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Rajiv Gandhi assassination convicts: पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या में शामिल तीन दोषियों ने बुधवार 3 अप्रैल को भारत छोड़ दिया। तीनों श्रीलंका के नागरिक हैं। नवंबर 2022 में सुप्रीम कोर्ट से इन्हें मिली थी रिहाई।

Rajiv Gandhi assassination convicts: पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के तीन दोषियों ने 3 अप्रैल को भारत को छोड़ दिया। ये सभी बुधवार सुबह चेन्नई से कोलंबो के लिए रवाना हो गए। इनमें  मुरुगन, रॉबर्ट पायस और जयकुमार शामिल थे। बता दें कि नवंबर 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने राजीव गांधी की हत्या के मामले में छह दोषियों को रिहा कर दिया था। अदालत ने जेल में उनके "संतोषजनक व्यवहार" और तमिलनाडु सरकार से रिहाई की सिफारिश के आधार पर इन दोषियों को आजाद कर दिया था। 

हवाई अड्डे तक पुलिस ने किया एस्कॉर्ट
इन तीनों दोषियों को जेल से रिहा होने के बाद  तिरुचिरापल्ली में एक विशेष शिविर में रखा जा रहा था। बुधवार की सुबह शिविर से रिहाई के बाद, तीनों को पुलिस अधिकारियों की एक टीम द्वारा चेन्नई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे तक ले जाया गया। जहां से वह कोलंबो के विमान से अपने देश के लिए रवाना हो गए। तीनों श्रीलंकाई नागरिक है। हाल ही में श्रीलंका ने इन तीनों को पासपोर्ट जारी कर दिया था। 

देश छोड़ने वालों में नलिनी का पति भी शामिल
राजीव गांधी की हत्या मामले में दोषी ठहराई गई नलिनी ने इसी मामले के आरोपी और बुधवार को देश छोड़ने वाले मुरुगन के साथ शादी की है। नलिनी भी अपने पति के साथ एयरपोर्ट पर नजर आई। ऐसा कहा जाता है कि नलिनी को इस मामले में मौत की सजा सुनाई गई थी। हालांकि, प्रेग्नेंट होने की वजह से और सोनिया गांधी के हस्तक्षेप की वजह से उसकी माैत की सजा उम्र कैद में बदल दी गई।

नलिनी की बेटी ब्रिटेन में डॉक्टर है
31 साल जेल में रहने के बाद नलिनी 12 नवम्बर 2022 को जेल से रिहा हो गई थी। नलिनी की बेटी ब्रिटेन में एक डॉक्टर है। अपने परिवार से मिलने के लिए नलिनी ने वीजा भी मांगा है। नलिनी ने कहा कि मुझे इस बात की उम्मीद है कि मुरुगन को भी कोलंबो से ब्रिटेन के वीजा मिल जाएगा। इसके बाद पूरे परिवार का मिलन हो सकेगा। 

सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की मौत की सजा कम कर दी थी
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दया याचिकाओं के निपटारे में देरी के कारण दोषियों की मौत की सजा कम कर दी थी। रिहा किए गए दोषियों में से एक संथन की चेन्नई के एक अस्पताल में मौत हो गई। इस मामले में रिहा होने वाले पहला व्यक्ति पेरारिवलन था, उसे मई 2022 में रिहा किया गया था। पेरारिवलन भारतीय नागरिक है। नलिनी के भाई ने परिवार के पुनर्मिलन के लिए मुरुगन के वीज़ा अनुमोदन की आशा व्यक्त की।

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