Vikramaditya Singh Takes Back Resignation: हिमाचल प्रदेश की सरकार के लिए हालात सामान्य होते नजर आ रहे हैं। अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ बगावत करने वाले हिमाचल प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बुधवार को सुबह दिया गया अपना इस्तीफा शाम होते-होते वापस ले लिया। इस बीच मुख्यमंत्री सुखवीर सिंह सुक्खू ने दावा किया उनकी सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी।
मुख्यमंत्री सुक्खू पर लगाए कई आरोप
विक्रमादित्य हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे हैं। उन्होंने बुधवार सुबह इस्तीफा देने के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की कार्यशैली को लेकर सवाल उठाए थे। सुक्खू पर अपने दिवंगत पिता वीरभद्र सिंह का अनादर करने का आरोप लगाया था। साथ ही कहा था कि सीएम सुक्खू विधायकों को लेकर लापरवाह हैं। वह मीडिया से बातचीत के दौरान भावुक हो गए थे और कहा था कि सरकार ने उनके पिता की मूर्ति लगाने के लिए दो गज जमीन तक देने से इनकार कर दिया था।
पर्यवेक्षकों से बात करने के बाद इस्तीफा वापस लिया
विक्रमादित्य सिंह को बुधवार की शाम कांग्रेस के पर्यवेक्षकों ने बातचीत करने के लिए बुलाया। बता दें कि कांग्रेस ने हिमाचल में पैदा हुए संकट को देखते हुए कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और हरियाणा के पूर्व सीएम भूपिंदर सिंह हुड्डा को पर्यवेक्षक बनाया है। दोनों पर्यवेक्षकों से शिमला में बातचीत करने के बाद विक्रमादित्य सिंह ने अपना इस्तीफा वापस लेने का ऐलान कर दिया।
'मुख्यमंत्री ने स्वीकार नहीं किया मेरा इस्तीफा '
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि मेरी पार्टी के पर्यवेक्षकों के साथ बातचीत हुई हैं। संगठन किसी भी व्यक्ति से ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। संगठन को मजबूत रखना पार्टी से जुड़े हर शख्स की जिम्मेदारी है। पार्टी के हित को देखते हुए और पार्टी की एकता बनाए रखने के लिए मैं फिलहाल अपने इस्तीफे के लिए दबाव नहीं डालूंगा। साथ ही कहा कि, सुबह दिए गए उनके इस्तीफे को मुख्यमंत्री ने स्वीकार नहीं किया।
क्या सीएम सुक्खू ने विक्रमादित्य को मनाया
हिमाचल के सियासी हलकों में ऐसी खबरें हैं कि विक्रमादित्य को मनाने में मुख्यमंत्री सुक्खू की भूमिका अहम। सुक्खू जब पर्यवेक्षकों से मुलाकात कर लौटे तो कहा कि विक्रमादित्य सिंंह भाई हैं ओर उनसे बात कर लेंगे। विक्रमादित्य मुझसे पहले भी कई बार बात कर चुके हैं। अगर ऐसी कुछ बात होती हैं तो उनसे बात कर ली जाएगी। ऐसी कोई बड़ी बात नहीं है। मुख्यमंत्री के इसी बयान के आधार पर कहा जा रहा है कि विक्रमादित्य को मनाने में सीएम सुक्खू का अहम योगदान है।