Uttarakhand UCC: उत्तराखंड ने सोमवार (27 जनवरी) से यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू कर दिया। ऐसा करते ही यह देश में विवादित कानून को लागू करने वाला पहला राज्य बन गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सीएम आवास स्थित मुख्य सेवक सदन से इसका ऐलान किया। सीएम धामी ने इस मौके पर UCC के नियमों की जानकारी देने वाला पोर्ट लाॅन्च किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इसके साथ ही उन्होंने राज्य के लोगों से तीन साल पहले किया अपना वादा पूरा कर दिया। आज का दिन सिर्फ राज्य के लिए नहीं बल्कि पूरे देश के लिए ऐतिहासिक है। UCC किसी धर्म या वर्ग के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह समाज में समानता और न्याय सुनिश्चित करेगा।
UCC का मकसद किसी को निशाना बनाना नहीं
मुख्यमंत्री आवास में आयोजित कार्यक्रम में UCC पोर्टल का शुभारंभ करने के बाद सीएम धामी ने यह कानून राज्य के सभी नागरिकों को समान अधिकार और जिम्मेदारी देगा। धामी ने कहा कि मेरे लिए यह एक भावुक पल है। सीएम ने कहा कि UCC का मकसद किसी को निशाना बनाना नहीं, बल्कि सभी को एक समान अधिकार देना है। इस कोड के लिए एक पोर्टल https://ucc.uk.gov.in शुरू किया गया है। इस पोर्टल पर आम जनता लॉग इन कर जानकारी ले सकती है।
#WATCH | Dehradun: Uttarakhand Chief Minister Pushkar Singh Dhami launches UCC (Uniform Civil Code) portal and rules. pic.twitter.com/LwetU9tv1o
— ANI (@ANI) January 27, 2025
पंडित हो मौलवी मानना होगा एक कानून
इस कानून के तहत शादी, तलाक और संपत्ति के बंटवारे से जुड़े सभी कानून समान होंगे। सभी धर्मों को अब एक कानून मानना होगा। मुस्लिम हो या हिंदू, पंडित हो या मौलवी सबके लिए अलग-अलग कानून नहीं चलेगा। मतलब साफ है, कि आज के बाद उत्तराखंड में मुस्लिम एक्ट लागू नहीं हाेगा। तो चलिए आपको, एक-एक कर बताते हैं कि उत्तराखंड में आज के बाद से क्या-क्या बदलने वाला है।
#WATCH | Dehradun: Uttarakhand Chief Minister Pushkar Singh Dhami says, "Today is a historic day not only for our state but for the entire country as we are implementing UCC (Uniform Civil Code) in the state..." pic.twitter.com/jiCMPUkBYL
— ANI (@ANI) January 27, 2025
विवाह और तलाक के लिए एक समान कानून
UCC के तहत अब सभी धर्मों के लिए विवाह और तलाक से जुड़े नियम समान होंगे। चाहे शख्स हिंदू हो या मुसलमान, शादी का रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी होगा। शादी के छह महीने के भीतर रजिस्ट्रेशन कराना पड़ेगा। ऐसा नहीं करने पर सरकार सीधे 25,000 रुपए जुर्माना ठोक देगी। हालांकि, राहत की बात यह है कि जिन लोगों की शादी 2010 से पहले हुई है, उन्हें रजिस्ट्रेशन करवाने की जरूरत नहीं होगा। पुरुष और महिलाओं दोनों को तलाक का समान अधिकार मिलेगा। विवाह से जुड़े मामलों में पारदर्शिता और समानता लाने के लिए ऐसा किया गया है। साथ ही इस कानून में महिलाओं के अधिकारों को और अधिक सशक्त बनाने पर खास जोर दिया गया है।
Uttarakhand Government implements Uniform Civil Code, Uttarakhand, 2024 (Act no 3 of 2024) in the state pic.twitter.com/Sz3Hcxs8Vf
— ANI (@ANI) January 27, 2025
संपत्ति में समान अधिकार का प्रावधान
UCC के लागू होते ही संपत्ति के अधिकार में बड़ा बदलाव होगा। अब खानदानी संपत्ति में बेटा और बेटी को समान हिस्सेदारी मिलेगी। साथ ही जायज और नाजायज औलादों के बीच संपत्ति के बंटवारे में में कोई भेदभाव नहीं होगा। महिलाओं को भी संपत्ति में पुरुषों के समान अधिकार मिलेगा। उत्तराधिकार कानून के तहत अब सभी धर्मों के लिए एक समान नियम लागू होंगे। इससे महिलाओं और बच्चों को संपत्ति से जुड़े मामलों में होने वाले भेदभाव से मुक्ति मिलेगी।
लिव-इन रिलेशनशिप के लिए भी बने नियम
UCC में लिव-इन रिलेशनशिप को भी कानूनी मान्यता दी गई है। जोड़ों के लिए पंजीकरण अनिवार्य होगा। 18 से 21 साल के कपल को पंजीकरण के दौरान माता-पिता की सहमति लेनी होगी। लिव-इन रिलेशनशिप से जन्मे बच्चों को वैध माना जाएगा। यह प्रावधान ऐसे जोड़ों और उनके बच्चों के कानूनी अधिकार सुनिश्चित करेगा। राज्य सरकार का कहना है कि यह कानून सभी वर्गों के लिए समान अधिकार और दायित्व सुनिश्चित करेगा।
धार्मिक परंपराओं में कोई बदलाव नहीं
हालांकि, UCC के तहत कई बड़े बदलाव किए गए हैं, लेकिन धार्मिक परंपराओं और पूजा-पद्धतियों में कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया। शेड्यूल ट्राइब्स को भी इस कानून के दायरे से बाहर रखा गया है। धार्मिक मामलों को उनके मूल रूप में बनाए रखने का फैसला राज्य सरकार ने लिया है। इससे राज्य की सांस्कृतिक विविधता और परंपराओं को संरक्षित रखा जा सकेगा।
सीएम धामी ने इसे बताया ऐतिहासिक कदम
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि UCC लागू करने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई थीं। अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया गया और कानून के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जरूरी कदम उठाए गए। धामी ने कहा है कि यह पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान का हिस्सा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कानून समाज में एकरूपता और समानता स्थापित करेगा। इसके जरिए राज्य में सामाजिक न्याय सुनिश्चित होगा।