(कीर्ति राजपूत)
5 Mantras Of Surya Dev : हर व्यक्ति चाहता है कि उसकी स्थिर नौकरी हो और वह अपने परिवार की अच्छी तरह परवरिश करे सके। परंतु ग्रहों के कमजोर होने से उसे कई तरह की समस्या का सामना करना पड़ता है। सूर्य ग्रह को नवग्रहों का राजा कहा जाता है। जिसकी कुंडली में सूर्य देव मजबूत होते हैं, उन्हें अपने जीवन में हर क्षेत्र में सफलता मिलती है। वहीं सूर्य कमजोर होने पर ना सिर्फ इंसान अस्वस्थ रहता है, बल्कि नौकरी में भी अस्थिरता बनी रहती है। अगर आप भी इन सभी समस्या से छुटकारा पाना चाहते हैं तो भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा बता रहे हैं सूर्य देव के 12 मंत्र और उनसे होने वाले लाभ।
1. ॐ हृां मित्राय नम:
सूर्य देव का ये मंत्र आपको अच्छी सेहत और कार्य करने की क्षमता का वरदान देता है. इसके जाप से हृदय की शक्ति बढ़ती है।
2. ॐ हृीं रवये नम:
सूर्य देव के इस मंत्र से क्षय व्याधि दूर होती है, शरीर में रक्त का संचार ठीक रहता है और कफ से जुड़े रोग समाप्त होते हैं।
3. ॐ हूं सूर्याय नम:
इस मंत्र के जाप से इंसान को मानसिक शांति प्राप्त होती है, इसके अलावा ज्ञान में वृद्धि होती है।
4. ॐ ह्रां भानवे नम:
इस मंत्र के जाप से मूत्राशय से जुड़ी परेशानियां दूर हो सकती है और शरीर में ओजस नाम के तत्व का विकास होता है।
5. ॐ हृों खगाय नम:
सूर्य देव के इस मंत्र से बुद्धि का विकास होता हैं और शरीरिक बल बढ़ता है। साथ ही मलाशय से जुड़ी बीमारियां भी दूर होती हैं।
6. ॐ हृ: पूषणे नम:
इस मंत्र के जाप से बल और धैर्य दोनों बढ़ते हैं, इससे इंसान का मन धार्मिक कार्यों में लगता है।
7. ॐ ह्रां हिरण्यगर्भाय नमः
ये मंत्र छात्रों के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। इस मंत्र का जाप इंसान को कई विषयों का ज्ञान प्रदान करता है। इससे शारीरिक, बौद्धिक और मानसिक शक्तियां विकसित होती हैं।
8. ॐ मरीचये नमः
ये मंत्र इंसान को रोगों से छुटकारा दिला सकते हैं, इसके जाप से इंसान का स्वास्थ्य अच्छा रहता है और शरीर की कान्ति बनी रहती है।
9. ॐ आदित्याय नमः
इस मंत्र से बुद्धि प्रखर होती है और आर्थिक उन्नति होती है।
10. ॐ सवित्रे नमः
इस मंत्र के जाप से मनुष्य का यश बढ़ता है, सूर्य देव की कृपा मिलती है औरइंसान की कल्पनाशक्ति भी बढ़ती है।
11. ॐ अर्काय नमः
इस मंत्र से मन दृढ़ होता है, जीवन की सभी समस्याएं दूर होती हैं।
12. ॐ भास्कराय नमः
इस मंत्र से शरीर में बाहरी और आन्तरिक स्वच्छता बनी रहती है, शरीर कांतिमय होता है और मन भी प्रसन्न रहता है।