MPSC Success Story: दृढ़ संकल्प और लगन से असंभव भी संभव हो सकता है। इसी को सच कर दिखाया है महाराष्ट्र के कालंब (इंदापुर) की स्वाति गुंडुराम अर्जुन ने, जिन्होंने शादी के दस साल बाद महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग (MPSC) परीक्षा में सफलता पाई। स्वाति गुंडुराम अर्जुन ने पुलिस सब इंसपेक्टर बनने में कामयाबी हासिल की है। स्वाति अपनी इस उपलब्धि की वजह से स्थानीय लोगों में प्रेरणा की मिसाल बन गईं हैं।
शादी के बाद भी जारी रही पढ़ाई
स्वाति अर्जुन, महाराष्ट्र के मालशिरस तालुका के कुरुबावी गांव की रहने वाली हैं। स्वाति की प्राथमिक शिक्षा जिला परिषद स्कूल में हुई। 2014 में शादी के बाद भी स्वाति ने अपनी पढ़ाई जारी रखी। उन्होंने 2017 में संगोला के फार्मेसी कॉलेज से स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद वह प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं की तैयारियों में जुट गईं।
YouTube से मिला मार्गदर्शन
स्वाति का सपना जीवन में अधिकारी बनने का था, जिसे उन्होंने कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प से पूरा किया। उन्होंने YouTube वीडियो से मार्गदर्शन प्राप्त किया और अक्टूबर 2022 में महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा दी। जून 2023 में उन्होंने राज्य लोक सेवा की प्रिलिमनरी परीक्षा में भी सफलता हासिल की।
पति का सहयोग बना सफलता की कुंजी
स्वाति ने अक्टूबर 2023 में MPSC मुख्य परीक्षा दी और इसके साथ ही सातार के सरकारी अस्पताल में फार्मास्युटिकल अधिकारी के रूप में काम भी शुरू किया। काम के साथ-साथ उन्होंने मुख्य परीक्षा की तैयारी भी जारी रखी। उनके मार्गदर्शक और रयत प्रबोधिनी के सहयोग ने उन्हें इस सफर में काफी मदद की।स्वाति के पति गुंडुराम अर्जुन भारतीय सेना में कार्यरत हैं और देश की सेवा कर रहे हैं। स्वाति ने बताया कि शादी के बाद उनके पति ने उन्हें आगे की पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित किया, जिससे वे महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग परीक्षा में सफल हो पाईं।
ससुराल वालों का समर्थन बना ताकत
स्वाति की सास शालन अर्जुन और ससुर हनुमंत अर्जुन ने भी उनकी शिक्षा में मदद की। स्वाति ने बताया कि उनके दो बच्चे, ऋत्विक (7 साल) और रेहान्श (3.5 साल), भी उनकी सफलता में सहयोगी बने, जिससे वे अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर सकीं। स्वाति अर्जुन ने सभी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वालों से अपील की है कि वह सही मार्गदर्शन लें और पहली ही कोशिश में प्रारंभिक परीक्षा पास करने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि पढ़ाई के दौरान की गई गलतियों को सुधारना भी बहुत जरूरी है।