Rahul Gandhi Defamation Case: कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि केस में पुणे की अदालत ने समन जारी किया है। अदालत ने उन्हें पेश होने के लिए कहा है। यह अदालती कार्यवाही विनायक दामोदर सावरकर के पोते सत्यकी सावरकर की शिकायत पर शुरू हुई है। सत्यकी ने राहुल गांधी पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सावरकर को लंदन में विवादित बयान देकर बदनाम करने का आरोप लगाया है।
19 अगस्त को होगी अगली सुनवाई
राहुल गांधी के खिलाफ यह आदेश न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) साक्षी जैन ने दिया। सत्यकी के वकील संग्राम कोल्हटकर ने बताया कि न्यायालय ने हमारे पक्ष को सुनने के बाद राहुल गांधी को समन जारी करने का आदेश दिया। यह मामला वीर सावरकर की मानहानि के खिलाफ दायर किया गया था, राहुल गांधी ने कुछ कथित घटनाओं का हवाला देते हुए टिप्पणियां कीं जो उनके (सावरकर) जीवन में कभी नहीं हुईं और इसलिए उनके पोते ने मानहानि का मामला दायर किया था।
अदालत ने अगली सुनवाई की तारीख 19 अगस्त तय की है। हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि कांग्रेस नेता खुद अदालत में पेश होंगे या उनके वकील या प्रतिनिधि हाजिर होंगे।
#WATCH | Pune, Maharashtra | Savarkar defamation case: Sangram Kolhatkar, advocate representing Satyaki Savarkar, says, "The Court was pleased to pass an order in our favour and it ordered to issue a summon to Rahul Gandhi. The case was filed against the defamation of Veer… pic.twitter.com/w0gVvSEgmX
— ANI (@ANI) May 31, 2024
क्या है पूरा मामला?
राहुल गांधी पिछले साल मार्च में लंदन गए थे। वहां राहुल गांधी ने अपने भाषण में दावा किया था कि विनायक दामोदर सावरकर ने एक किताब में लिखा था कि उन्होंने और उनके दोस्तों ने एक मुसलिम व्यक्ति को पीटा। इससे सावरकर को खुशी हुई थी। सावरकर के पोते सत्यकी दावा किया कि ऐसी कोई घटना कभी नहीं हुई थी और विनायक दामोदर सावरकर ने कभी ऐसी कोई बात किताब में नहीं लिखी।
पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में राहुल गांधी को झूठा बताया
सत्यकी ने आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत शिकायत दर्ज कराई थी। जिसके बाद अदालत ने विश्रामबाग पुलिस थाने को सत्यकी की ओर से पेश सबूतों को सत्यापित करने और एक रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया था। पुलिस ने अदालत में पेश रिपोर्ट में सत्यकी के दावों को सही बताया। पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया था कि विनायक दामोदर सावरकर ने अपनी किताब में कहीं भी ऐसी घटना का उल्लेख नहीं किया था और फिर भी राहुल गांधी ने अपने भाषण में ऐसा दावा किया।