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Chhath Puja 2024: आज छठ पूजा का दूसरा दिन हैं, जिसे खरना कहा जाता है। आज के दिन से व्रती 36 घंटे के निर्जला व्रत का प्रारंभ करते हैं। कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर प्रतिवर्ष छठ का दूसरा दिन यानी खरना मनाया जाता है।

Chhath Puja 2024: आज छठ पूजा का दूसरा दिन हैं, जिसे खरना कहा जाता है। आज के दिन से व्रती 36 घंटे के निर्जला व्रत का प्रारंभ करते हैं। आज के दिन ही छठ का विशेष प्रसाद तैयार किया जाता है। कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर प्रतिवर्ष छठ का दूसरा दिन यानी खरना मनाया जाता है। पंचाग के अनुसार, इस वर्ष खरना तिथि 6 नवंबर सुबह 12 बजकर 16 मिनट से 7 नवंबर सुबह 12 बजकर 41 मिनट तक रहेगी। जानते है अन्य जानकारी- 

छठ खरना 2024 मुहूर्त
(Chhath 2024 Kharna Muhurat) 

  • - छठ के दूसरे दिन आज ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 52 मिनट से लेकर सुबह 5 बजकर 45 मिनट तक का रहेगा। 
  • - छठ के दूसरे दिन चर-सामान्य मुहूर्त सुबह 09 बजकर 20 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 42 मिनट तक रहेगा। 
  • - छठ खरना के दिन लाभ-उन्नति मुहूर्त सुबह 10 बजकर 42 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 05 मिनट तक रहेगा। 
  • - छठ खरना पर अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 05 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 27 मिनट तक रहेगा। 
  • - छठ खरना पर आज शुभ-उत्तम मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 49 मिनट से लेकर शाम 04 बजकर 11 मिनट तक रहेगा। 
  • - छठ खरना के दिन आज सूर्योदय सुबह 6 बजकर 39 मिनट पर और सूर्यास्त शाम 5 बजकर 41 मिनट पर होगा। 

छठ खरना 2024 शुभ योग
(Chhath 2024 Kharna Shubh Yog) 

ज्योतिष के मुताबिक, आज छठ खरना पर सुकर्मा योग निर्मित हो रहा है। इसका समय सुबह 10 बजकर 51 मिनट तक रहेगा। 
 
छठ खरना का महत्व
(Chhath Kharna Ka Mahatav)

खरना से आशय है कि, तैयार किये गए प्रसाद को सबसे पहले छठी मैया को चढ़ाना है। इसके पश्चात स्वयं ग्रहण करना है। छठ खरना के दिन चावल, दूध, गुड़ की खीर और रोटी बनाई जाती है। फिर संध्याकाल में व्रती खरना करती है। इस दिन छठी मैया की पूजा-उपासना करने से विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। 

छठ खरना के नियम
(Chhath Kharna Ke Niyam) 

  • - छठ के दूसरे दिन मिट्टी के चूल्हे पर पीतल के बर्तन में गुड़ की खीर तैयार की जाती है। 
  • - छठ के दूसरे दिन खरना के लिए प्रसाद केवल व्रत रखने वाले लोग ही बना सकते है। 
  • - छठ के दूसरे दिन खरना के लिए प्रसाद पवित्रता और शुद्धता के साथ ही तैयार करें। 
  • - छठ के दूसरे दिन व्रती महिलायें बिस्तर पर नहीं सोएं। जमीन पर चटाई बिछाकर सोएं। 

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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