TMC 10 leaders detained: तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक-ओ-ब्रयान समेत पार्टी के 10 नेताओं को सोमवार को चुनाव आयोग के दफ्तर के बाहर से हिरासत में ले लिया गया। टीएमसी सांसद सोमवार को अपनी पार्टी के नेताओं के साथ चुनाव आयोग के दफ्तर के बाहर धरने पर बैठे थे। टीएमसी नेताओं की मांग थी कि CBI, NIA, ED और आयकर विभाग के मौजूदा प्रमुखों को हटाया जाए।
पहले पुलिस ने मनाया, नहीं माने तो हिरासत में लिया
पुलिस ने पहले तो टीएमसी नेताओं को हटाने की कोशिश की। हालांकि, जब टीएमसी नेता धरने से उठने के लिए राजी नहीं हुए तो टीएसमसी सांसद डेरेक समेत अन्य टीएमसी नेताओं को हिरासत में ले लिया गया। धरना दे रहे टीएमसी के 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में - डेरेक ओ'ब्रायन, मोहम्मद नदीमुल हक, डोला सेन, साकेत गोखले और सागरिका घोष, विधायक विवेक गुप्ता, पूर्व सांसद अर्पिता घोष, शांतनु सेन और अबीर रंजन विश्वास, और पार्टी के छात्र विंग वेस्ट बंगाल के उपाध्यक्ष सुदीप राहा शामिल थे। पहले तो इन सभी नेताओं ने चुनाव आयोग की पूर्ण पीठ से मुलाकात की। इसके बाद दफ्तर के बाहर ही धरने पर बैठ गए।
#WATCH | Delhi: TMC MP Dola Sen says, "...We have appealed to the Election Commission to change the chiefs of NIA, CBI, ED and Income Tax and we are sitting on a 24-hour peaceful protest with this demand..."
— ANI (@ANI) April 8, 2024
The TMC leaders have been detained by Delhi Police. pic.twitter.com/WiAMO0YZbB
क्या बोलीं टीएमसी सांसद
टीएमसी की सांसद डोला सेन ने पुलिस के एक्शन से पहले मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि सीबीआई ,एनआईए और ईडी और इनक टैक्स के चीफ को बदलने की मांग हमने इलेक्शन कमीशन से मांग की। इसी मांग को लेकर हम यहां पर 24 घंटे के लिए शांतिपूर्ण ढंग से धरना कर रहे हैं। आपको पता है कि अमित शाह, मोदी सरकार और दिल्ली की पुलिस हमें धरना देने से रोक रही है। सीबीआई, एनआईए, ईडी और इनकम टैक्स अमित शाह और मोदी का खिलौना है।
टीएमसी नेताओं को बस में बिठाकर दूसरी जगह ले जाया गया
पुलिस कार्रवाई धरने के एक घंटे बाद शुरू हुई। जब नेताओं से आयोग के चुनाव आयुक्तों से मिलने के बाद बार-बार जाने का अनुरोध किया गया। हालांकि, जब टीएमसी नेता नहीं माने तो पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। सभी नेताओं को हिरासत में लेने के बाद बस में बिठाकर दूसरी जगह ले जाया गया। टीएमसी नेताओं का आरोप है कि केंद्रीय एजेंसियां आम चुनाव से पहले विपक्षी नेताओं को टारगेट रही है।
'विपक्ष का जीना मुश्किल हो रहा'
तृणमूल सांसद डोला सागरिका घोष ने कहा कि हमने 1 अप्रैल को चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की थी।लोकतंत्र में चुनाव के दौरान समान अवसर देना बुनियादी बात है। जिस तरह से सीबीआई, एनआईए, ईडी और आयकर अधिकारी काम कर रहे हैं, वे बीजेपी के सदस्य जैसे लग रहे हैं। विपक्ष का जीना मुश्किल हो रहा है। बीजेपी के एक नेता ने एनआईए अधिकारी के आवास पर उनके साथ बैठक की। क्या एक जांच एजेंसी का अधिकारी किसी पार्टी के नेता के साथ मीटिंग कर सकता है।
'तृणमूल नेताओं ने एनआईए अफसरों पर लगाए गंभीर आरोप'
घोष ने कहा कि कहा कि 5 और 6 अप्रैल की दरमियानी रात को स्थानीय पुलिस को सूचित किए बिना छापेमारी की गई। उन्होंने कहा, इस बार एनआईए ने दो साल पुराने मामले में कार्रवाई की। सुबह 3 बजे महिलाओं के घरों पर छापेमारी की गई। अधिकारी सुबह 3 बजे घरों में घुस गए, जहां उन्होंने महिलाओं को परेशान किया और उनके साथ छेड़छाड़ की। उन्होंने कहा कि सांसदों ने चुनाव आयोग से एनआईए, ईडी, सीबीआई और आयकर प्रमुखों को बदलने का अनुरोध किया है।
पीएम मोदी ने दिया था भ्रष्टाचारियों पर एक्शन का आश्वासन
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जलपाईगुड़ी में एक चुनावी रैली में कहा था कि भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई 4 जून के बाद तेज हो जाएगी, जब चुनाव के नतीजे घोषित किए जाएंगे। उन्होंने कहा था, "क्या हमें भ्रष्टाचार खत्म नहीं करना चाहिए? क्या हमें भ्रष्ट लोगों को जेल नहीं भेजना चाहिए? क्या हमें टीएमसी के भ्रष्टाचार से छुटकारा नहीं पाना चाहिए? यह मोदी की गारंटी है। इसके बाद से ही तृणमूल कांग्रेस केंद्रीय जांच एजेंसियों के खिलाफ हमलावर हो रहे हैं।
ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री मोदी के बयान पर किया पलटवार
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी डरी हुई नहीं है। लेकिन बीजेपी राजनीतिक मकसद से केंंद्रीय जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया, "वे कहते हैं मोदी की गारंटी। मोदी की क्या गारंटी है? क्या उनकी गारंटी है कि वह चार जून के बाद सभी विपक्षी नेताओं को जेल में डाल देंगे।"