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Who is Priyamvada Natarajan: प्रियंवदा नटराजन जोसेफ एस. और सोफिया एस. फ्रूटन प्रोफेसर और येल के कला और विज्ञान संकाय में खगोल विज्ञान की अध्यक्ष और भौतिकी की प्रोफेसर है। 

Who is Priyamvada Natarajan: टाइम मैगजीन की 100 सबसे प्रभावशाली शख्सियतों की लिस्ट में भारतीय मूल की प्रियंवदा नटराजन को स्थान मिला है। वह जोसेफ एस. और सोफिया एस. फ्रूटन प्रोफेसर और येल (campuspress.yale.edu) के आर्ट एंड साइंस विज्ञान फैकल्टी में खगोल विज्ञान (एस्ट्रोनॉमी) की अध्यक्ष और भौतिकी (फिजिक्स) की प्रोफेसर हैं। वे यहां साल 2000 से बतौर फैकल्टी मेंबर पदस्थ हैं। यहां नटराजन का काम 'अदृश्य ब्रह्मांड' का मैप तैयार करना है।

सैद्धांतिक खगोल वैज्ञानिक (Astrophysicist) प्रियंवदा नटराजन को बुधवार को टाइम मैगजीन की 2024 की 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की लिस्ट में स्थान मिला है। हर साल पब्लिश होने वाली प्रतिष्ठित लिस्ट में ग्लोबल लीडर, उद्योग जगत के दिग्गज, खिलाड़ी, मीडिया सुपरस्टार और इनोवेटिव फील्ड से जुड़ी शख्सियतों को शामिल किया जाता है। 

टाइम ने नटराजन के बारे में क्या लिखा है?
अमेरिकी खगोल भौतिकीविद् शेप डोलेमैन ने नटराजन के बारे में टाइम मैगजीन के लिए आर्टिकल लिखा है। शेप डोलेमैन ने कहा- प्रिया को सबसे इनोवेटिव रिसर्ज करने की आदत है। साथी खगोलशास्त्री के तौर पर मैं हमेशा उनके काम से प्रभावित रहा हूं। नटराजन का लेटेस्ट रिसर्च रिजल्ट हमें ब्रह्मांड की उत्पत्ति को समझने के एक कदम और नजदीक ले जाता है। नवंबर में उनके शोध से कई सालों से चली आ रही खगोल विज्ञान के बुनियादी रहस्य को समझने में मदद मिली। उन्होंने बताया कि आकाशगंगाओं (गैलेक्सी) के बीच में मौजूद सुपरमैसिव ब्लैक होल कैसे बनते हैं?

कौन हैं प्रियंवदा नटराजन?
खगोल विज्ञान (एस्ट्रोनॉमी) और भौतिकी (फिजिक्स) की प्रोफेसर प्रियंवदा नटराजन का जन्म तमिलनाडु के कोयंबटूर में हुआ। इसके बाद नटराजन ने अपनी स्कूली शिक्षा दिल्ली में की और कैम्ब्रिज, मैसाचुसेट्स में MIT से ग्रेजुएशन और मास्टर डिग्री हासिल की। 1999 में वह कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से पीएचडी करने चली गईं, नटराजन यहां ट्रिनिटी कॉलेज में फेलो चुनी गईं एस्ट्रोफिजिक्स में पहली महिला थीं।

'अदृश्य ब्रह्मांड' के मैप पर काम कर रही हैं नटराजन 
येल न्यूज़ के मुताबिक, नटराजन का काम 'अदृश्य ब्रह्मांड' का मैप तैयार करना है। जो कि ब्लैक होल और ब्रह्मांड के प्रारंभिक चरणों में आकाशगंगाओं के निर्माण और विकास से जुड़ा है। नटराजन येल में 2000 (करीब 24 साल) से फैकल्टी मेंबर हैं। वह येल के आर्ट और साइंस फैकल्टी (FAS) में फिजिस्स की प्रोफेसर हैं। उन्हें कई अवॉर्ड मिल चुके हैं, इनमें अमेरिकन एकेडमी ऑफ आर्ट्स एंड साइंसेज, अमेरिकन फिजिकल सोसाइटी और अमेरिकन एसोसिएशन फॉर द एडवांसमेंट ऑफ साइंस फेलो भी शामिल हैं। 

टाइम से सम्मान मिलने पर क्या बोलीं नटराजन?
नटराजन ने एक बुक भी लिखी है, जिसका नाम- मैपिंग द हेवन्स: द रेडिकल साइंटिफिक आइडियाज़ दैट रिवील द कॉसमॉस (2016) है। टाइम लिस्ट में नाम आने पर नटराजन ने येल न्यूज से चर्चा में कहा कि मुझे शक था कि मैगजीन के एडिटर का ईमेल स्पैम हो सकता है, लेकिन अब पता चला कि यह कितना स्पेशल है। इससे एक संदेश जाता है कि साइंस फील्ड में रिसर्च करने पर भी आप प्रभावशाली हस्तियों में गिने जा सकते हो।

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