Logo
हरियाणा के नूंह में केएमपी पर श्रद्धालुओं की बस में लगी आग और भी भयावह हो सकती थी। तालिम ने बस में आग लगी देख एक किलोमीटर तक बाइक से बस का पीछा किया। ड्राइवर इशारा नहीं समझा तो बाइक बस के आगे लगा दी।

नूंह, कासिम खान। शनिवार की रात उपमंडल में केएमपी मार्ग पर बर्निंग बस हादसे में एक स्थानीय युवक की सूझबूझ के चलते दर्जनों श्रद्धालुओं की जान बच गई। जिसकी सभी लोग प्रशंसा कर रहे हैं। कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेसवे के साथ गांव घुसपैठी सीमा के  खेतों में रहने वाले तालीम ने श्रद्धालुओं से भरी चलती बस में सबसे पहले आग को देखा था।जिन्होंने बस में आग देख मोटरसाइकिल पर सवार होकर करीब एक किलोमीटर तक पीछा करते हुए बस को रुकवाया फिर चालक आग लगने की सूचना दी। माना जा रहा है कि यदि तालीम समय रहते बस को नहीं रुकवाते  तो शायद सभी श्रद्धालु अपनी जान से हाथ धो बैठते।

चलती बस से निकलती देखी लपटे

तालीम ने बताया कि रात के समय में कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेस वे पर एक बस में मानेसर की ओर जा रही थी जिससे आग की लपटें निकल रही थी।जिसे देखते ही वह तुरंत समझ गए कि बस में आग लग रही है।जबकि चालक को चलती बस में आग लगने का ज्ञान नही हुआ।तालीम ने पहले केएमपी मार्ग पर दौड़ते हुए चालक को आवाज़ लगाई लेकिन उन्हें सुनाई नहीं दिया तो अपने साथियों को चलती बस में आग की सूचना दी।फिर मोटरसाइकिल पर सवार होकर बस का पीछा करना शुरू कर दिया।लगभग एक किलोमीटर तक पीछा कर अपनी जान की परवाह किए बिना तालीम ने मोटरसाइकिल को बस के आगे लगाकर रुकवा दिया। चालक को आग लगने की पता चलने पर वह घबरा गया।

शोर सुनकर पहुंचे आसपास के ग्रामीण

शोर मचाकर सो रहे श्रद्धालुओं को जगाने का प्रयास किया।इस दौरान मार्ग से सटे धुलावट गांव की ढाणियों से स्थानीय ग्रामीण भी पहुंच गए। थोड़ी देर में ही सैकड़ो की संख्या में ग्रामीण  एकत्रित हो गए। तालीम की सूझबूझ से सभी ग्रामीणों ने बस में सवार श्रद्धालुओं को निकालना के प्रयास शुरू कर दिए। उन्होंने बताया कि बस के अगले हिस्से में तेज आग लग रही थी। इसलिए यह संभव नहीं था कि बस के अगले हिस्से से श्रद्धालुओं को निकाला जाए। ग्रामीणों ने पिछले बस की  खिड़कियों को तोड़ना शुरू कर दिया। सभी को बचाने का भरसक कोशिश हुई। लेकिन बस में सिलेंडर भरे थे जो आग लगने के कारण लीक हो गए।जिन्होंने आग पकड़ ली थी।जिसके डर से ग्रामीण पीछे हट गए।लेकिन फिर भी अपने प्रयास जारी रखें। ग्रामीणों के मुताबिक यदि बस में सिलेंडर नहीं होते तो शायद वह सभी को आसानी से बचा सकते थे।लेकिन इस दौरान सभी ने तालीम की सूझबूझ की प्रशंसा की।

रात को रास्ते में बस रोकने से डर गया था चालक

स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि जब तालीम बस को रुकवाने के लिए मोटरसाइकिल से पीछा कर रोकने के लिए आवाज लग रहा था तो चालक घबरा गया।अंधेरे में मोटरसाइकिल चालक द्वारा बस रोकने का इशारा करने को चालक उचित नहीं समझ रहे थे। लेकिन तालीम ने अपनी जान की परवाह किए बिना मोटरसाइकिल को बर्निंग बस के आगे चालक को रुकवाने पर मजबूर कर दिया।जैसे ही बस रुकी तो उन्होंने बस के अगले हिस्से में तेज आग की सूचना दी।उस समय एक बुजुर्ग महिला जाग रही थी जिसने साथी श्रद्धालुओं को जगाना शुरू कर दिया।

बस में नहीं था एमरजेंसी दरवाजा 

श्रद्धालुओं का दावा लाखों रुपए का सामान व नगदी जलकर हुई राख:- बस में सवार श्रद्धालुओं ने बताया कि बस के केबिन व लोकरों में बैग और बक्से रखे हुए थे।जिनमें लाखों रुपए के सोने चांदी के आभूषण, पूजा सामग्री खाद्य सामग्री और नकदी थी।जो सभी जलकर राख हो गया हादसे के बाद कुछ श्रद्धालु अपने सामान को खोजते रहे।

अस्पतालों पर मनमानी का आरोप

हादसे में घायलों को नगर के सरकारी अस्पताल सहित निजी अस्पतालों में भी मलाया गया।तावडू नगर के नूंह मार्ग पर स्थित एक निजी अस्पताल में पहुंचे एक घायल के परिजन शहंसराज शर्मा ने कहा कि उपचार के लिए मरीज घंटे तक इंतजार करते रहे,लेकिन चिकित्सक नहीं पहुंचे। एनिजी अस्पताल संचालकों ने एंबुलेंस का बहुत ज्यादा चार्ज बताया। श्रद्धालुओं ने हादसे में उनका सामान सहित नकदी भी गायब हो गई थी।

jindal steel jindal logo
5379487