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Tamil Nadu minister K Pondmudy corruption case Updates: दोषी ठहराए जाने के बाद पोंनमुडी मंत्री नहीं रहेंगे और उनका उच्च शिक्षा विभाग किसी अन्य कैबिनेट सहयोगी को सौंपे जाने की संभावना है।

Tamil Nadu minister K Pondmudy corruption case Updates: मद्रास हाईकोर्ट ने गुरुवार को एक अहम फैसला सुनाया। तमिलनाडु के उच्च शिक्षा मंत्री के पोंनमुडी को भ्रष्टाचार के एक मामले में तीन साल जेल की सजा सुनाई। हाईकोर्ट ने दो दिन पहले 1.75 करोड़ रुपये की आय से अधिक संपत्ति के मामले में डीएमके नेता और उनकी पत्नी को दोषी ठहराने के निचली अदालत के आदेश को रद्द कर दिया था। हालांकि उन्हें सरेंडर करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि उनकी सजा को 30 दिन के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। हाईकोर्ट ने उन्हें सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का मौका दिया गया है। 

फिलहाल उन्हें मंत्री पद त्यागना पड़ सकता है। दोषी ठहराए जाने के बाद पोंनमुडी मंत्री नहीं रहेंगे और उनका उच्च शिक्षा विभाग किसी अन्य कैबिनेट सहयोगी को सौंपे जाने की संभावना है। कानून के तहत विधायिका के सदस्यों को अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने पर संसद या विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया जाता है।

हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को गलत बताया
जस्टिस जी जयचंद्रन ने उन्हें बरी करने के लिए ट्रायल कोर्ट द्वारा दिए गए अस्थिर कारणों को खारिज करते हुए उनके खिलाफ भारी सबूतों की ओर इशारा किया। न्यायाधीश ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को स्पष्ट रूप से गलत बताया, जिससे यह अपीलीय अदालत के हस्तक्षेप के लिए उपयुक्त मामला बन गया।

अन्नामुद्रक ने उठाया था केस
सूत्रों के मुताबिक, तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि द्वारा मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से उन्हें अपने मंत्रिमंडल से हटाने की मांग के एक दिन बाद उन्हें सजा सुनाई गई। यह मामला डीएमके के 2006-2011 शासन काल का है, जब के पोंडमुडी नेता ने 1.36 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति अर्जित की थी। इस मामले को 2011 में जब अन्नाद्रमुक सत्ता में आई तो अदालत में लेकर गई थी। 

इस मामले ने हाल के दिनों में तमिलनाडु सरकार और राज्यपाल के बीच एक और विवाद पैदा कर दिया है। सत्तारूढ़ द्रमुक द्वारा रवि पर राज्य विधानसभा द्वारा पारित बिलों को मंजूरी देने में जानबूझकर देरी करने का आरोप लगाने के बाद दोनों पक्ष सुप्रीम कोर्ट में संघर्ष में फंस गए हैं।
 

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