Manish Kashyap Join BJP: फेमस Youtuber और सन ऑफ बिहार के नाम से मशहूर मनीष कश्यप (Manish Kashyap) उर्फ त्रिपुरारी कुमार तिवारी ने गुरुवार, 25 अप्रैल को भाजपा की सदस्यता ले ली। मनीष कश्यप की जॉइनिंग दिल्ली के भाजपा हेडक्वार्टर में हुई। भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने मनीष को पार्टी की सदस्यता दिलाई। इस वक्त मनीष की मां भी मौजूद रहीं।
मनीष ने कुछ दिन पहले ऐलान किया था कि वे पश्चिमी चंपारण सीट से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने इस सीट पर प्रचार भी शुरू कर दिया था। वह निर्दलीय मैदान में उतरना चाहते थे। हालांकि उन्होंने अब चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया है। भाजपा सांसद मनोज तिवारी मनीष को पार्टी में लाने के सूत्रधार हैं।
आर्मी मैन के मनीष कश्यप 2020 में बिहार की चनपटिया विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा था। लेकिन हार मिली थी।
#WATCH | YouTuber Manish Kashyap joins the BJP, in Delhi.
— ANI (@ANI) April 25, 2024
(Video Source: BJP) pic.twitter.com/eMnSxRJZmL
2018 में शुरू किया था सच तक न्यूज चैनल
बेतिया जिले के रहने वाले मनीष कश्यप Youtuber हैं। उनके 8.75 मिलियन सब्सक्राइबर्स हैं। 2016 में पुणे के एक कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने वाले कश्यप ने 2018 में अपना यूट्यूब चैनल 'सच तक न्यूज' शुरू किया था। उन्होंने शुरुआत में बिहार के समसामयिक मुद्दों और जनहित से जुड़े मुद्दों पर कंटेंटे बनाए, जो लोगों के द्वारा खूब पसंद किए गए। बाद में उन्होंने अपना दायर बिहार से बाहर भी बढ़ाया। इस तरह वे युवाओं में काफी लोकप्रिय हो गए। लेकिन पूरे देश में उनका नाम तब सुर्खियों में आया, जब उन्हें फर्जी वीडियो मामले में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। मनीष को तमिलनाडु उसके बाद बिहार में 9 महीने जेल में बिताने पड़े।
इसलिए गिरफ्तार हुए थे मनीष कश्यप
मनीष कश्यप ने तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी श्रमिकों के साथ मारपीट का वीडियो अपने यूट्यूब चैनल पर पोस्ट किया था, जो काफी वायरल हुआ था। तमिलनाडु सरकार ने वीडियो को 2019 का बताया। यह भी कहा कि भ्रामक है। इस मामले में पुलिस ने मनीष के खिलाफ केस दर्ज किया। तमिलनाडु पुलिस के अलावा बिहार की आर्थिक अपराध इकाई (EOW) द्वारा उनके खिलाफ अलग-अलग मामले दर्ज किए।
जब पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करने के लिए दबिश दी तो वह अंडरग्राउंड हो गए। इसके बाद बेतिया पुलिस ने मनीष के घर की कुर्की शुरू की तो उन्होंने बीते साल मार्च में जिले के जगदीशपुर पुलिस स्टेशन में आत्मसमर्पण कर दिया था। बाद में तमिलनाडु पुलिस को हिरासत मिल गई और मनीष को मदुरै जेल भेज दिया गया। जहां वह चार महीने से अधिक समय तक बंद रहे। अगस्त में उन्हें बिहार वापस लाया गया और बेतिया अदालत में पेश किया गया। अदालत ने उन्हें पटना की बेउर जेल भेज दिया। दिसंबर 2023 में मनीष को जमानत मिली थी।
अपनी रिहाई के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कश्यप ने कहा था कि मैंने बेरोजगारी और प्रवासन का मुद्दा उठाया था और उन कथित वीडियो से मेरा कोई लेना-देना नहीं है। मीडिया ने भी मुझे बदनाम किया, लेकिन मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा था।