोकसभा चुनाव के 5वें दौर में 20 मई को वोटिंग होगी। 

कौन हैं KL Sharma?
केएल शर्मा का पूरा नाम किशोरी लाल शर्मा है। जब सोनिया गांधी रायबरेली से सांसद थीं तो वह उनके सांसद प्रतिनिधि थे। उन्हें गांधी परिवार का मिस्टर भरोसेमंद कहा जाता है। उनके पास अमेठी और रायबरेली में कांग्रेस पार्टी के काम को देखने का लंबा अनुभव है।

केएल शर्मा मूलत: पंजाब के रहने वाले हैं। वह पहली बार 1983 में पूर्व पीएम राजीव गांधी के साथ अमेठी पहुंचे थे। इसके बाद से वे लगातार पार्टी के लिए काम कर रहे हैं। उनकी गांधी परिवार से नजदीकियों का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 1991 में राजीव गांधी की मौत के बाद जब अमेठी सीट से गांधी परिवार के सदस्य चुनाव नहीं लड़ते थे तो भी केएल शर्मा यहां कांग्रेस के सांसदों के लिए काम करते थे। 

केएल शर्मा बिहार के पार्टी प्रभारी रह चुके हैँ। एआईसीसी और पंजाब कमेटी के लिए भी काम किया है। उन्हें बेहतरीन संगठन कार्यकर्ता माना जाता है। 

2019 में स्मृति ईरानी ने छीनी थी अमेठी सीट
अमेठी और रायबरेली सीट कांग्रेस का गढ़ रही है। अमेठी में 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को करीब 50 हजार से अधिक वोटों से हराकर सीट छीन ली थी। राहुल ने 2004 से 2019 तक लोकसभा में अमेठी का प्रतिनिधित्व किया था। उनके पिता और पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गांधी भी 1981 से 1991 में अपनी मृत्यु तक अमेठी के निर्वाचित सदस्य थे। सोनिया गांधी ने 1999 में यहां से चुनाव लड़ा था। 2004 में राहुल को कमान सौंपी गई।

2019 में घट गया था सोनिया गांधी की जीत का अंतर
रायबरेली में कांग्रेस की पकड़ का इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पार्टी ने 1951 के बाद से तीन लोकसभा चुनावों को छोड़कर सभी चुनावों में जीत हासिल की है। सोनिया गांधी से पहले पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी ने तीन बार रायबरेली से जीत हासिल की थी। इस निर्वाचन क्षेत्र ने 1952 और 1957 में दो बार इंदिरा गांधी के पति और कांग्रेस नेता फिरोज गांधी को भी चुना। 

2019 के चुनाव में रायबरेली में भाजपा ने पूर्व कांग्रेसी दिनेश प्रताप सिंह को लड़ाया था। दिनेश सिंह ने मजबूती से चुनाव लड़ा। नतीजा सोनिया गांधी की जीत का अंतर घट गया। सोनिया गांधी इस बार रायबरेली से चुनाव नहीं लड़ रही हैं। वह राजस्थान से राज्यसभा के लिए चुनी गई हैं। हालांकि दिनेश प्रताप सिंह एक बार फिर भाजपा के टिकट पर मैदान में हैं। 

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