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Holi ke Achuk Upay: 24 मार्च 2024, दिन रविवार को होलिका दहन किया जाएगा। इस दिन कच्चे सूत का विशेष महत्व बताया गया है। आम जीवन में इसका क्या असर होता है ? जानें

(रुचि राजपूत)

Holi ke Achuk Upay: फाल्गुन माह की पूर्णिमा पर होली (Holi) का त्योहार मनाया जाता है। इसके एक दिन पहले होलिका दहन (Holika Dahan) किया जाता है। होलिका दहन की अग्नि को नकारात्मकता नष्ट करने वाला माना जाता है और इसके दहन से सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ता। इसके अलावा इससे बुरी शक्तियों से छुटकारा मिलता है। होलिका दहन को धार्मिक शास्त्रों में बुराई की अच्छाई पर जीत का प्रतीक माना जाता है। इसलिए होलिका दहन की अग्नि में लोग कई चीजे अर्पित करते हैं। जिसके शुभ प्रभाव से जीवन में चल रहे संकट और परेशानियां दूर हो सकती है। इस बारे में अधिक जानकारी दे रहे हैं प्रसिद्ध ज्योतिषी पंडित धर्मेंद्र दुबे। आइए जानते हैं कि होलिका दहन की आग में कच्चा सूत  (Kachcha Soot) चढ़ाने से क्या लाभ मिलता है।

होलिका दहन में कच्चा सूत चढ़ाने के फायदे  (Benefits of offering raw cotton in Holika Dahan)

1. धार्मिक ग्रंथों में कच्चा सूत बेहद पवित्र माना जाता है, इसलिए कोई भी पूजा-पाठ, अनुष्ठान आदि में कच्चे सूत का प्रयोग जरूर किया जाता है। होलिका दहन के दौरान अग्नि की सात परिक्रमा करते हुए कच्चे सूत को तोड़कर अग्नि में डालने का विधान है। हिंदू रीति रिवाज के अनुसार ऐसा माना जाता है कि कच्चे सूत का संबंध शनि ग्रह से होता है। कच्चा सूत बाधा विनाशक होता है। ऐसे में होलिका दहन की आग में कच्चा सूत और नारियल अर्पित करने से कुंडली में शनि का स्थान मजबूत होता है। शनि दोष से मुक्ति मिलती है और भगवान शनि की आप पर कृपा बनी रहती है। 

2. अगर आपके घर में नकारात्मक ऊर्जा या किसी भी तरह की बाधा का प्रवेश हो गया है तो इस प्रभाव को काटने में कच्चा सूत बहुत सहायक होता है। 

3. इसके अलावा कोई घर में लंबे समय से बीमार हो तो उसके नाम का कच्चा सूत होलिका दहन की अग्नि में डाल देना चाहिए आराम मिलेगा। 

4. होलिका दहन के लिए जब गोबर के उपले से होलिका दहन की तैयारी की जाती है तब सारे उपलों को कच्चे सूत से बांधा जाता है। ऐसा इसलिए नहीं किया जाता है कि होलीका बिखर न जाए बल्कि इसके पीछे का उद्देश्य है बुरी शक्तियों को बांधना और उनसे हमेशा के लिए मुक्ति पाना।
 

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