Smriti Irani vs Rahul Gadhi: कांग्रेस नेता राहुल गांधी सोमवार को भारत जोड़ो यात्रा लेकर अमेठी पहुंचे। यहां पहुंचने पर एक बार फिर उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधा। राहुल गांधी ने केंद्र सरकार को दलित विरोधी बताया। इस बीच केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी भी सोमवार को अमेठी पहुंच गईं। यहां आने पर उन्होंने कांग्रेस को निशाने पर लिया। इन दोनों नेताओं में जुबानी जंग शुरू हो गई। स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को चुनौती दी कि वह अगला लोकसभा चुनाव अमेठी से लड़कर दिखाएं। वहीं, राहुल गांधी के रैली के दौरान 'राहुल गो बैक' और जय श्रीराम के नारे लगाए गए। इन सारे घटनाक्रमों से सोमवार को अमेठी में सियासी माहौल गर्म रहा।
अमेठी के लोग गांधी परिवार से नाराज
स्मृति ईरानी ने कहा कि अमेठी के पूर्व सांसद ने राम मंदिर के कार्यक्रम में आने का न्यौता ठुकरा दिया। इससे अमेठी के लोग गांधी परिवार से नाराज हैं। उन्होंने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि पूर्व सांसद कह रहे हैं कि लोगों की मदद करेंगे। जिसे खुद सहारे की जरूरत है वह दूसरों को सहारा क्या देगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज कांग्रेस की हालत यह हो गई कि उन्हें रायबरेली की सीट भी छोड़नी पड़ रही है। बता दें कि रायबरेली से कांग्रेस नेता सोनिया गांधी लोकसभा चुनाव लड़ती रही हैं। इस बार स्वास्थ्य कारणों से सोनिया गांधी ने इस सीट से चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया। सोनिया गांधी ने राजस्थान से लोकसभा चुनाव के लिए नॉमिनेशन फाइल किया है।
#WATCH | Uttar Pradesh: Union Minister and BJP MP from Amethi, Smriti Irani says, "Amethi has received an investment of Rs 6523 crore in the Investors Summit... The anger of the people of Amethi against the Gandhi family is clearly visible...Today when he (Rahul Gandhi) arrived,… pic.twitter.com/2EWS5eNczl
— ANI (@ANI) February 19, 2024
अमेठी में 6, 523 करोड़ रुपए का निवेश आया
स्मृत ईरानी ने कहा कि साल 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वादा किया था कि वह बदलाव की राजनीति लेकर आए। पीएम मोदी के सान्निध्य में प्रदेश की राजधानी में हुए निवेश सम्मेलन में अमेठी के लिए कई निवेश आकर्षित हुए हैं। इस सम्मेलन में अमेठी में 6,523 करोड़ रुपए का निवेश आया है। यह निवेश के लिए हुआ एमओयू नहीं, बल्कि धरातल पर आया निवेश है। जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने तब तक अमेठी में लघु उद्योगों के लिए 60 वर्षों में महज 500 करोड़ रुपए आए। जबकि पीएम मोदी के बीते 10 साल के कार्यकाल में लघु उद्योगों के लाभार्थियों के बीच 2000 करोड़ रुपए दिए गए। इसके साथ ही अमेठी में 8 हजार लखपति दीदी बनी हैं।
रहना था दिन भर लम्हे बिताकर गए
स्मृति ईरानी ने कहा कि जो लोग अमेठी को सत्ता का केंद्र मानते थे, लेकिन सेवा नहीं देते थे, यहां पहुंचे तो अमेठी के लोग स्वागत के लिए नहीं पहुंचे। उन्हें प्रतापगढ़ और सुल्तानपुर से लोग लाने पड़े। रहना था दिन भर लेकिन कुछ लम्हे बिताकर चले गए। जब इसी शख्स ने वायनाड में कहा कि अमेठी के लोगों को समझ नहीं है तो यहां के लोग काफी नाराज हुए। आज सूनी सड़के चीख-चीख कर कह रही थीं कि यहां के लोगों का अब गांधी परिवार से कोई लेना देना नहीं है।
राहुल गांधी अमेठी में क्या बोले?
राहुल गांधी ने अमेठी में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि क्या आपने राम मंदिर का कार्यक्रम देखा। यह बेहद भव्य तरीके से आयोजित किया गया। लेकिन, क्या आपने इसमें किसी दलित चेहरे को देखा। हमारी राष्ट्रपति आदिवासी हैं, उन्हें इस कार्यक्रम में शामिल होने की इजाजत नहीं दी गई। क्या आपने किसी किसा या मजदूर को इस कार्यक्रम में देखा। इसमें पिछड़ा वर्ग का कोई भी चेहरा नहीं दिखा। इस कार्यक्रम में आपने अडानी, अंबानी और दूसरे परिवारों को जरूर देखा होगा। इसमें सभी बिजनेसमैन मौजूद थे। अमिताभ बच्चन, एश्वर्या राय और नरेंद्र मोदी मौजूद थे।
अमेठी रहा है गांधी परिवार का गढ़
बता दें कि अमेठी लंबे समय तक कांग्रेस का गढ़ रहा है। 1967 में उत्तर प्रदेश के गठन के बाद से ही कांग्रेस का अमेठी पर कब्जा रहा है। इंदिरा गांधी के छोटे बेटे संजय गांधी ने पहली बार 1977 में पहली बार चुनाव लड़ा था लेकिन वह हार गए थे। इसकी वजह यह रही कि देश में इससे पहले इमरजेंसी में लगा था और लोगों में नाराजगी थी। हालांकि, 1980 में संजय गांधी ने एक बार फिर से इसी सीट से चुनाव लड़ा और जीत गए। हालांकि, इस जीत के महज एक साल बाद ही उनकी मौत हो गई। इसके बाद राजीव गांधी ने 1981 में अमेठी से चुनाव लड़ा और जीते। राजीव गांधी ने अमेठी से 1984, 1989 और 1991 में अपनी मृत्यु तक अमेठी से सांसद रहे।
1999 में पहली बार सोनिया गांधी ने अमेठी से लड़ा चुनाव
राजीव गांधी की मौत के बाद सोनिया गांधी की राजनीति में एंट्री हुई। सोनिया गांधी ने भी 1999 में अमेठी से लोकसभा चुनाव लड़ा और सांसद बनी। हालांकि इसके बाद 2004 में सोनिया गांधी ने रायबरेली से लोकसभा चुनाव लड़ना शुरू किया। इससे पहले फिरोज गांधी और इंदिरा गांधी रायबरेली सीट से सांसद रह चुके थे। 2004 में राहुल गांधी ने अमेठी से अपनी राजनीतिक पारी का आगाज किया। राहुल गांधी 2009 में दोबारा इस सीट से जीत हासिल की। हालांकि 2014 की मोदी लहर में राहुल गांधी अमेठी से लोकसभा चुनाव हार गए। इसके बाद से स्मृति ईरानी अमेठी की सांसद हैं।