Supreme Court Grants Bail to Abbas Ansari: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को बड़ी राहत दी है। सोमवार को अदालत ने आर्म्स लाइसेंस मामले में उनकी जमानत को मंजूर कर लिया। यूपी पुलिस ने शूटिंग प्रतियोगिताओं के बहाने विदेशी बंदूकें खरीदने के आरोप में अब्बास के खिलाफ केस दर्ज किया था।
सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी में इस केस की सुनवाई की थी। तब यूपी सरकार के हलफनामे पर जवाब दाखिल करने के लिए अंसारी ने वकील ने समय मांगा था। इसके बाद सुनवाई न्यायमूर्ति बीआर गवई की अगुवाई वाली पीठ ने मार्च तक के लिए स्थगित कर दी थी।
Supreme Court grants bail to gangster-turned-politician Mukhtar Ansari's son Abbas Ansari in an arms license case.
— ANI (@ANI) March 18, 2024
इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को दी थी चुनौती
अब्बास अंसारी ने इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच के 20 नवंबर 2022 के आदेश को चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने आर्म्स लाइसेंस केस में नेता अब्बास अंसारी को जमानत देने से इनकार कर दिया था। इस मामले में 12 अक्टूबर 2019 को एफआईआर दर्ज की गई थी। जिसमें अब्बास अंसारी पर खुद को एक प्रसिद्ध शूटर होने का दावा करते हुए लाइसेंस पर कई विदेशी हथियार खरीदने का आरोप लगाया गया था।
अभियोजन पक्ष ने कहा था कि अब्बास ने बताया था कि उन्होंने लखनऊ में जारी लाइसेंस को दिल्ली में ट्रांसफर करवा लिया है, लेकिन इस संबंध में संबंधित पुलिस स्टेशन को कोई सूचना नहीं दी गई और आवेदक दो अलग-अलग राज्यों में जारी किए गए दोनों लाइसेंसों का उपयोग दो अलग-अलग यूआईडी पर करता रहा।
राजभर की पार्टी से विधायक, कासगंज जेल में बंद
गाजीपुर के रसूखदार परिसर से तालुक रखने वाले अब्बास अंसारी ने 2022 में ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा से विधानसभा चुनाव लड़ा था। इस समय वह इसी पार्टी से मऊ सदर सीट से विधायक हैं। राजभर एनडीए में शामिल हो चुके हैं। उन्हें योगी सरकार कैबिनेट में शामिल किया गया है।
अब्बास अंसारी ने विधानसभा चुनाव के दौरान भड़काऊ भाषण दिया था। तब सुभासपा का गठबंधन समाजवादी पार्टी से था। अंसारी ने चुनाव बाद अफसरों से हिसाब किताब कर लेने की धमकी दी थी। इसे आचार संहिता का उल्लंघन माना गया था। मामले को लेकर उन पर केस दर्ज हुआ। लंबे समय तक फरार होने के बाद उन्हें सरेंडर करना पड़ा था। तब से वह कासगंज जेल में हैं।