OPS for CAPF personnel: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) के लिए पुरानी पेंशन योजना (OPS) लागू करने पर सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने इ इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर लगाए गए अंतरिम रोक को बरकरार रखा। जनवरी 2023 में, दिल्ली हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि CAPF कर्मियों को भी OPS का लाभ मिलना चाहिए। 22 दिसंबर 2003 को इस बारे में एक नोटिफिकेशन जारी किया गया था।
केंद्र को दी अपील की इजाजत
सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई 2023 में हाई कोर्ट के इस फैसले पर अंतरिम रोक लगाई थी। सोमवार को न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, संजय कुमार और आर महादेवन की पीठ ने केंद्र सरकार को दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील करने की इजाजत दी। हालांकि, कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए कोई निश्चित तारीख देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि केंद्र इस मामले में जल्द सुनवाई के लिए अपील कर सकता है।
हाई कोर्ट में CAPF कर्मियों ने उठाया था मामला
CAPF कर्मियों ने हाई कोर्ट में दायर याचिका में आरोप लगाया था कि विभिन्न अदालती टिप्पणियों और आदेशों के बावजूद, उन्हें OPS का लाभ नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने सरकार द्वारा जारी ऑफिस मेमो और सिग्नल्स को चुनौती दी, जिसमें उन्हें CCS (पेंशन) नियम, 1972 के अनुसार OPS का लाभ देने से इंकार किया गया था।
CAPF कर्मियों की याचिका का मुख्य मुद्दा
याचिकाकर्ताओं ने 17 फरवरी 2020 को जारी कार्यालय ज्ञापन को रद्द करने की मांग की, जिसमें उन कर्मियों को OPS का लाभ नहीं दिया गया था, जिन्हें 1 जनवरी 2004 के बाद नियुक्त किया गया था। याचिका में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), सशस्त्र सीमा बल (SSB), सीमा सुरक्षा बल (BSF), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के कर्मियों को OPS में शामिल करने की मांग की गई थी।
सैन्य बलों के समान लाभ की मांग
याचिकाकर्ताओं का तर्क था कि जैसे भारतीय सेना, वायु सेना और नौसेना के कर्मियों को OPS का लाभ मिलता है, वैसे ही CAPF कर्मियों को भी यह लाभ मिलना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से CAPF कर्मियों के लिए OPS का भविष्य अधर में है। सीएपीएफ कर्मियों बीते एक साल से वन रैंक वन पेंशन योजना के तहत लाभ पाने की कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं।