Rajya Sabha Election: राजग (NDA) ने सोमवार, 27 अगस्त को राज्यसभा में बहुमत का आंकड़ा छू लिया। नौ बीजेपी सदस्य और दो सहयोगी दलों के सदस्य निर्विरोध राज्यसभा सांसद चुने गए। इसके साथ ही बीजेपी की राज्यसभा में संख्या 96 हो गई है। अब राज्यसभा में एनडीए सदस्यों का कुल आंकड़ा 112 हो गया है। निर्विरोध चुने गए तीन दूसरे सदस्यों में एनसीपी (अजित पवार गुट) और राष्ट्रीय लोक मंच (RLM) के एक-एक सदस्य शामिल हैं। मौजूदा समय में राज्यसभा में 237 सदस्य हैं, जिसमें बहुमत का आंकड़ा 119 है।
इन सांसदों को राज्यसभा के लिए चुना गया है
बीजेपी के जिन सदस्यों को निर्विरोध चुना गया, उनमें बिहार से उपेंद्र कुशवाहा और मनन कुमार मिश्रा, असम से मिशन रंजन दास और रमेश्वर तेली, हरियाणा से किरण चौधरी, मध्य प्रदेश से जॉर्ज कुरियन, महाराष्ट्र से धैर्यशील पाटिल और नितन पाटिल, ओडिशा से ममता मोहंता, राजस्थान से रवनीत सिंह बिट्टू और त्रिपुरा से राजीव भट्टाचार्य शामिल हैं। इसके अलावा, कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी तेलंगाना से निर्विरोध चुने गए हैं।
विधेयकों को पारित कराने में हाेगी आसानी
राज्यसभा में अब सत्तारूढ़ एनडीए की ताकत बढ़ गई है। एनडीए बीते एक दशक से राज्यसभा में मेजॉरिटी हासिल करने की कोशिशों में जुटा था। अब राज्यसभा में एनडीए गठबंधन को बहुमत मिलने के बाद सत्तारूढ़ गठबंधन को विपक्ष के दबाव से निपटने में मदद मिलेगी। एनडीए को विधेयकों को पारित करने में विपक्ष की रोका-टोकी का सामना नहीं करना पड़ेगा। पहले कई बार राज्यसभा में विपक्षी सदस्यों की वजह से विधेयकों को पारित करने में बीजेपी सरकार को दिक्कतों का सामना करना पड़ा था।
राज्यसभा में घट गई विपक्ष की ताकत
राज्यसभा में विपक्ष की संख्या अब 85 रह गई है। इससे पहले कई विधेयकों को पास कराने के लिए सरकार को गैर-गठबंधन दलों जैसे नवीन पटनायक की बीजू जनता दल और वाईएस जगनमोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस का समर्थन लेना पड़ा था। अब, एनडीए के बढ़ते बहुमत के कारण, इस समर्थन की जरूरत कम हो सकती है।
बिहार से दो बीजेपी सदस्य राज्यसभा में
बता दें कि चुनाव आयोग ने इस महीने की शुरुआत में राज्यसभा उपचुनाव (Rajya Sabha Election) के लिए नोटिफिकेशन जारी किया था। नामांकन की अंतिम तारीख 21 अगस्त थी, जबकि नाम वापसी की अंतिम तारीख 27 अगस्त थी। मतदान 3 सितंबर को सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक होगा।
12 सीटों के लिए 9 राज्यों में होगा उपचुनाव
इस बार के उपचुनावों में असम, बिहार, महाराष्ट्र, हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, त्रिपुरा, तेलंगाना और ओडिशा की 12 सीटें शामिल हैं। उपचुनाव (Rajya Sabha Election) के बाद चुने गए सदस्य अगले साल यानी 2025 से 2028 तक की शेष अवधि के लिए कार्य करेंगे। राज्यसभा की यह सीटें कई राज्यसभा सांसदों के लोकसभा में चुने जाने और इस्तीफे के कारण खाली हुई हैं। असम से कमख्या प्रसाद तासा और सर्बानंद सोनोवाल, बिहार से मीसा भारती और विवेक ठाकुर जैसी हस्तियों के चुनाव के बाद यह सीटें खाली हुई थीं।
Bihar: Former Union Minister Upendra Kushwaha and BJP candidate Manan Kumar Mishra elected unopposed for #RajyaSabha.
— All India Radio News (@airnewsalerts) August 27, 2024
For the by-election on two seats only two nominations were filed. Today was the last day of withdrawal of nomination papers and no one withdrew their papers so… pic.twitter.com/2W6EoWW5HZ
21 अगस्त थी नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख
राज्यसभा उपचुनाव के लिए चुनाव आयोग ने इस महीने की शुरुआत में अधिसूचना जारी की थी। 21 अगस्त नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि थी। नाम वापसी की अंतिम तिथि 27 अगस्त थी। मतदान 3 सितंबर को सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक किया जाएगा। इसी दिन शाम 5 बजे से मतगणना शुरू होगी और उसी रात तक परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे।
जानें नए राज्यसभा सांसदों के बारे में:
उपेंद्र कुशवाहा: बिहार की राजनीति में बड़ा नाम
उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) बिहार की राजनीति में एक बड़ा नाम हैं। वे कई बार बिहार विधान परिषद और विधान सभा के सदस्य रह चुके हैं। वे लोकसभा और राज्यसभा के भी सदस्य रह चुके हैं। इसके अलावा, उन्होंने केंद्रीय मंत्री के रूप में भी काम किया है। 1985 में राजनीति में कदम रखने वाले कुशवाहा, युवा लोक दल के प्रदेश महासचिव भी रह चुके हैं।
रवनीत सिंह बिट्टू: मोदी 3.0 में मंत्री
मौजूदा समय में रवनीत सिंह बिट्टू मोदी कैबिनेट में मंत्री है। बिट्टू पंजाब से तीन बार कांग्रेस सांसद रह चुके हैं। 2009 में आनंदपुर साहिब से लोकसभा चुनाव जीतने वाले बिट्टू ने 2014 और 2019 में लुधियाना से जीत हासिल की। बिट्टू पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेंट सिंह के पोते हैं। बता दें कि बेंट सिंह की हत्या 1995 में खालिस्तानी आतंकवादियों ने कर दी थी। रवनीत सिंह बिट्टू को राजस्थान से राज्यसभा सांसद चुना गया है।
मनन कुमार मिश्रा: सुप्रीम कोर्ट के प्रैक्टिसिंग वकील
मनन कुमार मिश्रा बिहार के गोपालगंज जिले के मूल निवासी हैं। मनन कुमार मिश्रा सुप्रीम कोर्ट में वकालत करते हैं। मनन मिश्रा लगातार सात बार बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष रह चुके हैं। बीजेपी ने उन्हें बिहार से राज्यसभा के लिए चुना है।
जॉर्ज कुरियन: केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन
जॉर्ज कुरियन मूल रूप से केरल के कोट्टायम के रहने वाले हैं। कुरियन को एमपी से राज्यसभा भेजा गया है। कुरियन एमपी से राज्यसभा सांसद भेजे जाने वाले दक्षिण के दूसरे नेता हैं। कुरियन से पहले तमिलनाडु के रहने वाले और केंद्रीय मंत्री एल मुरुगन को भी मध्य प्रदेश से ही राज्ससभा भेजा गया है। एमपी के सीएम डॉ. मोहन यादव और बीजेपी स्टेट प्रेसिडेंट वीडी शर्मा की मौजूदगी में कुरियन को रिटर्निंग ऑफीसर ने सर्टिफिकेट सौंपा।
हरियाणा से किरण चौधरी राज्यसभा सांसद
हरियाणा में बीजेपी की किरण चौधरी राज्यसभा की सदस्य निर्विरोध चुन ली गई हैं। मंगलवार को रिटर्निंग अधिकारी साकेत कुमार ने उन्हें राज्यसभा सांसद बनने का प्रमाणपत्र सौंपा। बीजेपी ने 20 अगस्त को किरण चौधरी को उम्मीदवार घोषित किया था। 21 अगस्त को उन्होंने मुख्यमंत्री नायब सैनी की उपस्थिति में अपना नामांकन दाखिल किया। चुनाव में कांग्रेस और दूसरी विपक्षी पार्टियों ने कोई उम्मीदवार नहीं उतारा, जिससे किरण चौधरी का निर्विरोध चुना जाना तय हो गया था। मंगलवार को रिटर्निंग अफसर ने किरण चौधरी को आधिकारिक रूप से राज्यसभा चुनाव सर्टिफिकेट सौंपा।
असम में भाजपा ने दो राज्यसभा सीटें जीती
असम में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने राज्यसभा की दो सीटें बिना किसी मुकाबले जीत ली हैं। दोनों सीटों पर सिर्फ बीजेपी के उम्मीदवार ही मैदान में थे। रामेश्वर तेली (Rameshwar teli) और मिशन रंजन दास बीजेपी के उम्मीदवार थे। दोनों राज्यसभा सांसदों को गुवाहाटी में रिटर्निंग अधिकारी राजीव भट्टाचार्य ने सर्टिफिकेट सौंपा। बता दें कि असम की यह दोनों सीटें पूर्व केंद्रीय मंत्री सरबानंद सोनोवाल और कमाख्या प्रसाद तासा के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद खाली हुई थीं।
महाराष्ट्र में एनसीपी और बीजेपी की एक-एक सीट पर जीत
महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर बीजेपी और अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने बाजी मारी है। नितिन पाटिल और धैर्यशील पाटिल को राज्यसभा सीटों पर बिना मुकाबले निर्विरोध चुना गया है। ये सीटें पीयूष गोयल और उदयनराजे भोसले के लोकसभा चुनाव जीतने से खाली हुई थीं। नितिन पाटिल को सोमवार को उनके राज्यसभा सदस्यता का प्रमाणपत्र सौंपा गया। एनसीपी और बीजेपी दोनों ही राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का हिस्सा हैं।