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राम मंदिर अयोध्या में भगवान राम अपने बाल स्वरूप में विराजमान हो चुके हैं। हिन्दुधर्मावलम्बियों द्वारा कई वर्षों से इस दिन का इंतज़ार किया जा रहा था। रामलला की प्रतिमा के नाम का चयन किया जा चुका है।

(रुचि राजपूत)

Lord Ram Name : लगभग 500 साल के लंबे इंतजार के बाद भक्तों को 22 जनवरी 2024 को खुश खबरी मिल गई। इस दिन अयोध्या में प्रभु राम की प्रतिमा में प्राण प्रतिष्ठा कर दी गई थी। मर्यादा पुरषोत्तम भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा के बाद से ही भक्तों का सैलाव दर्शन करने के लिए राम मंदिर पहुंच रहा है। प्राण प्रतिष्ठा के बाद से ही देश भर के भक्त रामलला के दर्शन के लिए आतुर हैं। बाल रूप में विराजे प्रभु श्री राम की इस प्रतिमा के नाम का चयन हो चुका है। तो चलिए जानते हैं हरदा के रहने वाले पंडित एवं ज्योतिषी धर्मेंद्र दुबे से कि राम लला की इस नई प्रतिमा का नाम क्या है।

रामलला की नई प्रतिमा का क्या है नाम?
हिन्दू धर्म में भगवान श्री राम को विष्णु भगवान का अवतार माना जाता है। रामलला की इस नई प्रतिमा का नाम "बालक राम" रखा गया है, क्योंकि राम मंदिर में भगवान श्री राम के जिस बाल स्वरूप को स्थापित किया गया है, वह श्री राम के 5 वर्ष की आयु में होने को दर्शाती है। अयोध्या की इस प्रतिमा को श्री राम के उस रूप का प्रतीक बताया जा रहा है, जब भगवान श्री राम 5 साल के थे और अवध में अपनी बाल लीलाओं से सभी को आश्चर्यचकित कर दिया करते थे। अवध में रह रहे लोग त्रेता युग में भगवान श्री राम की बाल लीलाओं के साक्षी रहे हैं.

अयोध्या के राम मंदिर में भगवान श्री राम के बाल रूप का नाम "बालक राम" इसलिए भी रखा गया है क्योंकि जब कोई इस नाम से प्रतिमा को संबोधित करेगा। तो उसे महसूस होगा कि वह अपने बच्चे का नाम ले रहा हैं। "बालक राम" नाम रखने से सभी भक्त भगवान श्री राम के बालस्वरूप का आनंद उठा पाएंगे।

"बालक राम" नाम रखने से भगवान श्री राम के भक्त जब उन्हें पुकारेंगें तब वह उन्हें भगवान ना मानकर अपने बच्चे की दृष्टि से देख पाएंगे और उन पर अपना पूर्ण लाड़ और प्यार जता पाएंगे। भगवान श्री राम की अयोध्या में स्थापित इस प्रतिमा की आंखें जीवंत नेत्रों की सूचक है, इन्हें देखकर लगता है रामलला हमें स्वयं देख रहे हैं। ऐसे में भगवान श्री राम के इस नाम को लेते हुए उन्हें देखने का अर्थ है साक्षात राम लला की अनुभूति करना।

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