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Shimla mosque controversy: संजौली में मस्जिद परिसर का 2007 के बाद विस्तार किया गया था। 2010 में मस्जिद को अवैध बताते हुए मामला दर्ज कर लिया गया। हालांकि, इस बीच 14 वर्षों में मस्जिद पर चार नई मंजिलें जोड़ी गईं।

Shimla Mosque Controversy: शिमला के संजौली में एक मस्जिद परिसर में अवैध निर्माण के खिलाफ बुधवार (11 सितंबर) को हिंदू संगठनों और स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच  झड़प भी हुई। प्रदर्शनकारियों ने,  'हिमाचल ने ठाना है, देवभूमि को बचाना है' और 'भारत माता की जय' जैसे नारे लगाए। इस दौरान पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया और और लाठीचार्ज किया।आखिर शिमला के संजौली इलाके में मस्जिद में अतिरिक्त मंजिलों के कथित अवैध निर्माण के विरोध में लोगों ने धरना क्यों दिया यह पूरा मामला क्या है। इसके बारे में आपको बता रहे हैं।

संजौली मस्जिद को लेकर क्या है विवाद?
संजोली में मस्जिद परिसर का 2007 के बाद विस्तार किया गया था। इसके बाद साल 2010 में मस्जिद को अवैध बताते हुए मामला दर्ज कर लिया गया। हालांकि, इस बीच 14 वर्षों में मस्जिद पर चार नई मंजिलें जोड़ी गईं। नगर निगम में इस अवैध अतिक्रमण को लेकर 44 बार सुनवाई हुई, लेकिन इसकाकोई समाधान नहीं निकला। पिछले महीने कुछ लोगों के एक समूह ने दावा किया कि उनकी जमीन पर मस्जिद का विस्तार किया जा रहा है और इसको लेकर दो समुदायों के बीच संघर्ष की स्थिति उत्पन्न हो गई। इस विवाद के बाद यह पांच मंजिला मस्जिद स्थानीय और राजनीतिक चर्चा के केंद्र में आ गई।

14 साल बाद कैसे शुरू हुआ विवाद?
मस्जिद निर्माण को लेकर पिछले 30 अगस्त को अल्पसंख्यक समुदाय के आधा दर्जन लोगों ने मल्याणा इलाके में व्यापारी यशपाल सिंह और कुछ अन्य पर रॉड और लाठियों से हमला कर उनको घायल कर दिया। व्यवसायी यशपाल सिंह कथित तौर पर शिमला के पास कसुम्पटी विधानसभा के मल्याणा के रहवासी हैं। इस मारपीट के आरोप में गुलनवाज (32), सारिक (20), सैफ अली (23), रोहित (23), रिहान (17) और समीर (17) और रिहान के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज किया था। इनमें पांच आरोपी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के रहने वाले हैं, जबकि रिहान देहरादून का रहने वाला है।

इस हमले के बाद हिंदू संगठनों ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा के पास विरोध प्रदर्शन किया और मस्जिद के अवैध निर्माण को गिराने की मांग की। लोग संजौली के बाहर के इलाके मल्याणा में इकट्ठा हो गए। लोगों का दावा है कि मस्जिद की चार मंजिलें अवैध हैं। दस साल के बाद भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। लोगों ने अवैध मस्जिद को गिराने की मांग की। हिमाचल की कांग्रेस सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि संजौली में मस्जिद का निर्माण अवैध रूप से किया गया है। उन्होंने इसके निर्माण की जांच की मांग की। 

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मंत्री अनिरुद्ध सिंह के बयान पर बवाल
मस्जिद के अवैध निर्माण का मामला हिमाचल विधानसभा में भी गूंजा। इस बीच कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने पूरी मस्जिद को ही अवैध बताया है। इस दौरान उन्होंने लव जिहाद का मुद्दा तो उठाया ही, साथ ही शिमला में रोहिंग्यों के होने का भी जिक्र कर दिया।

ओवैसी भी विवाद में कूदे 
संजौली मस्जिद विवाद को लेकर विधानसभा में कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह के बयान पर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने प्रतिक्रया दी है। ओवैसी ने कहा कि हिमाचल की कांग्रेस सरकार भाजपा की भाषा बोल रही है। उन्होंने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष के 'मोहब्बत की दुकान' के नारे को लेकर तंज कसते हुए कहा कि हिमाचल कांग्रेस की मोहब्बत की दुकान में नफरत ही नफरत है।

विक्रमादित्य बोले- गिराई जाएगी मस्जिद
इस विवाद को लेकर विक्रमादित्य सिंह ने मीडिया से कहा कि यदि कोर्ट मस्जिद को अवैध बताती है तो उसे गिराया जाएगा। उन्होंने कहा, यह मामला न्यायालय में है। यदि यह अवैध पाई जाती है तो निश्चित तौर पर उसे कानून की प्रक्रिया के तहत तोड़ा जाएगा। हालांकि, ये म्यूनिसिपल कमिश्नर के आदेश के बाद ही किया जा सकता है।

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