Andhra Pradesh Assembly Elections: देश में लोकसभा चुनाव के साथ आंध्र प्रदेश में विधानसभा चुनाव भी होंगे। इस चुनाव में चंद्रबाबू नायडू की
तेलुगू देशम पार्टी यानी टीडीपी और एक्टर पवन कल्याण की जन सेना पार्टी (जेएसपी) ने एक साथ उतरने का फैसला लिया है। इसी कड़ी में शनिवार को 118 नामों के साथ उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी गई। इन 118 उम्मीदवारों में से टीडीपी 94 दावेदारों के साथ आगे है, जबकि जन सेना 24 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी ने 94 में से 23 नए चेहरों पर दांव लगाया है।
देखें उम्मीदवरों की लिस्ट
Andhra Pradesh Assembly elections | TDP-Jana Sena Party (JSP) announces first list of candidates with 118 names, first time ever in the politics in Andhra Pradesh. Of these 118 nominees, TDP spearheads with 94 contenders, while Jana Sena will be contesting in 24 seats which will… pic.twitter.com/FI2UT2r0KP
— ANI (@ANI) February 24, 2024
दो-दो सीटों पर पहले ही उतार दिए थे उम्मीदवार
पिछले महीने चंद्रबाबू नायडू और पवन कल्याण ने दो विधानसभा सीटों पर एकतरफा अपने उम्मीदवार उतार दिए थे। जनसेना पार्टी प्रमुख ने राजनगरम और रजोल में कैंडिडेट उतारा था। जबकि चंद्रबाबू नायडू ने अराकू और मंडपेटा क्षेत्र के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की थी। इससे दोनों दलों के बीच गठबंधन में दरार पैदा हो गई थी। हालांकि बाद में पवन कल्याण ने साफ किया था कि भले ही गठबंधन के बीच कोई बात हो, लेकिन चुनाव में दोनों पार्टियां साथ जा रही हैं।
पवन कल्याण ने 5 फरवरी को चंद्रबाबू नायडू से मुलाकात की थी। इस दौरान कई घंटे तक दोनों पार्टी प्रमुखों के बीच गठबंधन को लेकर बातचीत हुई थी।
जगन मोहन रेड्डी ने 175 सीटों के जीतने का बनाया टारगेट
इस समय आंध्र प्रदेश में आईएसआर कांग्रेस की सत्ता है। मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने विधानसभा चुनाव में 175 सीटों के जीतने का लक्ष्य रखा है। पिछले चुनाव में रेड्डी को 151 सीटें हासिल हुई थीं।
2014 में पवन कल्याण की पार्टी को मिले थे 5.53 फीसदी वोट
आंध्र प्रदेश विधान सभा में इस समय 175 सीटें हैं। 2014 से पहले तक आंध्र प्रदेश में विधानसभा की 294 सीटें थीं। लेकिन राज्य का बंटवारा होने के बाद 113 सीटें तेलंगाना में चली गईं। आंध्र प्रदेश के बंटवारे के बाद तीसरी बार चुनाव होगा। बंटवारे के बाद 2014 के चुनाव में चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी ने जीत हासिल की थी और नायडू सीएम बने थे। लेकिन 2019 के चुनाव में वाईएसआर कांग्रेस ने सत्ता छीन ली थी। उस समय भी पवन कल्याण की पार्टी चुनाव लड़ी थी। तब जनसेना पार्टी को 5.53 फीसदी वोट हासिल हुए थे।