VHP demands on Gyanvapi Masjid controversy: वाराणसी के ज्ञानवापी गौड़ी ऋृंगार पर ASI की रिपोर्ट के बाद विश्व हिंदू परिषद ने अपनी दो मांगे सामने रखी है। विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि एएसआई की रिपोर्ट में मिले सभी सबूतों के आधार पर अब कोई शक नहीं है कि ज्ञानवापी ढांचे के नीचे मंदिर था। इसलिए अब वजूखाना में मिले शिवलिंग की सेवा पूजा की इजाजत मिलनी चाहिए। कोर्ट को तुरंत इसकी अनुमति देनी चाहिए।
इंतेजामिया कमेटी हिंदुओं को सौंपे मंदिर का मूल स्थान
आलोक कुमार ने कहा कि भारतीय पुरातत्व विभाग की नई रिपोर्ट पर गौर करते हुए इंतेजामिया कमेटी को अब मस्जिद दूसरी जगह शिफ्ट करना चाहिए और जो मूल स्थान है वह हिंदुओं को सौंप देना चाहिए। बता दें कि तीन दिन पहले ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने रिपोर्ट के बारे में पहली बार जानकारी दी थी। इसके बाद रिपोर्ट से जुड़ी और जानकारी भी सामने आई थी। विवादित ढांचे से खंडित मूर्तियों समेत 34 सबूत मिले हैं, जो बताते हैं कि पहले मस्जिद के नीचे भव्य मंदिर था।
#WATCH | Following the Archaeological Survey of India's report on the Gyanvapi case, Vishva Hindu Parishad (VHP) International Working President, Alok Kumar says, "...With all the evidence that has been collected and the conclusion that has been drawn, there is no room of doubt… pic.twitter.com/KNsUuOiTj4
— ANI (@ANI) January 28, 2024
क्या कहा आचार्य सत्येंद्र दास ने?
विश्व हिंदू परिषद की ओर से रखी गई मांग को लेकर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी। आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि शरियत के मुताबिक, मुस्लिम हिंदू ढांचे पर बनी मस्जिद में नमाज नहीं पढ़ सकते। अब यह साबित हो चुका है मस्जिद मंदिर के ऊपर बना था। ऐसे में ज्ञानवापी मस्जिद को हिंदुओं को सौंप दिया जाना चाहिए। ऐसा करने पर भाईचारा बनी रहेगी। हिंदू मंदिर बनाएंगे और अपने देवता की पूजा शुरू करेंगे। मैं मुस्लिम समुदाय के लोगों से अनुरोध करता हूं कि वह कुछ लोगों के बहकावे में नहीं आएं। हमारे आपसी संबंध बचे रहेंगे और भाईचारे की जीत होगी।
#WATCH | Ayodhya: On Vishva Hindu Parishad (VHP) International Working President, Alok Kumar's statements on the Gyanvapi's ASI survey report, Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra Chief Priest Acharya Satyendra Das says, " According to Shariat, Muslims cannot offer namaz in a… pic.twitter.com/yoS3l2PdON
— ANI (@ANI) January 28, 2024
मस्जिद के वजूखाने से मिली शिवलिंग जैसी आकृति
ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने से मई 2022 में पहली बार शिवलिंग जैसी आकृति मिली थी। इसके बाद वजूखाने को सील कर दिया गया था। इस साल जनवरी में कोर्ट ने वजूखाने की सफाई का आदेश दिया था। इसके बाद शिवलिंग जैसी आकृति साफ नजर आने लगी। इसे हिंदू पक्ष ने जहां शिवलिंग बताया था वहीं, मुस्लिम पद्वा ने दावा किया था कि यह पत्थर वजूखाने के फव्वारे का हिस्सा है।