SC strict action against YSRCP MLA: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को YSRCP के विधायक पिनेली रामकृष्ण रेड्डी को अंतरिम राहत देने पर पर कड़ी नाराजगी जाहिर की। जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने इसे 'सिस्टम के साथ भद्दा मजाक' करार दिया है। विधायक पिनेली रामकृष्ण रेड्डी बीते महीने पालंडु जिले के एक बूथ पर ईवीएम मशीन को नुकसान पहुंचाया था। विधायक की यह हरकत कैमरे में कैद हो गई थी। यह वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुई थी।
विधायक का वीडियो भी आया था सामने
वीडियो में विधायक अपने कुछ समर्थकों के साथ बूथ में घुसते नजर आए थे। इसके बाद विधायकों और उनके समर्थकों ने इवीएम मशीन और VVPAT काे उठाकर जमीन पर पटक दिया था। यह 13 मई को हुई थी। इस मामले में चुनाव आयोग और पुलिस की एक्शन से बचने के लिए विधायक हाईकोर्ट पहुंच गए थे। हाईकोर्ट की जस्टिस वेंकटा ज्योतिर्मयी ने पुलिस को अंतरिम आदेश दिया था कि वेंकटा ज्योतिर्मयी के खिलाफ 5 जून को सुबह 10 बजे तक कोई एक्शन नहीं लिया जाए।
SC में दिखाया गया MLA का तोड़फोड़ वाला वीडियो
सुप्रीम काेर्ट में सोमवार को विधायक रामकृष्ण रेड्डी का ईवीएम से तोड़फोड़ करने वाला वीडियो दिखाया गया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरविंद कुमार और संदीप मेहता ने हाईकोर्ट के फैसले पर सवाल उठाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सिस्टम का पूरी तरह से मजाक बना दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम विधायक रामकृष्ण रेड्डी को मिली अंतरिम राहत पर रोक लगाने पर विचार कर रहे हैं। ऐसा करने पर रेड्डी की गिरफ्तारी का रास्ता साफ हो जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- क्या यहां मजाक चल रहा है?
कोर्ट ऐसे मामले में अंतरिम राहत कैसे दे सकता है। अगर हम इस आदेश पर रोक नहीं लगाते हैं , तो यह सिस्टम का मजाक उड़ाना होगा। जस्टिस कुमार ने कहा कि क्या यहां मजाक चल रहा है। वह इस तरह से पोलिंग बूथ में कैसे घुस सकता है। यह एक लाइव वेब टेलेकास्ट था। शिकायकर्ता ने कहा है कि आठ लोग पोलिंग बूथ में घुस गए इवीएम और वीवीपैट को छीन लिया गया और इसे पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया। ऐसे मामलों में जमानत का सवाल ही कहां उठता है?
सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस के जवाब पर भी जताई नाराजगी
कोर्ट ने कहा कि हम प्रथम दृष्टया YSRCP नेताओं पर लगाए गए आरोपों को स्वीकार करने के इच्छुक हैं। यह एक डॉक्टर्ड वीडियो नहीं है। कोर्ट ने इस मामले में अंतरिम राहत मिलने तक विधायक के छिपे रहने पर भी नाराजगी जताई। इसके साथ ही इस मामले में पुलिसकर्मियों की ओर से साैंपे गए जवाब पर भी नाराजगी जाहिर की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक सिटिंग एमएलए पोलिंग बूथ में जाता है ईवीएम और VVPAT को नुकसान पहुंचाता है। यह पूरी तरह से व्यवस्था का अपमान है और पुलिस इस मामने में अनजान व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज करती है।
काउंटिंग बूथ के आसपास भी नजर नहीं आने चाहिए विधायक
इस घटना से नाराज सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विधायक रामकृष्ण रेड्डी को अपने क्षेत्र में काउंटिंग बूथ के अंदर जाने की इजाजत नहीं होनी चाहिए। यहां तक कि काउंटिंग बूथ के आसापास भी वे नजर नहीं आने चाहिए। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को निर्देश दिया कि वह विधायक रेड्डी के खिलाफ दर्ज किए गए मामले की सुनवाई करे और उन्हें दी गई अंतरिम राहत से प्रभावित होने की जरूरत नहीं है।
विधायक के वकील ने कोर्ट में क्या दी दलील?
विधायक की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट विकास सिंह ने कहा कि उनके मुवक्किल कोर्ट के आदेशों का पालन करेंगे और बेंच से अनुरोध किया वह हाईकोर्ट को प्रस्तावित याचिका पर सुनवाई का निर्देश दे। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट टीडीपी के सदस्य नंबूद्री शेषागिरी राव की याचिका पर सुनवाई कर रहा था। रामकृष्ण रेड्डी लगातार पांचवी बार चुनाव लड़ रहे हैं। रेड्डी के खिलाफ इंडियन पीनल कोड, लोक प्रतिनिधित्व कानून और प्रिवेंशन ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में विधायक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया जाना चाहिए।