Hindu Puja Klawa Niyam: सनातन धर्म में पूजा-पाठ के दौरान हाथ में कलावा बाँधने की परंपरा रही है। यह सदियों पुरानी परंपरा है, जिसका विशेष महत्व माना गया है। किसी भी शुभ और मांगलिक कार्य के दौरान व्यक्ति के हाथ में कलावा बांधा जाता है, इसे मौली या रक्षा सूत्र के नाम से भी पहचानते है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पूजा के दौरान हाथ में कलावा बांधने से जीवन में चल रहे सभी संकटों से साधक को सरंक्षण प्राप्त होता है। चलिए जानते है विस्तार से।
ज्योतिष शास्त्र की मानें तो, हाथ में कलावा बांधने से साधक त्रिदेवों और तीन महादेवियों की कृपा का पात्र बनता है। जिस भी व्यक्ति पर यह कृपा होती है, उसे जीवन में धन संपत्ति, विद्या-बुद्धि और शक्ति की प्राप्ति होती है। सनातन धर्म में पूजा के दौरान पुरुषों, महिलाओं अथवा लड़कियों के लिए कलावा बंधवाने के लिए अलग-अलग नियम बताये गए है। आमतौर पर हम देखते है कि, कोई भी व्यक्ति कलावा बंधवाने के लिए अपना दायां हाथ ही आगे करता है।
कलावा बांधने का शुभ दिन
(Klawa Bandhane Ka Shubh Din)
ज्योतिष शास्त्र में कलावा बांधने के लिए मंगलवार और शनिवार का ही दिन शुभ माना गया है। इसे बांधने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। ध्यान रखें, हाथ में बंधा हुआ कलावा अपनी मर्जी से किसी भी दिन न उतार कर रखें। इसके लिए भी मंगलवार और शनिवार का दिन शुभ होता है।
पुरुष और महिला के कलावा बांधने के नियम
(Purush Mahila Ke Liye Kalawa Niyam)
हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, पुरुषों और अविवाहित कन्याओं के दाएं हाथ में और विवाहित स्त्री के बाएं हाथ में कलावा बांधा जाता है। ध्यान रखें, कलावा बंधवाते समय हाथ की मुट्ठी को बंद कर लेना चाहिए। साथ ही दूसरा हाथ सर पर रखें। इसके अलावा हाथ में कलावा 3 बार से ज्यादा न लपेटें।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।