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Pitru Paksha 2024: हिंदू धर्म-शास्त्रों के अनुसार, पितरों का पितृलोक चंद्रमा के उर्ध्वभाग में होता है। वहीं, दूसरी तरफ अग्निहोत्र कर्म करने से आकाश मंडल के सभी पक्षियों की तृप्ति होती है। पक्षियों के लोक को भी पितृलोक के नाम से जाना गया है।

Pitru Paksha 2024: हिंदू धर्म-शास्त्रों के अनुसार, पितरों का पितृलोक चंद्रमा के उर्ध्वभाग में होता है। वहीं, दूसरी तरफ अग्निहोत्र कर्म करने से आकाश मंडल के सभी पक्षियों की तृप्ति होती है। पक्षियों के लोक को भी पितृलोक के नाम से जाना गया है। बताया जाता है कि, कुछ पितर जल के देवता वरुणदेव के यहां आश्रय ग्रहण करते है। इसलिए पितरों की स्थिति जल में भी बताई गई है। यहां हम आज जानेंगे 3 पक्षियों के बारे में, जिन्हें पितरों के समान माना गया है। 

पितरों के समान होते हैं ये 3 पक्षी 
(Pitro Ke Saman Hote Hai Ye 3 Pakshi) 

कौआ : पितृ पक्ष में कौआ बेहद महत्वपूर्ण पक्षी हो जाता है। माना जाता है कि, कौआ ही एकमात्र ऐसा जीवित जीव है, जो धरती से स्वर्ग और नरक दोनों में विचरण कर सकता है। कौए का घर में आना अतिथि-आगमन का सूचक माना जाता है। साथ ही श्राद्ध पक्ष में इसे पितरों का आश्रम स्थल माना गया है। 

हंस : धर्म शास्त्रों में हंस को ऐसा पक्षी बताया गया है, जिसके अंदर देव आत्माएं आश्रय लेती हैं। जिन आत्माओं ने अपने जीवन में अच्छे कार्य किये है अथवा यम नियमों की सही से पालना की है, उन्हें कुछ काल के लिए हंस योनि में रहना होता है। इसके पश्चात उन्हें फिर से मनुष्य योनि या देवलोक प्राप्ति होती है। 

गरुड़ : गरुड़ भगवान श्री हरि नारायण के वाहन है। इन्हीं के नाम पर गरुड़ पुराण भी है, जिसमें श्राद्ध कर्म, स्वर्ग नरक, पितृलोक के बारे में काफी कुछ बताया गया है। माना गया है कि, हमारे पितर भगवान राम को मेघनाथ के नागपाश से मुक्त करने वाले पवित्र पक्षी गरुड़ में ही कुछ काल तक निवास करते है। 

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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