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Shimla Mosque Controversy: शिमला में संजौली मस्जिद के अवैध निर्माण के खिलाफ बुधवार, 11 सितंबर को हिंदू संगठनों का विरोध उग्र हो गया। प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड्स तोड़ दिए। जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया। वाटर कैनन चलाई।

Shimla Mosque Controversy: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली इलाके में मस्जिद के अवैध निर्माण के खिलाफ हिंदू संगठनों का विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है। कई दिनों से चल रहे इस विरोध ने बुधवार को हिंसक रूप ले लिया, जब प्रदर्शनकारियों ने पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स तोड़ दिए। प्रदर्शनकारी मस्जिद की ओर बढ़ने की कोशिश कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया। स्थिति को संभालने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।

पुलिस ने किया लाठीचार्ज, हालात नियंत्रण में
प्रदर्शनकारियों द्वारा बैरिकेड्स तोड़ने के बाद पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए लाठीचार्ज किया। इसके साथ ही प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछारें भी छोड़ी गई। विरोध के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो गई, जिसमें कई लोग घायल हो गया। स्थानीय लोगों ने संजौली-ढली रोड पर हनुमान चालीसा का पाठ किया, जिससे यातायात बाधित हो गया। प्रदर्शनकारी मस्जिद की अवैध निर्माण को ध्वस्त करने की मांग कर रहे हैं।

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दो दिनों के अल्टीमेटम के बाद भड़का विवाद
प्रदर्शनकारी मस्जिद के अवैध निर्माण को ध्वस्त करने की मांग कर रहे हैं और इसके लिए उन्होंने प्रशासन को दो दिन का अल्टीमेटम दिया था। 31 अगस्त को मस्जिद के पास एक व्यक्ति के साथ मारपीट की घटना के बाद यह विवाद और गहरा हो गया। पुलिस ने इस मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद हिंदू संगठनों ने मस्जिद के खिलाफ अपना विरोध और तेज कर दिया।

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प्रशासन ने इलाके में धारा 163 लागू किया
इस मामले को लेकर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने कहा कि यह अवैध निर्माण का मामला है और इसे मस्जिद विवाद से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। प्रशासन ने इलाके में धारा 163 लागू कर दी है, जिसके तहत किसी भी व्यक्ति को 5 से अधिक लोगों के समूह में इकट्ठा होने या हथियार लेकर चलने की अनुमति नहीं होगी। पुलिस ने संजौली में शांति बनाए रखने के लिए मंगलवार रात को फ्लैग मार्च भी निकाला।

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जानें , क्या है शिमला मस्जिद विवाद की जड़
संजौली की यह मस्जिद 1947 से पहले बनाई गई थी। शुरुआत में यह मस्जिद कच्ची थी, लेकिन 2010 में इसके पक्के निर्माण का काम शुरू हुआ। इसके बाद 2024 तक मस्जिद को पांच मंजिलों का रूप दे दिया गया। अवैध निर्माण की शिकायतें नगर निगम तक 2010 से लगातार पहुंच रही हैं। अब तक 35 बार अवैध निर्माण रोकने के आदेश जारी किए गए हैं, लेकिन निर्माण नहीं रुका।

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कानून व्यवस्था बिगड़ने नहीं दिया जाएगा: मंत्री
हिमाचल प्रदेश के वरिष्ठ कांग्रेस नेता और मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने इस मसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सभी को शांतिपूर्ण प्रदर्शन का अधिकार है, लेकिन राज्य की शांति भंग नहीं होनी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि मामला कोर्ट में है। अगर अवैध निर्माण पाया गया, तो कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी। मंत्री ने कहा, "कानून व्यवस्था को बिगड़ने नहीं दिया जाएगा, और यदि निर्माण अवैध है, तो उसे गिरा दिया जाएगा।"

अनिरुद्ध सिंह का विधानसभा में बयान
हिमाचल प्रदेश के पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने विधानसभा में मस्जिद निर्माण पर कड़ी टिप्पणी की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि मस्जिद के निर्माण के चलते संजौली बाजार में महिलाओं का चलना मुश्किल हो गया है और चोरी, लव जिहाद जैसी घटनाएं बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा, "अवैध निर्माण को रोकने के लिए बिजली और पानी की आपूर्ति क्यों नहीं काटी गई?"

ओवैसी ने कांग्रेस पर साधा निशाना
असदुद्दीन ओवैसी ने हिमाचल प्रदेश के मंत्री अनिरुद्ध सिंह के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कांग्रेस पर बीजेपी जैसी भाषा बोलने का आरोप लगाया। ओवैसी ने सोशल मीडिया पर कहा, "हिमाचल प्रदेश की सरकार कांग्रेस की है या बीजेपी की? 'मोहब्बत की दुकान' में सिर्फ नफरत भरी हुई है।"

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