Army Chief General Manoj Pandey: सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने गुरुवार को कहा कि देश की उत्तरी सीमा यानी कि लद्दाख बॉर्डर पर स्थित फिलहाल स्थिर है लेकिन संवेदनशील है। हम इस मुद्दे का समाधान करने और दोनों पक्षों के बीच संतुलन बनाने की कोशिश कर रहे हैं। सेना पूरी तरह से चौकन्नी है। तैयारी उच्च स्तर की है। सैनिकों की तैनाती कड़ी भी है और संतुलित भी। सेना प्रमुख ने आर्मी डे से पहले होने वाले सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बातें कही।
राजौरी पुंछ में आतंकी गतिविधि चिंता की बात
जनरल पांडे ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अभी भी सीजफायर का उल्लंघन जारी है। घुसपैठ की कोशिशें भी सामने आई है जिसे हमने रोक दिया है। ड्रोन के जरिए हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी को रोकने के लिए हमारे पास एंटी ड्रोन मैकेनिज्म है। राजौरी और पुंछ के इलाके में आतंकी गतिविधियां बढ़ गई हैं। सीमा पार से आंतकी गतिविधियों को समर्थन अभी भी जारी है। तकनीकों का गलत इस्तेमाल करने की नई रणनीति भी सामने आई है। यह बेहद चिंता की बात है।
#WATCH | Delhi: COAS General Manoj Pande says, "...The situation and terrorist activities in Rajouri and Poonch in the last 5-6 months have been an issue of concern to us. By 2003, terrorism in this area was fully disseminated and peace was established there till 2017-18. Because… pic.twitter.com/51qKjri54p
— ANI (@ANI) January 11, 2024
राष्ट्रहित सर्वोपरि है: सेना प्रमुख
सेना प्रमुख ने कहा कि राष्ट्रहित सर्वोपरी है। मजबूती के साथ इन सभी गतिविधियों से लड़ा जा रहा है। जनरल पांडे ने कहा कि हमारा देश आर्थिक विकास के रास्ते पर तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है। हम अपने देश की मदद करेंगे। इसके लिए आंतरिक और बाहरी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। हम सुनिश्चित करेंगे की देश के भीतर और इसकी सीमा पर एक सुरक्षित माहौल हो।
पूर्वाेत्तर में भी स्थिति सामान्य बनाने की कोशिश
सेना प्रमुख ने कहा कि बीते साल से पूर्वोत्तर में हिंसा की घटनाए कम हुईं हैं। सरकार की नीतियों के कारण पूर्वोत्तर के राज्यों में विकास हुआ है। मणिपुर में पिछले साल मई में हिंसा के मामले सामने आए थे। हालांकि, राज्य सरकार, सेना और असम राइफल्स की साझा कोशशों से स्थिति स्थिर करने में कामयाबी मिली है। हम पूर्वोत्तर में भी सामान्य स्थिति सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं। हमारी कोशिश है कि पूर्वोत्तर के राज्यों में भी स्थिरता आए।