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अक्सर अपने घर के बाहर या पूजा स्थान पर स्वास्तिक का चिन्ह बने देखा होगा। आज आपको बताएंगे इसे बनाने का सही तरीका और इसका अर्थ।

(रुचि राजपूत)

Swastik Aur Uska Arth : सनातन धर्म में स्वास्तिक को विशेष महत्व दिया गया है. घर में शुभता और सकारात्मकता लाने के लिए, स्वास्तिक के इस चिन्ह को घर के मुख्य द्वार पर बनाया जाता है. बहुत से ऐसे लोग हैं जो स्वास्तिक का चिन्ह गलत तरीके से बनाते हैं, अगर आप भी जाने अनजाने अब तक स्वास्तिक का चिन्ह गलत तरीके से बनाते आए हैं, तो आज ही अपनी इस गलती को सुधार कर सही तरीके से किस तरह ये चिन्ह बनाते हैं जान लीजिए। आज के इस आर्टिकल में हरदा के रहने वाले पंडित एवं ज्योतिषी धर्मेंद्र दुबे हमें स्वास्तिक बनाने का सही तरीका और इसका अर्थ बता रहे हैं।

स्वास्तिक का अर्थ 
सबसे पहले जानेंगे स्वास्तिक का क्या अर्थ है. दरअसल स्वास्तिक में दिखाई देने वाली सबसे दो रेखाएं जो एक दूसरे को काटती हुई प्रतीत होती हैं वे धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष को दर्शाती हैं. उसके बाद घड़ी की दिशा में बनाई जाने वाली चार रेखाएं जो आगे चलकर मुड़ जाती है वह सालोक्य, सामीप्य, सारूप्य और सायुज्य को दर्शाती हैं. इन रेखाओं के ऊपर निकली छोटी-छोटी रेखा मन, बुद्धि, अहंकार और चेतना को दर्शाती है. स्वास्तिक के बीच में रखी 4 बिंदिया श्रद्धा, विश्वास, प्रेम और समर्पण को दर्शाती हैं.

स्वास्तिक बनाने का सही तरीका
बहुत से लोग जल्दी-जल्दी में या जाने अनजाने में गलत तरीके से बना देते हैं। स्वास्तिक बनाने के लिए अनामिका उंगली का इस्तेमाल किया जाता है। सबसे पहले इस बात का ध्यान रखें कि स्वास्तिक बनाते समय कोई भी रखा एक दूसरे को आपस में नहीं काटे। इसके लिए आपको चार रेखाओं से स्वास्तिक बनाना है ना कि दो रेखाओं से. सबसे पहले ऊपर से नीचे की तरफ एक रेखा खींचें, उसके बाद उस रेखा के छोर पर दाएं से बाएं तरफ ले जाते हुए एक रेखा खींचें, फिर नीचे से ऊपर की तरफ ले जाते हुए एक और रेखा खींचें और अंत में बाएं से दाएं ले जाते हुए एक और रेखा खींचें। इन्हें जब आप देखेंगे तो ये प्लस + की आकृति जैसा लगेगा. दो रेखाओं को काटती हुई एक रेखा बनाई गई है लेकिन आपस में इन्हें कटने नहीं देना है.
अब इसी क्रम में इन रेखाओं के छोर पर आगे बढ़ती हुई रेखाएं बनाएंगे।
अब इनके ऊपर, ऊपर की तरफ निकलते हुए चार छोटी छोटी रेखाएं बनाएंगे.
अंत में स्वास्तिक के बीच में चार बिंदिया रख दें।

स्वास्तिक बनाने के लाभ
1. अगर आपके बच्चे का मन पढ़ाई में नहीं लग रहा है तो एक सफेद कागज पर स्वास्तिक बनाकर उसके स्टडी रूम में लगा दें फायदा मिलेगा।
2. अगर आपको किसी काम में सफलता नहीं मिल रही है तो घर की पश्चिम दिशा में स्वास्तिक बनाकर लाभान्वित हो सकते हैं।
3. अगर आप तिजोरी में रोली से स्वास्तिक बनाते हैं तो आपका व्यापार तेजी से बढ़ने लगता है।
4. घर के दक्षिण दिशा की दीवार पर स्वास्तिक का चिन्ह बनाने से घर में खुशियां बनी रहती है।
5. घर की उत्तर दिशा की दीवार पर स्वास्तिक का चिन्ह बनाने से आर्थिक तंगी दूर होती है।

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