Christmas Day: क्रिसमस डे जल्द ही आने वाला है। 25 दिसंबर को पूरा देश इस त्योहार को मनाने के लिए तैयारियों में जुट गया है। महिलाएं, बच्चे और बुज़ुर्ग हर कोई क्रिसमस डे को खास तरीके से मनाता है। वहीं ईसाई धर्म के इस त्योहार में समाज और परिवार में प्रभु यीशु के प्रेम और करुणा के संदेश को फैलाने में महिलाएं एक अच्छी और अहम भूमिका निभाती हैं।
महिलाएं करती हैं खास तैयारी
क्रिसमस के मौके पर महिलाएं खूब तैयारियां करती हैं। प्रभु यीशू के इस त्योहार को खुशी और उमंग से मनाने के लिए महिलाएं घरों को सजाती हैं, क्रिसमस ट्री को रंगीन सितारों और लाइटों से सजाती हैं और पकवान व केक बनाती हैं। वहीं देश की समाजिक कार्याकर्ता व कला और नृत्य के क्षेत्र में अपना नाम कमा चुकीं कई हस्तियां भी क्रिसमस डे मनाने के लिए उत्साहित हैं। आइए जानते हैं ये हस्तियां कैसे इस त्योहार को अपने खास अदांज़ में सेलिब्रेट करती हैं।
क्रिसमस कैरल्स गाकर एक-दूसरे को खिलाते हैं केक
कथक नृत्यांगना शोवना नारायण कहती हैं- "मैं भी बहुत उत्साह-उमंग से क्रिसमस मनाती हूं। महिलाएं ही सामाजिक, सांस्कृतिक और पारिवारिक मूल्यों को सहेज कर रखती हैं। वे बच्चों को अपनी संस्कृति और परंपराओं से परिचित कराती हैं। क्रिसमस का पर्व समाज में सभी के प्रति प्रेम, करुणा का भाव जगाता है। मेरे पति रोमन कैथलिक हैं, वे आस्ट्रिया में रहते हैं। मैं ज्यादातर पति और बेटे के साथ क्रिसमस मनाने वियेना चली जाती हूं।
क्रिसमस पर क्रिसमस ट्री घर में पहले ही आ जाता है। उसे लाइट से सजाया जाता है, ताकि हमारे भीतर जो अंधेरा है, वह दूर हो और हमारा जीवन खुशहाल हो। क्रिसमस पर जीज़स क्राइस्ट के संदेशों को पढ़ा जाता है। इसके बाद क्रिसमस कैरल्स गाते हैं, इसके बाद केक या कुछ मीठा खाया जाता है। आधी रात में जिस समय यीशु का जन्म हुआ था तब लोग चर्च जाकर प्रार्थना करते हैं। रात को ही या 25 दिसंबर की सुबह को बच्चों को गिफ्ट दिए जाते हैं।"
'गरीब बच्चे व बुज़ुर्गों की मदद करती हूं'
हिंदी सिनेमा कि दिग्गज अभिनेत्री हिमानी शिवपुरी कहती हैं- "हर धर्म प्रेम और मानवता का संदेश देता है। इस नज़र से देखें तो अपने संस्कारों और मूल्यों से स्त्री समाज में प्रेम, करुणा और मानवता का संचार करती है। लगभग हर इंसान चाहता है कि वह कुछ ऐसा करे कि दूसरों को खुशी मिले। चाहे वह उसके परिवार के लोग हों, रिश्तेदार हों या आस-पास में रहने वाले लोग हों। अधिक व्यस्तता के कारण हम कलाकार ज्यादातर अपना त्योहार सेट पर ही मना लेते हैं। मेरी मेड (सेविका) असम से है और वह ईसाई है। मैं उसे क्रिसमस पर जरूर कुछ ना कुछ गिफ्ट देती हूं।
जरूरतमंद लोगों की मदद करने के लिए मैं हमेशा तैयार रहती हूं। फुटपाथ पर रहने वाले बच्चे और बुजुर्गों को कुछ ना कुछ देती हूं। ऐसा करने से इन लोगों के चेहरे पर एक अनोखी खुशी दिखाई देती है। बेशक मेरी यह मदद बहुत छोटी ही क्यों ना हो, लेकिन इस तरह आप किसी के जीवन में सेंटा क्लॉस बनकर उसे छोटी-छोटी खुशियां तो दे ही सकते हैं।"
'फैमिली और फ्रेंड्स के लिए लेटर्स लिखती हूं'
क्रिसमस को लेकर मशहूर गायिका शुद्धी रमनी ने बताया- "मेरे लिए क्रिसमस का मतलब है, पूरा परिवार साथ बैठकर खाना खाए, खुशियां मनाए। हम दोस्तों को भी घर बुला लेते हैं और आपस में खुशियां बांटते हैं। एक-दूसरे को गिफ्ट देते हैं। मैं क्रिसमस पर घर में एक बड़ा सा क्रिसमस ट्री लेकर आती हूं, जिसे हम खुद सजाते हैं। 24 दिसंबर की रात को मैं अपनी फैमिली और फ्रेंड्स के लिए लेटर्स भी लिखती हूं। रात को सबके सिरहाने पर वह लेटर रख देती हूं। रात को ही क्रिसमस ट्री के नीचे सभी घरवालों के लिए गिफ्ट भी रख देती हूं। इसके बाद क्रिसमस के अगले दिन मेरा जन्मदिन होता है तो उस दिन मुझे परिवार और दोस्तों से प्यारे-प्यारे गिफ्ट मिलते हैं।
सही मायने में त्योहारों की रौनक महिलाओं से होती है। वे ही इस तरह के सेलिब्रेशंस के माध्यम से पूरे परिवार, रिश्तेदारों, दोस्तों और आस-पड़ोस के लोगों को जोड़कर रखती हैं। समाज को एक सूत्र में जोड़ने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होती है। देखा जाए तो प्रभु यीशु के प्रेम और करुणा के संदेश को समाज में फैलाने का काम सही मायने में महिलाएं ही करती हैं।"
'ज़रूरतमंदों को गिफ्ट्स और कंबल बाटते हैं'
अधिवक्ता-सामाजिक कार्यकर्ता रिन्नी जॉय ने कहा- "प्रभु यीशु ने हमें सबसे बड़ा जो संदेश दिया है वो है सबसे प्रेम करो। महिलाएं सबको प्यार से जोड़कर रखती हैं। निरंतर परिवार-समाज से जुड़ी रहती हैं। वे वर्किंग होते हुए भी ऑफिस और घर को मैनेज करने के साथ-साथ आस-पड़ोस और रिश्तेदारी में भी प्रेम का रिश्ता बनाकर रखती हैं। महिलाएं यह काम बखूबी करती हैं।
क्रिसमस पर हम केक जरूर बनाते हैं और हमारे घर में काम करने वाले जैसे- मेड, ड्राइवर, गेटकीपर और स्वीपर, सभी के साथ हम केक बांटते हैं। चूंकि क्रिसमस सर्दियों में आता है तो हम गरीबों को कंबल बांटते हैं, उन्हें खाना भी खिलाते हैं। क्रिसमस के दिन हम परिवार के साथ लंच और डिनर करते हैं। इस दौरान दोस्तों और रिश्तेदारों से भी मिलते हैं, उन्हें गिफ्ट देते हैं। फैमिली मेंबर्स और बच्चों को जो गिफ्ट दिया जाता है उसे हम 24 की रात को ही क्रिसमस ट्री के नीचे रख देते हैं। क्रिसमस सेलिब्रेशन 24 दिसंबर की शाम से शुरू हो जाता है, जो 25 तक चलता है। क्रिसमस की रौनक नए साल के आने तक बनी रहती है।"
(प्रस्तुति : रेणु खंतवाल)