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Vande bharat updates: स्लीपर वेरिएंट प्रोटोटाइप की प्रगति उम्मीद से धीमी रही है, क्योंकि इंडियन रेलवे 24-कोच वाली ट्रेनों के अधिग्रहण के लिए बातचीत कर रहा है।

Vande bharat updates: वंदे भारत ट्रेनों के स्लीपर वेरिएंट के पटरी पर आने में देरी की संभावना है। क्योंकि इसके डिजाइन में महत्वपूर्ण बदलाव और ट्रेन की लंबाई को लेकर बातचीत अभी जारी है। एक अंग्रेजी अखबार ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि करीब 60,000 करोड़ रुपए की आपूर्ति और रखरखाव के एग्रीमेंट के चलते ये चर्चाएं हो रही हैं। स्लीपर वेरिएंट के प्रोटोटाइप पर काम अपेक्षित गति से धीमा है, क्योंकि इन चर्चाओं के कारण इसमें देरी हो रही है। ऐसे में यात्रियों को प्रीमियम स्लीपर ट्रेन में सफर के लिए इंतजार करना पड़ेगा। 

रेलवे चाहता है 24 कोच वाली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय रेलवे 24 कोच वाली ट्रेनें खरीदने को लेकर उत्सुक है। इस प्रोजेक्ट से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया- “अनुबंध की शर्तें हर रेक के कोच कॉन्फ़िगरेशन को बदलने की अनुमति देती हैं। रेलवे बिना किसी अतिरिक्त लागत के 12-, 16- या 24-कोच वाली ट्रेनें मांग सकता है।”

इनके पास है वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों का कॉन्ट्रैक्ट
200 स्लीपर वंदे भारत ट्रेनों का कॉन्ट्रैक्ट 2023 के मध्य में किनेट रेलवे सॉल्यूशंस को दिया गया था, जिसमें भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) और टिटागढ़ रेल सिस्टम्स (TRS) का संघ भी शामिल है। प्रोटोटाइप ट्रेनों को एक साल के भीतर शोकेस करने का प्लान था, लेकिन अब तक काम शुरू नहीं हुआ है। 

साल के अंत तक पहली खेप मिलने की उम्मीद

  • एक अन्य एग्रीमेंट BEML और चेन्नई के इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) को 10 स्लीपर वेरिएंट ट्रेनों की आपूर्ति के लिए हुआ है। इस महीने की शुरुआत में प्रोटोटाइप के कुछ कोच प्रदर्शित किए गए थे, और इस साल के आखिर तक पहली खेप मिलने की उम्मीद है।
  • किनेट रेलवे सॉल्यूशंस, जो एक इंडो-रूसी ज्वाइंट वेंचर है, ने 16-कोच रेक के लिए 120 करोड़ रुपए में 120 स्लीपर वेरिएंट ट्रेनों का ऑर्डर हासिल किया है। BHEL-TRS का संघ भी इसी मूल्य संरचना के तहत 80 ट्रेनें सप्लाई करेगा। 

नई डेडलाइन पर कंपनी प्रवक्ता ने क्या कहा?  
किनेट के स्पोक्सपर्सन ने पुष्टि की है कि इंडियन रेलवे के साथ कॉन्ट्रैक्ट के दायरे में बदलाव को लेकर चर्चा जारी है। उन्होंने कहा- "हम भारतीय रेलवे के साथ लगातार बातचीत कर रहे हैं, ताकि दायरे में समायोजन को अंतिम रूप दिया जा सके। एक बार सहमति बनने के बाद नई परियोजना की डेडलाइन तय कर ली जाएगी। किनेट भारतीय रेलवे के साथ मिलकर अनुबंध को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।"

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