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Ramoji Rao Death: मीडिया दिग्गज रामोजी राव ने अपनी कार्यशैली से पत्रकारिता को नए आयाम दिए। वे तेलुगु देशम पार्टी (TDP) को मजबूती के साथ खड़ा करने में भी अहम सहयोगी थे।

Ramoji Rao Death: दक्षिण भारत के ईनाडू समूह के मालिक और मीडिया दिग्गज रामोजी राव का शनिवार को 87 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वे तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) को मजबूती के साथ खड़ा करने में अहम सहयोगी थे। टीडीपी प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू कई मौकों पर इस बात को स्वीकार कर चुके हैं। चेरुकुरी रामोजी राव के निधन से टीडीपी ने अपने संस्थापक सदस्य को खोया है। रामोजी राव दक्षिण भारत के प्रमुख तेलुगु अखबार ईनाडु और ईटीवी चैनल के मालिक थे। उन्होंने रामोजी फिल्म सिटी, प्रिया फूड्स और मार्गदर्शी चिट फंड की शुरुआत की थी।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 1980 के दशक की शुरुआत में रामोजी राव ने अपने अखबार में टीडीपी फाउंडर और तेलुगु एक्टर से राजनेता बने एनटी रामा राव (NTR) को तेलुगु प्राइड के तौर पर समर्थन प्रदान किया था। जिसके चलते टीडीपी आंध्र प्रदेश में कांग्रेस के खिलाफ जीत हासिल कर पाई थी। 

रामोजी राव ने किया था NTR का सपोर्ट: बारू
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार रहे वरिष्ठ पत्रकार संजय बारू मानते हैं कि रामोजी राव की सबसे विशिष्ट बात यह थी कि उनके पास मूमेंट्स की समझ थी। बारू ने कई सालों तक रामोजी राव के कामकाज को करीब से देखा और उनके साथ कुछ समय तक काम भी किया। संजय बारू कहते हैं कि जब एनटी रामा राव ने राजनीति में आने का फैसला ले लिया, तो रामोजी राव को मूमेंट्स की समझ थी। उन्होंने एनटीआर को आंध्र प्रदेश की राजनीति में बड़ी क्रांति लाने में मार्गदर्शन प्रदान किया। तब तक किसी ने नहीं सोचा था कि कांग्रेस पार्टी को तत्कालीन संयुक्त आंध्र प्रदेश में कोई चुनौती मिल सकती है। 

अखबार के जरिए जनता की नब्ज को भांपा
अन्य लोग जो रामोजी राव को जानते थे, उनकी शुरुआती ध्यान खींचने और भीड़ जुटाने की अद्वितीय क्षमता की ओर इशारा करते हैं। उन्होंने 1980 के दशक की शुरुआत में एनटीआर के कैंपेन के लिए जिलों में माहौल बनाया। रामोजी राव इसे अपने अखबार के जिला स्तर पर संस्करणों से महसूस कर पा रहे थे। उन्होंने इस आकर्षण को प्रदेश के सामने लाकर एनटीआर के लिए समर्थन की लहर बनाई। एनटीआर युग के बाद उन्होंने चंद्रबाबू नायडू को भी इसी उत्साह के साथ समर्थन दिया।

रामोजी ने वस्तुनिष्ठता को दी नई परिभाषा
रामोजी राव और उनकी कार्यशैली को करीब से जानने वालों ने देखा है कि कैसे उन्होंने पत्रकारिता में वस्तुनिष्ठता को पुनर्परिभाषित किया। उन्होंने पत्रकारिता में पक्ष-विपक्ष की रिपोर्टिंग के साथ निष्पक्षता का भ्रम पैदा नहीं किया, रामोजी राव सीधे तौर पर पक्ष लेते हुए अपने विचारों और प्राथमिकताओं को सामने रखते थे। कई मायनों में टीडीपी को मजबूत करने, राष्ट्रीय राजनीति में क्षेत्रीय दलों को तबज्जो दिलाने का श्रेय एनटीआर के करिश्मे को जाता है, जो बहुत हद तक ईनाडु अखबार के समर्थन पर टिका था। 

कैंसर से लड़ रहे थे रामोजी राव: सूत्र
रामोजी राव के करीबियों की मानें तो वह कैंसर से लड़ रहे थे और अस्पताल में भर्ती थे, लेकिन उन्होंने आखिरी क्षणों तक अपनी सभी क्षमताओं पर नियंत्रण रखा। रामोजी राव के साथ 2 दशक तक काम करने वाले रघु सिडाम्बी ने मीडिया दिग्गज को "अंत तक योद्धा" बताया है। उनकी आखिरी लड़ाई वाईएस जगन मोहन रेड्डी सरकार के खिलाफ उनका स्टैंड थी। रामोजी ने आंध्र प्रदेश में टीडीपी की जीत और केंद्र में पार्टी को एक अहम भूमिका के साथ सत्ता में वापसी करते देखा है। रविवार को राजकीय सम्मान के साथ रामोजी राव का अंतिम संस्कार किया जाएगा।

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