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Dussehra 2024 Upay: सनातन धर्म में विजयदशमी यानी दहशरे का पर्व बहुत महत्व रखता है। बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक रूप में इस दिन भगवान श्री राम की पूजा की जाती है और रावण दहन करने की भी परंपरा रही है।

Dussehra 2024 Upay: सनातन धर्म में विजयदशमी यानी दहशरे का पर्व बहुत महत्व रखता है। बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक रूप में इस दिन भगवान श्री राम की पूजा की जाती है और रावण दहन करने की भी परंपरा रही है। इस वर्ष दशहरा 12 अक्टूबर 2024, शनिवार को मनाया जा रहा है। दिवाली से करीब 20 दिन पहले आने वाली विजयदशमी पर दीपक प्रज्ज्वलित करने की परंपरा चली आ रही है। शास्त्रों में दहशरे पर दीपक जलाने के कुछ नियम बताये गए है, जिनके बारे में आपको जानना आवश्यक है। चलिए जानते है दशहरा पर किस समय और कितने दीपक प्रज्ज्वलित करने चाहिए। 

दशहरा पर कितने दीपक जलाएं?
(Dussehra Par Kitne Deepak Jalaye) 

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, दहशरे के दिन सभी दिशाओं में दीपक प्रज्ज्वलित करने चाहिए। आप इसके लिए कुल 10 दीपक जला सकते है। इन दीपक को जलाने के लिए आप सरसों के तेल का इस्तेमाल करें। इसके अलावा तुलसी, पीपल, शमी, बरगद और केले के लिए 5 दीपक अलग से जलाएं। साथ ही प्रभु श्री राम की पूजा के निमित्त एक घी का दीपक भी अवश्य प्रज्ज्वलित करें। मान्यता है कि, दशहरे के दिन जो भी ऐसा करता है, उसे जीवन में समृद्धि प्राप्त होती है। 

दशहरा पर किस दिशा में रखें दीपक?
(Dussehra Par Kis Disha me Rakhe Deepak)

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, दहशरे के दिन पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण के अलावा पूर्व-उत्तर (ईशान कोण), दक्षिण-पूर्व (आग्नेय कोण), पश्चिम-उत्तर (वायव्य कोण), दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य कोण), उर्ध्व (ऊपर की ओर) दिशा में दीपक प्रज्ज्वलित करना शुभ माना गया है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा रहती है। 

दशहरा पर किस समय जलाने चाहिए दीपक? 
(Dussehra Par Kis Samay Jalane Chahiye Deepak) 

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, दहशरे के दिन दीपक जलाने का समय ध्यान रखना बेहद जरुरी होता है। दशहरे के दिन प्रभु राम के लिए आप सुबह और शाम घी का दीपक प्रज्ज्वलित करें। इसके अलावा शेष दीपकों को शाम के समय प्रज्ज्वलित कर सकते है, क्योंकि यह समय दीप प्रज्ज्वलन के लिए शुभ होता है। 

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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