NewsClick Editor Prabir Purkayastha: सुप्रीम कोर्ट ने न्यूजक्लिक के संपादक प्रबीर पुरकायस्थ को रिहा करने का आदेश दिया है। प्रबीर को गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम कानून यानी UAPA की सख्त धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया था। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने कहा कि उनकी गिरफ्तारी रिमांड कॉपी उपलब्ध नहीं कराई गई, जिससे उनकी गिरफ्तारी शून्य हो जाती है।
अदालत ने यह भी कहा कि दिल्ली पुलिस द्वारा उनकी गिरफ्तारी आतंकवाद विरोधी मामले में अमान्य थी। जस्टिस मेहता ने कहा कि अदालत के मन में इस बात को लेकर कोई झिझक नहीं है कि गिरफ्तारी का आधार प्रदान नहीं किया गया। इससे गिरफ्तारी को रद्द किया जाता है। अपीलकर्ता पंकज बंसल मामले के बाद हिरासत से रिहाई का हकदार है। रिमांड आदेश अमान्य है।
हमारी दलीलों पर लगी सुप्रीम कोर्ट से मुहर
वकील अर्शदीप खुराना ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने प्रबीर पुरकायस्थ की गिरफ्तारी और रिमांड की कार्यवाही को अवैध माना है। अदालत ने पुरकायस्थ की रिहाई का निर्देश दिया है। ट्रायल कोर्ट के समक्ष जमानत बांड प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया। यह एक बड़ी राहत है, क्योंकि हम शुरू से ही कहते रहे हैं कि उनके खिलाफ पूरी कार्यवाही अवैध थी और गिरफ्तारी का तरीका भी अवैध था। जिसे अब सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा है।
Supreme Court orders release of NewsClick founder and Editor-in-Chief Prabir Purkayastha in UAPA case. pic.twitter.com/IyY5dxExQb
— ANI (@ANI) May 15, 2024
चीन से फंडिंग का आरोप
पुरकायस्थ को आतंकवाद विरोधी कानून, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था। न्यूयॉर्क टाइम्स की जांच के कुछ दिनों बाद आरोप लगाया गया था कि न्यूजक्लिक को राष्ट्र विरोधी प्रचार करने के लिए चाइना से फंडिंग हुई थी। पुरकायस्थ को पिछले साल 3 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था। तभी से वह न्यायिक हिरासत में थे।
क्या है पूरा मामला?
प्रवर्तन निदेशालय ने तीन साल पहले जांच में पाया था कि मीडिया पोर्टल न्यूजक्लिक को विदेशों से करीब 38 करोड़ की फंडिंग मिली थी। यह फंडिंग अमेरिकी करोड़पति नेविल रॉय सिंघम की ओर से की गई थी। नेविल पर चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (CPC) के साथ आरोप लगते रहे हैं। ईडी की जांच में सामने आया कि तीन साल में न्यूजक्लिक को 38 करोड़ रुपए फंडिंग हुई। इसे तीस्ता सीतलवाड़ समेत कई लोगों में बांटा गया था।
अगस्त 2023 में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने न्यूजक्लिक और इसके संस्थापक के खिलाफ UAPA के तहत केस दर्ज किया था। अक्टूबर 2023 में स्पेशल सेल ने प्रबीर के अलावा कई पत्रकारों और समाजसेवियों के यहां रेड की थी। 37 पुरुष और 9 महिलाओं से पूछताछ की गई। इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स जब्त किए गए। पूछताछ के बाद प्रबीर पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती को गिरफ्तार किया था। अमित चक्रवर्ती सरकारी गवाह बन चुके हैं।