2016 Uri Terror Attack: पूर्व हाई कमिश्नर अजय बिसारिया ने अपनी किताब 'एंगर मैनेजमेंट' में 2016 में हुए उरी हमले को लेकर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने लिखा कि उरी में भारतीय सेना के हेडक्वार्टर पर हुए आतंकी हमले के तुरंत बाद अमेरिका ने पाकिस्तान को सबूत सौंपा था। हमले में इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) एजेंसी शामिल थी। अमेरिका ने सबूतों को पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधान मंत्री नवाज शरीफ को सौंपकर जवाब मांगा था।
पाकिस्तान में अमेरिकी राजदूत ने सितंबर 2016 में उरी हमले के बाद नवाज शरीफ से मुलाकात की थी। उस वक्त भारत ने उरी हमले में शहीद हुए 19 भारतीय सैनिकों की मौत के लिए पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद (JEM) को जिम्मेदार ठहराया था। अमेरिका ने नवाज शरीफ को एक फाइल सौंपी थी। जिसमें ISI और जैश-ए-मोहम्मद की संलिप्तता के अलावा अन्य आरोप शामिल थे।
सबूत देखकर हिल गए थे नवाज शरीफ
अमेरिका ने जो सबूत सौंपे थे, वे इतने मजबूत थे कि नवाज शरीफ हिल गए थे। उनके चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ दिख रही थीं। आखिरकार नवाज शरीफ ने पाकिस्तानी सेना से जवाब मांगा। उन्होंने इस मामले पर चर्चा करने के लिए प्रधान मंत्री कार्यालय में नागरिक और सैन्य नेताओं की एक बैठक बुलाई। तब पाकिस्तान के विदेश सचिव ऐजाज अहमद चौधरी ने एक प्रेजेंटेशन दिया कि देश को राजनयिक अलगाव का सामना करना पड़ रहा है। पठानकोट हमले की जांच के बाद जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है। इस बैठक की रिपोर्ट सबसे पहले पाकिस्तान के डॉन अखबर ने अक्टूबर 2016 में प्रकाशित की थी।
रिपोर्ट छपने के बाद आया भूचाल
रिपोर्ट छपने के बाद पाकिस्तान में भूचाल आ गया। सेना ने नवाज शरीफ को हटाने का निर्णय ले लिया। सेना ने कहा कि नवाज शरीफ को हटाने का समय आ गया है। सेना ने एक ऐसे प्रधान मंत्री के खिलाफ देशद्रोह के आरोप लगाना शुरू कर दिया, जिसने मूल राष्ट्रीय हित पर सवाल उठाने का साहस किया था। उसके बाद वही हुआ जिसका डर था। सियासी घटनाक्रम इतनी तेजी से बदला कि 2017 में पीएमएल-एन पार्टी प्रमुख नवाज शरीफ को उनके पद से हटा दिया गया और उन्हें 2018 में पाकिस्तान से भागना पड़ा।
क्या डेविड हेल ने सौंपा था सबूत?
पूर्व हाई कमिश्नर अजय बिसारिया ने अपनी किताब में उस अमेरिकी दूत के नाम का जिक्र नहीं किया है, जिसने नवाज शरीफ को सबूत सौंपे थे। हालांकि तब यह पद डेविड हेल के पास था।
भारत ने की थी रिश्तों में मिठास लाने की पहल
2014 में केंद्र की सत्ता संभालने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान से रिश्ते सुधारने की कोशिश की। उन्होंने अपने शपथ ग्रहण समारोह में नवाज शरीफ को निमंत्रण भेा था। शरीफ की पोती की शादी में शामिल होने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी 2015 में लाहौर चले गए थे। लेकिन जनवरी 2016 में पठानकोट में भारतीय वायु सेना अड्डे पर आतंकी हमला हुआ। हमले के लिए भी जैश-ए-मोहम्मद को दोषी ठहराया गया था। वहीं उरी हमले ने दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया। तब से दोनों देशों के बीच बातचीत बंद है।